नेहरू मेमोरियल संग्रहालय का नाम बदलने पर बवाल; PM मोदी ने अब यह नाम रखा तो कांग्रेस बोली- अपमान कर दिया, नफरत पाल रखी है
Nehru Memorial Museum Name Changed
Nehru Memorial Museum Name Changed: देश की राजधानी दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) का नाम बदल दिया गया है। केंद्र की बीजेपी सरकार ने अब आधिकारिक तौर पर इसका नाम प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) रखा है। वहीं नेहरू नाम हटने से कांग्रेस में बौखलाहट देखने को मिल रही है। कांग्रेस के भिन्न-भिन्न नेता बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला बोल रहे हैं। उनका कहना है कि, नाम बदलने की यह राजनीति ठीक नहीं है। नेहरू का नाम हटाकर पीएम मोदी ने ठीक नहीं किया है। ये देश के लिए अपमानजनक है। क्योंकि पंडित नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री थे और उनका देश के स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ा योगदान रहा। पंडित नेहरू ने देश को आज़ादी दिलाने में मदद की थी।
नेहरूवादी विरासत को नष्ट करने का एजेंडा चल रहा
कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि, आज एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिला है। विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल), पीएमएमएल-प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय बन गया है। इसे देखकर लगता है कि, पीएम मोदी के पास भय, जटिलताओं और असुरक्षाओं का एक बड़ा बंडल है, खासकर जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री की आती है। उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है। उन्होंने N को मिटाकर उसकी जगह P डाल दिया है.... लगातार हमले के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
लोग यह पसंद नहीं करते
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि, बीजेपी के लिए नाम बदलना अब रोजमर्रा की बात हो गई है। मेरी राय में राजनीति में बदलाव के हिसाब से नाम नहीं बदलने चाहिए। देश में कुछ नई चीज बनती है तो उसको नाम दें। मुझे नहीं लगता कि संस्थानों के नाम बदलने को लेकर लोगों में कोई सराहना है।
नेहरू के खिलाफ नफरत है
कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने कहा कि, ऐसा करना हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के खिलाफ नफरत है। वे आज़ादी दिलाने के क्रम में लिए जेल गए। पीएम मोदी वाजपेयी जी की पुण्य तिथि पर पंडित नेहरू की उस विरासत को मिटाना चाहते हैं जिसे पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री और पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने बनाया था। पंडित नेहरू लोगों के दिलों में रहते हैं और उन्हें पूरे भारत में प्यार मिलता है।
नेहरू को दया की जरूरत नहीं
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि, पंडित नेहरू ने स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ा योगदान दिया और आज़ादी दिलाने में मदद की। जिस व्यक्ति ने इस देश को आज़ादी दिलाई उस व्यक्ति के नाम पर रहे नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलना देश के लिए अपमानजनक है। जवाहरलाल नेहरू ने इतनी लंबी लकीर खींच दी है कि उन्हें आपकी दया की ज़रूरत नहीं है। उनका नाम अमर है।
बीजेपी की यह कुंठित मानसिकता
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि, यह और कुछ नहीं बल्कि कुंठित मानसिकता है। पं. जवाहरलाल नेहरू पहले प्रधानमंत्री थे। उनके नाम पर एक संस्था का नाम रखा गया और उनके कार्यकाल को प्रतिबिंबित करने के लिए एक संग्रहालय बनाया गया...यदि आपको (केंद्र) अन्य प्रधानमंत्रियों पर एक संस्था बनानी थी, तो आप ऐसा कर सकते थे। लेकिन अगर आप किसी चीज को दबाते हैं या हटाते हैं तो इसका मतलब है कि आपका मकसद कभी प्रदर्शन नहीं बल्कि भारत के स्वर्णिम इतिहास को दबाने का प्रयास है।
संजय राउत का भी आया बयान
इधर, कांग्रेस के साथ-साथ अन्य विपक्षी नेताओं ने भी बीजेपी पर हमला बोला है। उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कहा कि, बीजेपी के पास और क्या बचा है? लेकिन यह बीजेपी के लोग यह जान ले कि वो इमारत का नाम बदल सकते हैं लेकिन इतिहास में वर्णित पंडित नेहरू का नाम नहीं बदल सकते। आप महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सावरकर जी द्वारा बनाए गए इतिहास को नहीं बदल सकते। आप उनके जैसा इतिहास नहीं बना सकते इसलिए आप नाम बदल रहे हैं।
AAP ने भी बोला हमला
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय कर देने पर से यह साफ जाहिर होता है कि, भाजपा की संस्कृति ऐसी है जहां मृत व्यक्ति का भी अपमान किया जाता है।
BJP ने दिया जवाब
कांग्रेस और अन्य नेताओं के हमलों का बीजेपी ने भी जवाब दिया है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि, ये देश सबका है और ये देश किसी व्यक्ति से नहीं बल्कि व्यवस्था और संस्था से है। यह लोकतंत्र है...प्रधानमंत्री एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था है इसलिए संग्रहालय उन सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित किया गया है जिन्होंने इस देश की सेवा की।
वहीं बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी और जयराम रमेश व पीएम नरेंद्र मोदी की सोच में बुनियादी अंतर है। वे (कांग्रेस) सोचते हैं कि केवल नेहरू जी और परिवार ही मायने रखते हैं। नरेंद्र मोदी ने देश के सभी प्रधानमंत्रियों को म्यूजियम में सम्मानजनक स्थान दिया...लाल बहादुर शास्त्री को वहां क्यों नहीं मिली जगह? वहां न तो इंदिरा गांधी थीं, न राजीव गांधी, न मोरारजी देसाई, न चौधरी चरण सिंह, न अटल बिहारी वाजपेई, न आईके गुजराल, न एचडी देवेगौड़ा... जब सभी प्रधानमंत्रियों को जगह मिल रही है, तो यह प्रधानमंत्री स्मृति पुस्तकालय बन रहा है।