उत्तर रेलवे वाराणसी में रेल प्रणाली को और बेहतर बनाने में तत्पर
Improve the Rail System
वाराणसी जं के यार्ड री-मॉडलिंग का कार्य के पूर्ण करने का लक्ष्य मार्च-2023
Improve the Rail System: दुनिया का सबसे प्राचीन शहर वाराणसी, भारत के अधिकांश धार्मिक संप्रदायों(religious sects) के लिए एक पावन भूमि है । भक्ति और अध्यात्म की इस नगरी में हर साल दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु आते हैं । उत्तर रेलवे वर्ष 2014 से इस शहर में अपनी आधारभूत संरचनाओं(infrastructures) को और उत्कृष्ट बना रहा है, जिससे यात्रियों को भारतीय रेल(Indian Rail) का सुखद और आदामदायक यातायात अनुभव मिल सके । मौजूदा समय में, उत्तर रेलवे का वाराणसी जंक्शन(Varanasi Junction of Northern Railway) (कैंट) स्टेशन देश की हर दिशा से इस पावन नगरी को आने वाली 112 रेलगाड़ियों को प्रतिदिन हैंडल करता है । इसमें भारत की बेहद प्रतिष्ठित और लोकप्रिय(very prestigious and popular) पहली सेमी-हाई स्पीड रेलगाड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस भी शामिल है ।
इस स्टेशन पर हर दिन (औसतन) 67,216 से अधिक यात्रियों का आवागमन होता है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 150% अधिक यात्रियों की संख्या है । उत्तर रेलवे शहर के इस प्रमुख स्टेशन के पुनर्विकास के लिए राइट्स की मदद ले रहा है। इस पुनर्विकास कार्य के अंतर्गत स्टेशन के बाहरी संरचना का सौंदर्यीकरण, मौजूदा प्लेटफॉर्मों में सुधार, दो नए प्लेटफॉर्मों और दो नए फुट-ओवर-ब्रिजों का निर्माण और स्टेशन के तीसरे प्रवेश द्वार का प्रावधान शामिल हैं ।
मालभाड़ा का संचालन
वाराणसी दो प्रमुख मेट्रो शहरों दिल्ली और कोलकाता के बीच स्थित है। इस सेक्शन पर मालगाड़ियों की भारी आवाजाही रहती है। जिसके कारण मालगाड़ियों को यात्री क्षेत्र से अलग करने की आवश्यकता महसूस की गयी । इसके लिए शिवपुर से फ्रेट बाईपास लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिससे यार्ड से होकर आवाजाही कम हो सके, उन्हें बाईपास लाइन के माध्यम से काशी से शिवपुर की ओर भेजा जा सकेगा जिससे वाराणसी जं. रेलवे स्टेशन को बाईपास किया जा सके। इससे स्टेशन क्षेत्र में यात्री रेलगाड़ियों के आवागमन को सुगम बनाए रखने में मदद मिलेगी । इस कदम से मालगाड़ियों की गति भी बेहतर होगी और यार्ड डिटेंशन के कारण होने वाले समय के नुकसान को भी बचाया जा सकेगा ।
वाराणसी यार्ड री-मॉडलिंग (निर्माणाधीन)
वाराणसी जं के यार्ड री-मॉडलिंग का कार्य तीव्र गति से हो रहा है, जिसका पूर्ण करने का लक्ष्य मार्च-2023 है | इस निर्माण कार्य के चलते वर्तमान में यात्रियों को परिचालन सम्बंधित कारणों से कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इस कार्य के पूर्ण होने पर यात्री एवं मालगाड़ियों का आवागमन सुगम होगा |
● वाराणसी यार्ड में लूप की लंबाई और प्लेटफॉर्म की लंबाई में वृद्धि ।
● प्लेटफार्म संख्या 1 से 4 तक की लाइनों का पूर्वोतर रेलवे के बनारस स्टेशन, प्लेटफार्म संख्या 1 से 5 तक की लाइनों का लोहता स्टेशन एवं प्लेटफार्म संख्या 6 से 9 तक की लाइनों का शिवपुर स्टेशन से सीधा जुडाव होगा जिससे आवागमन सुगम होगा |
● वाराणसी सिटी (BCY) और पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन (DDU) की ओर से सभी प्लेटफार्मों (1 से 9) की कनेक्टिविटी।
● नए फुट ओवर ब्रिज के साथ दो अतिरिक्त पूर्ण लंबाई वाले यात्री प्लेटफार्म (10 और 11) और तीसरी प्रवेश द्वार का विकास।
● मौजूदा एफओबी के कारण शेड्यूल ऑफ डाईमेंसन उल्लंघन को खत्म करने के लिए प्लेटफार्म संख्या 3 का चौड़ीकरण किया गया है |
● शिवपुर की ओर से गुड्स बाईपास लाइन का निर्माण जिससे यार्ड के माध्यम से क्रॉस-मूवमेंट कम होगा
● यात्री गाड़ी के रख-रखाव के लिए दो नई वाशिंग लाइन और 4 सिक लाइन पिट ।
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