गजब! निधन के 13 साल बाद किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत को गिरफ्तार करने पहुंची मुजफ्फरनगर पुलिस
Non-bailable warrant against Chaudhary Mahendra Tikait
शामली: Non-bailable warrant against Chaudhary Mahendra Tikait: शामली के कांधला थाना क्षेत्र में जाम लगाने के मामले में भाकियू के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान समेत 10 आरोपियों के गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं। जबकि महेंद्र सिह टिकैत का निधन 13 साल पहले हो चुका है। अदालत में मृत्यु प्रमाण पत्र जमा नहीं होने के कारण उनके वारंट जारी कर दिए गए।
मृत्यु के 13 साल बाद चार जून 2007 में कांधला क्षेत्र में हुए धरना प्रदर्शन व जाम लगाने के मामले में कोर्ट में मृत्यु प्रमाणपत्र दाखिल नहीं करने पर कोर्ट ने भाकियू संस्थापक व पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र सिंह टिकैत व निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान सहित 10 आरोपियों के विरूद्ध गैर जमानती वारंट जारी किए थे। शुक्रवार को मुकदमे की तारीख पर भी पुलिस भाकियू संस्थापक का मृत्यु प्रमाणपत्र दाखिल नहीं कर सकी।
2007 में राजस्थान में गुर्जर आरक्षण को लेकर कांधला के खन्द्रावली चौराहे पर धरना प्रदर्शन करते हुए जाम लगाने के मामले में कांधला थाने पर तत्कालीन एसआई अतर सिंह ने भाकियू संस्थापक व पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र सिंह टिकैत व निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान सहित 20 नामजद व 100-150 अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे की सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रही है।
भाकियू संस्थापक चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की 13 साल पहले मृत्यु हो चुकी है। अदालत में पुलिस ने चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की मृत्यु रिपोर्ट तो प्रेषित कर दी लेकिन मृत्यु प्रमाणपत्र दाखिल नहीं किया जिस कारण कोर्ट ने चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत व मनीष चौहान सहित 11 आरोपियों के गैर जमानती वारंट जारी किए थे।
शुक्रवार को उक्त मुकदमे की कोर्ट में तारीख थी। इस दौरान दो आरोपियों ने अपनी जमानत याचिका दायर की, लेकिन पुलिस स्व. चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत का मृत्यु प्रमाणपत्र दाखिल नहीं कर सकी।
टिकैत के पौत्र बोले, पुलिस की बड़ी लापरवाही
किसान मसीहा चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के पौत्र और राकेश टिकैत के पुत्र चरण सिंह टिकैत ने कहा कि 15 मई 2011 को चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का निधन हो गया था। यह बात सभी जानते हैं। उन्होंने कहा कि शामली पुलिस कोर्ट में उनकी मृत्यु आख्या जमा कर चुकी है। उसके बावजूद कैराना कोर्ट से किसान मसीहा के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए गए। जिसे लेकर सिसौली स्थित उनके पैतृक आवास पर थाना भौराकलां पुलिस पहुंची। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि आखिर पुलिस तो यह सब जानती थी। उन्होंने कहा कि इससे व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा होता है।
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