खौफनाक भूकंप; इमारतें गिरीं, सड़कें फट गईं, लोग लापता: म्यांमार से थाईलैंड तक भीषण तबाही, बैंकॉक में इमरजेंसी का ऐलान, डरावने VIDEO

Myanmar-Thailand Massive Earthquake Buildings Collapse Video
Earthquake in Myanmar-Thailand: म्यांमार और थाईलैंड में खौफनाक भूकंप आने से भीषण तबाही हुई है। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.2 (खतरनाक) रही। भूकंप का केंद्र म्यांमार में था। वहीं म्यांमार से लेकर थाईलैंड तक भूकंप के झटके इतने ज्यादा तेज थे कि इमारतें हिलते हुए देखी जा रहीं थीं। साथ ही देखते ही देखते कई इमारतें गिर भी गईं। इसके साथ ही कई जगहों पर दीवारें और सड़कें भी फट गईं।
फिलहाल, भूकंप से थाईलैंड और म्यांमार को भारी नुकसान हुआ है। कई लोग लापता भी बताए जा रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि, लोग मलबे में दबे हो सकते हैं। हालांकि, भूकंप के बाद तत्काल लोगों की सुरक्षा और राहत-बचाव कार्य के लिए रेसक्यू टीमें सक्रिय हो गईं हैं। वहीं थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्रालय और रक्षा बलों के प्रमुख को जनता की सुरक्षा को पूरी तरह से सुनिश्चित करने के लिए सैन्य और सुरक्षा बलों को तैनात करने के लिए कहा है।
इसके साथ ही थाईलैंड प्रधानमंत्री ने बैंकॉक में आपातकाल की घोषणा कर दी है। म्यांमार और थाईलैंड के इस विनाशकारी भूकंप में कितने लोग मारे गए हैं। इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि, तमाम रिपोर्ट्स में मरने वालों की अलग-अलग संख्या सामने आ रही है।
लोग इधर-उधर भागते हुए देखे गए
भूकंप के जबरदस्त झटकों के बीच म्यांमार और थाईलैंड में लोग इतने ज्यादा डर गए कि वे सड़कों पर बचने के लिए इधर से उधर भागते हुए देखे गए। धरती हिलने से हर सामान और चीज में कंपन देखा जा रहा था। इस बीच लोगों में भाग-दौड़ के बीच चीख-पुकार मची रही।
PM मोदी ने सहायता देने की बात कही
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड को इस घड़ी में सहायता देने की बात कही है। पीएम मोदी ने कहा कि, भारतीय विदेश मंत्रालय विनाशकारी भूकंप के बाद "म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहेगा। पीएम ने ट्वीट कर लिखा- म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं. सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।
पीएम ने आगे कहा कि, इस संबंध में, हमारे अधिकारियों को तैयार रहने को कहा है। साथ ही विदेश मंत्रालय को म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने को कहा गया है। बता दें कि, पड़ोसी मुल्क म्यांमार और थाईलैंड के भूकंप का असर भारत पर भी पड़ा है। मेघालय में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इसके अलावा लाओस, चीन, बांग्लादेश जैसे आसपास के और देश भी प्रभावित हुए हैं।
किस तीव्रता के भूकंप में कितना नुकसान?
