New Delhi Records Highest Nominations Amid Fierce Competition in Delhi Elections 2025

दिल्ली चुनाव 2025: नई दिल्ली सीट पर घमासान, 981 उम्मीदवारों में किसकी होगी जीत?

New Delhi Records Highest Nominations Amid Fierce Competition in Delhi Elections 2025

New Delhi Records Highest Nominations Amid Fierce Competition in Delhi Elections 2025

नई दिल्ली, 18 जनवरी: New Delhi Sees Highest Nominations in Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 5 फरवरी को मतदान की तारीख तय की है। 70 सीटों पर होने वाले इस चुनाव के लिए कुल 1521 नामांकन दाखिल किए गए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, इन नामांकनों में से 981 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरेंगे।

नॉमिनेशन की प्रक्रिया और अहम तारीखें
नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन 17 जनवरी था, जिसमें अकेले 680 नामांकन दर्ज किए गए। इन नामांकनों की जांच शनिवार को होगी, और उम्मीदवार 20 जनवरी तक अपना नाम वापस ले सकते हैं।

नई दिल्ली सीट पर सबसे ज्यादा नामांकन
नई दिल्ली विधानसभा सीट इस बार सबसे अधिक चर्चा में है। यहां 29 उम्मीदवारों ने कुल 40 नामांकन दाखिल किए हैं। इस सीट पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भाजपा के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित जैसे बड़े नाम चुनाव लड़ रहे हैं।

कस्तूरबा नगर सीट पर सबसे कम नामांकन
इसके विपरीत, कस्तूरबा नगर सीट पर सबसे कम नामांकन दर्ज किए गए हैं। यहां कुल 6 उम्मीदवारों ने 9 नामांकन दाखिल किए हैं। इस सीट से आम आदमी पार्टी के रमेश पहलवान, भाजपा के नीरज बसोया और कांग्रेस के अभिषेक दत्त के बीच मुकाबला होगा।

कालकाजी सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष
कालकाजी विधानसभा सीट से 18 उम्मीदवारों ने कुल 28 नामांकन दाखिल किए हैं। इस सीट से वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी, भाजपा के रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा।

पिछले चुनावों का समीकरण
दिल्ली की राजनीति में पिछले कुछ सालों से आम आदमी पार्टी (AAP) का दबदबा रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 70 में से 62 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा को केवल 8 सीटें मिली थीं। कांग्रेस, जो लगातार 15 साल तक सत्ता में रही थी, पिछले दो चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पाई।

चुनाव का महत्व
इस बार का विधानसभा चुनाव तीनों प्रमुख पार्टियों—AAP, भाजपा और कांग्रेस—के लिए महत्वपूर्ण है। जहां AAP अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहती है, वहीं भाजपा और कांग्रेस अपनी स्थिति सुधारने की कोशिश में हैं।