Navjot Sidhu News: पटियाला जेल में सजा काट रहे नवजोत सिद्धू को बड़ी राहत, कोर्ट ने केस खारिज किया, देखें क्या है पूरा मामला
Navjot Sidhu gets relief from court
Navjot Sidhu News : पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ी राहत मिली है| दरअसल, चंडीगढ़ पुलिस (Chandigarh Police) के एक DSP द्वारा पिछले दिनों सिद्धू के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का केस दायर किया गया था| जिसमें सुनवाई चल रही थी| लेकिन अब इस केस को कोर्ट ने खरिज कर दिया है| कोर्ट सिद्धू पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा|
क्या है पूरा मामला?
आपको बतादें कि, पंजाब विधानसभा चुनाव- 2022 के प्रचार के दौरान सिद्धू (Navjot Sidhu) अपनी पार्टी के एक नेता के समर्थन में रैली करने पहुंचे हुए थे| अब सिद्धू तो सिद्धू, जो कि अपने बड़बोलेपन के लिए जाने जाते हैं| जहां सिद्धू ने इस रैली में बयान दे डाला कि अगर विधायक चाहे तो वह 'थानेदार की पैंट गीली' करा सकता है| बतादें कि, सिद्धू के इस बयान के वक्त आस-पास पुलिस वाले भी मौजूद थे|
फिलहाल, सिद्धू (Navjot Sidhu) के इस बयान ने पुलिस तंत्र की भावना को काफी ठेस पहुंचाई| वहीं, चंडीगढ़ पुलिस के DSP दिलशेर चंदेल ने तो सिद्धू से इस बयान को लेकर माफी मांगने तक की बात कही| दिलशेर चंदेल ने कहा कि सिद्धू का यह बयान बेहद शर्मनाक है| यह बयान पूरे पुलिस सिस्टम को अपमानित और शर्मिंदा कर रहा है|
दिलशेर चंदेल का कहना था कि नेता जिस फोर्स का इस्तेमाल करते हैं उसी के लिए इस तरह की बयानबाजी करते हैं| राजनीति में पुलिस को लेकर बयानबाजी नहीं की जानी चाहिए| बतादें कि, दिलशेर चंदेल सिद्धू के खिलाफ कोर्ट पहुंच गए थे और उनके खिलाफ मानहानि केस दायर किया था|
रोडरेज केस में सिद्धू को अभी कोई राहत नहीं
ज्ञात रहे कि, नवजोत सिद्धू (Navjot Sidhu) इन दिनों पटियाला जेल में बंद हैं| सिद्धू 20 मई से पटियाला जेल में सजा काट रहे हैं| दरअसल, करीब 34 साल पुराने एक रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक साल की सजा सुनाई है| सुप्रीम कोर्ट से एक साल की सजा मिलने के बाद खुद को पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर दिया था| जिसके बाद उन्हें पटियाला जेल में लाकर बंद कर दिया गया| मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिद्धू को पटियाला जेल में बैरक नंबर 10 में रखा गया है|
1988 का है रोडरेज मामला ....
बतादें कि, रोडरेज का यह पूरा मामला दिसंबर 1988 का है। जब पटियाला में सिद्धू की सड़क पर एक बुजुर्ग से झड़प हो गई थी| बताया जाता है कि इस झड़प में मारपीट हुई और जिसके बाद उस बुजुर्ग शख्स की मौत हो गई| जहां, इस मामले में फिर पटियाला पुलिस ने सिद्धू के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। इस मामले में पहले निचली अदालत में सुनवाई चली| जहां से सिद्धू बरी हो गए|
लेकिन जब मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने 2006 में सिद्धू को इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू तब भाजपा के अमृतसर से सांसद थे। सजा के बाद सिद्धू को इस्तीफा देना पड़ा था| साथ ही सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले का चुनौती दी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को बरी को कर दिया था लेकिन बाद में पीड़ित पक्ष ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सिद्धू की मुश्किलें फिर बढ़ा दीं और अब नतीजा यह रहा कि पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुना दी|