लव जिहाद शब्द को लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने जताई आपत्ति, कहा- आपसी सहमति से अंतरधार्मिक विवाह पर रोक नहीं
लव जिहाद शब्द को लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने जताई आपत्ति, कहा- आपसी सहमति से अंतरधार्मिक विवाह
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) ने बुधवार को अंतरधार्मिक विवाह के कुछ तय मामलों के लिए 'लव जिहाद' शब्द का इस्तेमाल किया। आयोग ने कहा कि विभिन्न धर्मों के जोड़ों के वैध आयु में हो रहे आपसी सहमति से हो रहे विवाह पर कोई भी प्रतिबंध नहीं है।
एनसीएम के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने एक प्रेसवार्ता में कहा कि हमें बीते समय में अभिभावकों की ओर से कुछ शिकायतें मिली हैं, जिनमें आरोप लगाया गया है कि उनके बच्चों को अंतरधार्मिक विवाह में भटकाया गया है। इनमें से कई शिकायतें सही पाई गई थीं।
केरल और अन्य राज्यों में लव जिहाद के खिलाफ भाजपा की ओर से चलाए जा रहे अभियान को लेकर सवाल पर लालपुरा ने कहा, 'लव जिहाद क्या है? मुझे यह शब्द किसी डिक्शनरी में नहीं मिला। मुझे किसी विशेष समुदाय से इसे लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है।'
'भाजपा ही बता सकती है कि लव जिहाद क्या है'
लालपुरा ने कहा कि मैं भाजपा का प्रतिनिधि या प्रवक्ता नहीं हूं। केवल वे (भाजपा) ही आपको यह बता सकते हैं कि लव जिहाद क्या है। उन्होंने कहा कि सभी को अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करने का अधिकार है। अगर आपसी सहमति है तो कोई रोक नहीं है।
उन्होंने कहा कि आयोग के बीते समय में कुछ ऐसी शिकायतें मिली हैं कि जोड़े में से एक को अंतरधार्मिक विवाह के लिए भटकाया गया है। इनमें से कई शिकायतें सही मिली थीं। हमने संबंधित राज्य सरकारों से ऐसे मामलों में न्याय मिलना सुनिश्चित करने के लिए कहा है।