नई शिक्षा नीति को मिली केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी

नई शिक्षा नीति को मिली केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी

New Education Policy 2023

New Education Policy 2023

अर्थ प्रकाश, 13 दिसम्बर ! New Education Policy 2023: भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित केन्द्रीय सरकार की कैबिनेट की स्वीकृति के बाद 36 साल बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई ।
कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2023) को हरी झंडी दे दी है. 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है. नई शिक्षा नीति की उल्लेखनीय बातें सरल तरीके की इस प्रकार हैं: 

Five Years Fundamental

1.  Nursery    @ 4 Years 
2.  Jr KG        @ 5 Years
3.  Sr KG        @ 6 Years
4.  Std 1st     @ 7 Years 
5.  Std 2nd    @ 8 Years

Three Years Preparatory

6.  Std 3rd     @ 9 Years 
7.  Std 4th     @10 Years 
8.  Std 5th     @11 Years 

Three Years Middle

9.  Std 6th     @ 12 Years 
10.Std 7th     @ 13 Years 
11.Std 8th     @ 14 Years

Four Years  Secondary

12.Std 9th     @ 15 Years 
13.Std SSC    @ 16 Years 
14.Std FYJC  @ 17Years 
15.STD SYJC @18 Years 

खास बातें 
#केवल 12वीं क्‍लास में होगा बोर्ड 
MPhil होगा बंद, कॉलेज की डिग्री 4 साल की
10वीं बोर्ड खत्‍म,

अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा. बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा।
पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा l 9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी. स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा।
 वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी l यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्‍लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी।
3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है l वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी l 4 साल की डिग्री करने वाले स्‍टूडेंट्स एक साल में  स्नात्तकोत्तर ( एम ए )  करने के बाद के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे l स्‍टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे दूसरे कोर्स. हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है l 
हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं l सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे. वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे l एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा. बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं l 
●सरकारी, निजी, डीम्‍ड सभी संस्‍थानों के लिए होंगे समान नियम।

 देश में शिक्षा नीति पर कब कब क्या क्या हुआ 

आजाद भारत की पहली शिक्षा नीति कोठारी आयोग की रिपोर्ट (1964-1966) पर आधारित थी जिसे  इंदिरा गांधी सरकार ने दौलत सिंह कोठारी की अध्यक्षता में बनी l यह शिक्षा पर पहली राष्ट्रीय नीति की घोषणा  थी। इसका मुख्य उद्देश्य 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना था दूसरी बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनपीई) 1986 को राजीव गांधी सरकार ने पेश किया था  इस नीति को बनाने में कई लोगों का योगदान रहा था l 1985 के बजट सत्र में इस पर चर्चा की गई जिस में 'शिक्षा की चुनौतियां - एक नीति परिप्रेक्ष्य' नाम का नीति दस्तावेज़ आया था. इस पर व्यापक चर्चा हुई थी और इसके सुझावों को एनपीई 1986 में शामिल किया गया l फिर 1990 में चंद्रशेखरकी सरकार में आचार्य राममूर्ति की अध्यक्षता में एक समिति का गठन हुआ  पी वी नरसिम्हा राव 
1990  में आचार्य राममूर्ति की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था. इस समिति को राममूर्ति समीक्षा समिति के नाम से जाना जाता है l लेकिन पी वी नरसिम्हा राव सरकार में 
जुलाई 1991 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. जनाधन रेड्डी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था l इस समिति ने जनवरी 1992 में आज़ाद भारत की रिपोर्ट पेश की थी जो तीसरी शिक्षा नीति थी l इस रिपोर्ट को 'क्रियान्वन कार्यक्रम 1992' के नाम से जाना जाता है l