यूपी में SC-ST आयोग के नए अध्यक्ष का ऐलान, दो उपाध्यक्ष और 16 सदस्य भी बनाए गए
SC-ST Commission formed in UP
SC-ST Commission formed in UP: यूपी में एससी और एसटी आयोग का गठन कर दिया गया है. पूर्व विधायक बैजनाथ रावत को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि दो उपाध्यक्ष और 16 सदस्य बनाए गए हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद आयोग और निगमों का गठन किया जा रहा है. पिछड़ा वर्ग आयोग और महिला आयोग का भी गठन किया गया. यूपी के बाराबंकी जिले के रहने वाले बैजनाथ रावत सांसद, विधायक और राज्यमंत्री रह चुके हैं. बैजनाथ रावत एक दलित परिवार से आते हैं.
इसमें कोई संदेह नहीं कि सरकार की ओर से यह कदम उपचुनाव को देखते हुए उठाया गया है ताकि यह चुनाव लोकसभा परिणाम के कटु अनुभव की याद मिटा सके. हालांकि सरकार का यह फैसला कुछ दिनों तक उम्र सीमा को लेकर विवादों में जरूर रहा, लेकिन आखिरकार बैजनाथ रावत का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया.
जिम्मेदारी मिलने पर पीएम और सीएम का आभार जताया
यूपी सरकार के फैसले और आयोग के अध्यक्ष बनाए जाने पर बैजनाथ रावत ने खुशी भी जताई. उन्होंने इसके लिए पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार भी जताया है. रावत ने कहा कि जो भी जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है वो पूरी जिम्मेदारी के साथ उसका निर्वहन करेंगे और न्याय की दिशा में काम करेंगे.
रावत एक बार के सांसद और यूपी सरकार में राज्यमंत्री के साथ ही तीन बार के विधायक भी रहे हैं. रावत की गिनती बेहद सरल स्वभाव और ईमानदार लोगों में होती है. लंबे समय तक राजनीति करने के बाद भी वो गुटबाजी वाली राजनीति से हमेशा दूर रहे. साफ सुथरी छवि की वजह से यूपी की सियासत में उनकी एक अलग पहचान भी है.
सक्रिय राजनीति से हैं दूर
बैजनाथ मौजूदा समय में सक्रिय राजनीति से दूर हैं और अपने गांव में रहकर खेती करते हैं. माना जा रहा है कि योगी सरकार ने उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी तो दी है साथ में विरोधी जो उन्हें पार्टी में उपेक्षित होने की याद दिलाते थे उस दर्द से भी मुक्ति दिला दी है. सक्रिय राजनीति में रहते हुए बैजनाथ को तरक्की तो खूब मिली लेकिन उनके पैर हमेशा जमीन पर ही रहे.
एक बार पाला बदला था, लेकिन फिर घर वापसी हो गई
बैजनाथ रावत के मुताबिक वह तीन बार विधायक बने लेकिन तीनों बार उनका कार्यकाल कम रहा, जिसकी वजह से उन्हें भरपूर काम करने का मौका नहीं मिला. 1998 में वह बाराबंकी सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे, तीन बार विधायक रहे तो एक बार यूपी में बिजली राज्य मंत्री भी रहे. आजीवन बीजेपी का कार्यकर्ता रहे बैजनाथ रावत ने एक बार पाला भी बदला और समाजवादी पार्टी का दामन थामा था, लेकिन फिर उनका मन ऊब गया और वह अपने पुराने परिवार में आ गए.
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