New Income Tax Bill हुआ संसद में पेश, पुराने आयकर अधिनयम को बदलकर आसान भाषा में इसे समझना होगा आसान
![आयकर अधिनियम 1961 काफी जटिल और उलझा हुआ था](https://www.arthparkash.com/uploads/income-tax-bill-2025.webp)
income tax bill introduced: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में नया आयकर विधायक यानी की न्यू इनकम टैक्स बिल पेश किया, जिसमें 622 पन्नों में 536 खंड शामिल है। जिसका उद्देश्य 64 वर्षों से प्रभावित 823 पन्नों के मौजूदा कानून को बदलना है। स्पष्ट भाषा में लिखा गया नया आयकर विधायक 2025 मूल्यांकन वर्ष की अवधारणा को समाप्त करता है और वित्तीय वर्ष के साथ रेखांकित करने के लिए कर वर्ष पेश करता है। नया 622 पन्नों का आयकर विधेयक 2025 और इसका उद्देश्य 60 साल पुराने आयकर अधिनियम 1961 को बदलना है। आपको बता दें कि एक बार पारित होने के बाद इसे आयकर अधिनियम 2025 कहां जाएगा इसके अप्रैल 2026 में प्रभावित होने की उम्मीद है।
क्यों बदला गया यह बिल?
आयकर अधिनियम 1961 काफी जटिल और उलझा हुआ था, इसके साथ ही बीच-बीच में इसमें कई संशोधन किए गए बदलाव करने की कोशिश की गई लेकिन इसकी जटिलता बरकरार थी। इसलिए आयकर विधेयक में पूर्ण रूप से बदलाव कर इसे न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 का नाम दिया जा रहा है। नई विधेयक का उद्देश्य संरचना को सरल और सुव्यवस्थित करना है, जिससे करदाता और प्रशंसकों के लिए इसे समझना और उसका पालन करना बेहद ही आसान हो जाएगा। इस विधेयक में आयकर अधिकारियों के लिए फेसलेस क्षेत्राधिकार के प्रावधान पेश किए गए हैं, जिसमें दूरस्थ और डिजिटल कर प्रशासन संभव हो सकता है। इसमें कर विवादों के कुशल समाधान के सुविधा के लिए विवाद समाधान समिति और अग्रिम निर्णय जैसे वैकल्पिक विवाद समाधान के उपाय भी शामिल है।
क्या है नए आयकर विधेयक की विशेषताएं
- आयकर विधायक 2025 में भाषा को बेहद ही सरल तरीके से रखा गया है अनावश्यक प्रावधानों को हटा दिया गया है और संक्षिप्त वाक्य को अपनाया गया है।
- इस बिल में कोई भी प्रकार का एक्स्ट्रा कर नहीं लगाया गया यहां आयकर अधिनियम 1961 के मौजूदा कर प्रावधानों को समाप्त करता है।
- इसके अलावा 1961 के अधिनियम के 298 खंड 23 अध्याय और 14 अनुसूचियों की तुलना में इसमें 622 प्रिंसटन में 536 धारा है 23 अध्याय और 16 अनुसूचियां शामिल है।
- इस नए इनकम टैक्स बिल में कर वर्ष यानी कि टैक्स ईयर की अवधारणा को पेश किया गया है पिछले वर्ष और मूल्यांकन वर्ष जैसे जटिल शर्तों को समाप्त कर कर वर्ष पर जोर दिया गया है।
- स्पष्टीकरण या शर्तों के बजाय तालिकाओं और सूत्रों का प्रयोग किया गया है करदाता चार्ट में अधिकारों और जिम्मेदारियां को रेखांकित किया गया है और यह इतनी सरल भाषा में लिखित है कि इसे समझना टैक्स देने वाले और लेने वाले दोनों के लिए आसान हो जाएगा।