2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर धरती में हल्का कंपन होता है। 3 से 3.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर धरती हिलने से हल्के झटके महसूस होते हैं। वहीं 4 से 4.9 की तीव्रता के भूकंप में तेज झटके महसूस किए जाते हैं। इस भूकंप में खिड़कियां टूट सकतीं हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं। वहीं 5 से 5.9 की तीव्रता वाले भूकंप में घर का सामान तेजी से हिलता हुए दिखता है। तेज झटके महसूस होते हैं। वहीं 6 से 6.9 तक के भूकंप में इमारतें हिलती हैं, नींव में दरार आ जाती है।
वहीं 7 से 7.9 तक के भूकंप में इमारतें गिर जाती हैं, पानी के पाइप फट जाते हैं। 8 से 8.9 के भूकंप में पल भर में इमारतें गिरती हैं और जमीन फटने लगती है, दीवारें फटती हैं। 9 या इससे ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप आने पर धरती लहर जाती है।
2015 में नेपाल में मारे गए थे 9,000 लोग
नेपाल एक ऐसा देश है जो कि अक्सर भूकंप से प्रभावित होता रहता है। अब तक यह देश इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आकर अपना बहुत नुकसान कर चुका है। न जाने कितने लोग मारे जा चुके हैं, कितने घर उजड़ गए। इसके साथ ही जो सार्वजनिक नुकसान हुआ सो अलग।
मालूम रहे कि, नेपाल में 7.8 तीव्रता का सबसे घातक और विनाशकारी भूकंप अप्रैल 2015 में आया था जब लगभग 9,000 लोग मारे गए थे और लगभग 22,000 अन्य घायल हुए थे। वहीं 800,000 से अधिक घरों और स्कूल भवनों को नुकसान पहुंचा था।
तुर्की-सीरिया का विनाशकारी भूकंप याद है
फरवरी 2023 में तुर्की-सीरिया में लगभग 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इस विनाशकारी भूकंप में 25000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। जबकि हजारों लोग घायल हुए थे। इस विनाशकारी भूकंप के चलते दोनों ही देशों में बड़ी तादाद में इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं थीं। जहां इमारतें गिरने के साथ बड़ी संख्या में लोग भारी मलबे के नीचे दब गए।
यही वजह रही कि, मरने वालों का आंकड़ा इतना ज्यादा बढ़ गया। गाड़ियों में मौजूद लोग भी मारे गए। तुर्की और सीरिया की स्थिति देख कई देशों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया था। भारत भी मदद के लिए पहुंचा हुआ था। भारत से रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए NDRF की टीमों के साथ अन्य टीमें भेजी गईं थीं। इसके अलावा दवाइयों सहित अन्य राहत सामग्री भी भारत से भिजवाई जा रही थी।
ताइवान में 7.4 तीव्रता के भूकंप से भीषण तबाही हुई
वहीं पिछले साल अप्रैल 2024 में भूकंप के जानलेवा झटकों से ताइवान दहल गया था। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.4 मापी गई। ताइवान में जोरदार भूकंप की कई लाइव तस्वीरें सामने आईं। जिनमें देखा जा सकता था कि किस प्रकार से भूकंप के झटकों से गगनचुंबी इमारतें टेढ़ी हो गईं थीं। झुक गईं थीं और गिरने की कगार पर थीं। वहीं कई इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढेर भी हुईं। लोगों के घर भी ढह गए।
इस भूकंप से बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। भूकंप का सबसे ज्यादा असर ताइवान की राजधानी ताइपे में देखने को मिला। वहीं भूकंप की तबाही में पूर्वी ताइवान समेत हुआलिएन शहर, हुआलिएन काउंटी जैसे हिस्से सबसे ज्यादा चपेट में आए थे।
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क्यों आता है भूकंप?
बताया जाता है कि, धरती की अंदरूनी संरचना में टैक्टोनिक प्लेट्स (सरल भाषा में चट्टानें) मौजूद हैं। ये प्लेट्स लगातार हलचल करती रहती हैं। इस बीच जब यह इधर से उधर खिसकती हैं, टकराती हैं या टूटती हैं तो फिर तेज एनर्जी निकलती है और इससे धरती में कंपन पैदा होता है और इसे ही भूकंप कहते हैं। यानि धरती ऊपर से जितनी शांत है उतनी इसकी अंदरूनी सतह में हलचल चल रही है।
भूकंप आने पर क्या करें?
भूकंप आने के दौरान अगर आप घर या फ्लैट में हैं तो कोशिश करें कि खुली जगह पर आ जाएं। खासकर फ्लैट में मौजूद लोग जल्द से जल्द बाहर जरूर निकलें। क्योंकि फ्लैट की इमारतें काफी ऊंची होती हैं। ऐसे में इनके गिरने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं भूकंप के चलते यदि आप बाहर खुली जगह पर आते हैं तो यहां भी आप यह सुनिक्षित करें कि आप किसी बिल्डिंग, पेड़ और बिजली के तारों या खम्भों के नजदीक तो नहीं है। इनसे दूरी बनाकर रखें। आप बिलकुल खाली जमीन को तलाश कर वहां पहुंच जाएं।