एमएचआरडी की एनआईआरएफ रैंकिंग: पंजाब यूनिवर्सिटी को ओवरऑल 41वां रैंक
एमएचआरडी की एनआईआरएफ रैंकिंग: पंजाब यूनिवर्सिटी को ओवरऑल 41वां रैंक
पीयू के लॉ डिपार्टमेंट को 30वां, मैनेजमेंट को 67वां, इंजीनियरिंग को 92वां जबकि यूआईपीएस को तीसरा रैंक
चंडीगढ़, 15 जुलाई (साजन शर्मा)
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीच्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क) जारी की गई। इसमें यूनिवर्सिटी कैटेगरी में पंजाब यूनिवर्सिटी को ओवरऑल 41वां रैंक मिला है हालांकि उसके कुछ विभागों ने अपनी कैटेगरी में बेहतरीन रैंकिंग पाई है। पंजाब यूनिवर्सिटी के लॉ डिपार्टमेंट को इस रैंकिंग में 30वां स्थान हासिल हुआ है। वहीं मैनेजमेंट यानि यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल को 67वां रैंक मिला है। वहीं यूआईईटी यानि पीयू के इंजीनियरिंग विभाग को देशभर में 92वां स्थान हासिल हुआ है।
रैंकिंग 2022 के 7वें संस्करण में देशभर के फार्मेसी संस्थानों में पंजाब विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटीकल साइंसिज (यूआईपीएस) को तीसरे नंबर पर रखा गया है।
लगातार तीसरी बार दोहराई गई रैंकिंग: इंदुपाल कौर
यूआईपीएस की चेयरपर्सन प्रो. इंदु पाल कौर ने बताया कि 2016 में रैंकिंग ढांचे की स्थापना के बाद से संस्थान लगातार दूसरी और तीसरी रैंक हासिल कर रहा है। यूआईपीएस की इस प्रतिष्ठित उपलब्धि का श्रेय इसकी समृद्ध विरासत, विश्व स्तर पर प्रशंसित संकाय, विभाग का बुनियादी ढांचा, टीम वर्क और उत्कृष्ट शोध परिणाम हैं। प्रकाशनों में उच्च कौशल; पेटेंट के मामले में उच्च गुणवत्ता वाले शोध उत्पादन, उद्योग और अनुदान के लिए प्रौद्योगिकी-स्थानांतरण; अकादमिक और सहयोगी आउटपुट यूआईपीएस की अहम ताकत हैं। उन्होंने कहा कि पुरस्कार फिर से यूआईपीएस द्वारा बनाए गए उत्कृष्ट शैक्षणिक और अनुसंधान मानकों की गवाही देता है और दोहराता है। इस तथ्य के बावजूद कि यूआईपीएस एक राज्य विश्वविद्यालय के अंतर्गत आता है, केंद्र द्वारा वित्त पोषित संस्थानों की तुलना में, जिन्हें आरएंडडी, बुनियादी ढांचे आदि के लिए करोड़ों का फंड मिलता है, यूआईपीएस शीर्ष रैंक बनाए रखने में सक्षम है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में जहां देशभर में कई निजी संस्थान आ रहे हैं, यूआईपीएस ने गर्व से अपनी रैंकिंग बनाए रखी है।
परसेप्शन में घटा स्कोर: रेणु विग
पंजाब विश्वविद्यालय की समग्र रैंकिंग के संदर्भ में डीयूआई प्रो. रेणु विग ने बताया कि विश्वविद्यालय का समग्र स्कोर 2021 में 50.31 से बढ़कर 2022 में 51.23 हो गया है। हालांकि परसेप्शन (अवधारणा) में स्कोर कम हो गया है। अनुसंधान और विकास प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. सुधीर कुमार ने बताया कि पीयू की एनआईआरएफ-रैंकिंग की समग्र तस्वीर निराशाजनक नहीं है, नकारात्मक कारकों के प्रभाव के बावजूद, पीयू के अकादमिक और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र की सर्वोत्कृष्ट लचीलापन ने इसे नीचे नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि अन्य कारकों के अलावा कुछ विभागों की ओर से आईक्यूएसी को आवश्यक डेटा प्रदान करने में निरंतर अनिच्छा का भी इस वर्ष एनआईआरएफ रैंकिंग के कथित रूप से स्थिर होने पर असर पड़ सकता है। उम्मीद है कि अगले साल एनआईआरएफ रैंकिंग की सूची में पीयू काफी बेहतर प्रदर्शन करेगा।