Newborn care units started in four district hospitals of Haryana

हरियाणा के चार जिला अस्पतालों में शुरू हुए न्यूबोर्न केयर यूनिट्स, स्वास्थ्य मंत्री ने चंडीगढ़ से वर्चुअल माध्यम से किया उद्घाटन

 Newborn care units started in four district hospitals of Haryana

Newborn care units started in four district hospitals of Haryana

Newborn care units started in four district hospitals of Haryana- चंडीगढ़। हरियाणा के स्वास्थ्य, आयुष एवं नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ.कमल गुप्ता ने सिविल अस्पताल,चरखी दादरी, फर्स्ट रेफरल यूनिट-2, सेक्टर-3, फरीदाबाद, उप जिला अस्पताल, नरवाना, जिला जींद और उप जिला अस्पताल, सोहना, जिला गुरुग्राम में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में स्थापित 4 विशेष नवजात देखभाल इकाइयों (एसएनसीयू) का उद्घाटन किया।

कमल गुप्ता ने सोमवार को चंडीगढ़ में अपने कार्यालय से चार जिलों में विशेष नवजात देखभाल इकाइयों का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल भी उपस्थित थे।  

कमल गुप्ता ने कहा कि हरियाणा में पहले 24 एसएनसीयू थी, आज नए चार एसएनसीयू के उद्घाटन के बाद कुल 28 एसएनसीयू हो गए हैं जो कि हमारे लिए बहुत खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की शिशु मृत्यु दर प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 28 है जो 2013 (एसआरएस 2013 के अनुसार आईएमआर-41) से 13 अंकों की उल्लेखनीय कमी आई है। नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) 26 (एसआरएस 2013) से घटाकर 19 (एसआरएस 2020) हो गई है। राज्य में एसएनसीयू, नवजात स्थिरीकरण इकाइयों (एनबीएसयू) और एनबीसीसी के तेजी से बढऩे से नवजात मृत्यु दर में कमी आई है। विशेष नवजात देखभाल इकाइयों में प्रति वर्ष बहुत अधिक संख्या में बीमार नवजात शिशु भर्ती होते हैं। भर्ती होने वाले कुल नवजात शिशुओं में से 50 प्रतिशत कम वजन के होते हैं। प्रत्येक एसएनसीयू बीमार नवजात को भर्ती, दवा, जांच, मां के लिए मुफ्त आहार, मुफ्त एम्बुलेंस सेवाओं के रूप में मुफ्त सेवाएं प्रदान करता है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा एसएनसीयू में इन नवजात शिशुओं को रेडिएंट वार्मर, फोटोथेरेपी, माइक्रो, अल्ट्रा केयर यूनिट, मल्टी पैरा मॉनिटर, ऑक्सीजन वितरण उपकरण आदि की मदद से विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। समय से पहले जन्मे नवजात शिशु, कम वजन वाले (एलबीडब्ल्यू) बच्चे, जन्म के समय श्वासावरोध, संक्रमण, नवजात पीलिया, जन्मजात विसंगतियों आदि से पीड़ित नवजात शिशुओं का इन एसएनसीयू में दाखिल किया जाता है।