नगर निगम ने इंजीनियरिंग विभाग की जमीन पर किया कब्जा, देखें पूरा मामला
Municipal corporation occupied the land of engineering department
अर्थ प्रकाश/साजन शर्मा
Municipal corporation occupied the land of engineering department : चंडीगढ़। जमीन इंजीनियरिंग विभाग की और बाड़बंदी कर रहा नगर निगम (Municipal corporation)। वो भी उस जगह जहां इंजीनियरिंग विभाग को स्लो कैरिज-वे (slow carriage way) और साइकिल ट्रैक बनाना है। सीधे तौर पर कहें तो इंजीनियरिंग विभाग (Engineering Department) की जमीन पर नगर निगम ने कब्जा कर लिया है। हालांकि विभाग दोनों प्रशासन के हैं लेकिन दोनों विभागों ने अपने अपने एरिया में अपना अपना काम निपटाना है। इसकी पूरी योजना बनी हुई है।
धनास की मुख्य सडक़ पर स्लो कैरिज वे, साइकिल ट्रैक बनाने की सख्त जरूरत / There is a dire need to make slow carriage way, cycle track on the main road of Dhanas
धनास की मुख्य सडक़ पर भारी भरकम ट्रैफिक (Heavy Traffic) होने के कारण स्लो कैरिज वे और साइकिल ट्रैक बनाने की सख्त जरूरत होने के बावजूद यूटी इंजीनियरिंग विभाग (UT Engineering Department) कोई कदम नहीं उठा रहा। लोगों को राहत देने के लिए इस स्लो कैरिज-वे और साइकिल ट्रैक का निर्माण होना था लेकिन शायद इसको तो विभाग की ओर से तिलांजलि दे दी गई लगती है। प्रशासन के इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर विभाग (Department of Engineering and Architecture) ने जो नक्शे तैयार किये हैं उसमें जमीन पर यह स्लो कैरिज-वे और साइकिल ट्रैक दिखाए गए हैं। इस जमीन पर नगर निगम ने तारबंदी कर कब्जा कर लिया है। असल में यहां नगर निगम का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) है। धनास सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (Sewerage Treatment Plant) के आगे खाली पड़ी सरकारी भूमि जो कि स्लो कैरिज वे और साइकिल ट्रैक बनाने के लिए पहले से ही आरक्षित है, प्रशासन के यूटी इंजीनियरिंग विभाग के सीपी डिवीजन नंबर 2 के अधीन आती है। मिली जानकारी के अनुसार यहां अब नगर निगम ने अपने एसटीपी प्लांट को लेकर बाड़बंदी कर ली है। इसी कड़ी में यूटी इंजीनियरिंग विभाग (UT Engineering Department) की वह जगह भी घेर ली है जहां स्लो कैरिज-वे और साइकिल ट्रैक (Slow carriage-way and cycle track) बनना है। इसके लिए रोड को चौड़ा करने का काम इंजीनियरिंग विभाग की ओर से किया जाना है। मिली जानकारी के अनुसार निगम की ओर से बाड़बंदी करने का काम इसलिए किया गया है क्योंकि यहां जमीन पर बड़े स्तर पर एनक्रोचमेंट हो रही थी, इसे रोका जा सके।
नगर निगम को लेनी चाहिए थी इंजीनियरिंग विभाग की परमिशन / The Municipal Corporation should have taken the permission of the engineering department
नियम अनुसार अगर नगर निगम को ऐसा करना भी था तो पहले यूटी इंजीनियरिंग विभाग (UT Engineering Department) या प्रशासन के जुड़े महकमे को पत्राचार करता और बाड़बंदी का परमिशन लेता लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया। लोग इसे पैसे का दुरुपयोग बता रहे हैं। यहां बता दें कि यहां सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तो वर्ष 2013 से बना हुआ है। यहां बीते कुछ समय से लगातार अवैध कब्जे (illegal Possession) हो रहे थे। इसका हल यह निकाला गया कि बाड़बंदी कर दी जाए लेकिन अपनी जगह छोडक़र तारबंदी यूटी इंजीनियरिंग विभाग की उस जमीन पर कर ली गई जहां काम होना है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश हैं कि शहर में सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों को जल्द शुरू किया जाए। कई जगह नगर निगम नये सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बना रहा है तो कुछ का एनजीटी के आदेशों पर अपग्रेड किये जाने का काम जारी है। दूसरा सबसे अहम सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जिस जिस भी सरकारी जमीन पर धनास में अवैध कब्जे हो रहे हैं उन्हें हटाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हो रही।
धनास अवैध कब्जों के मामले में सबसे ऊपर / Dhanas tops in case of illegal occupations
प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल (Dharampal, Advisor to the Administrator) कई बार कह चुके हैं कि सरकारी जमीन पर शहर में कहीं भी कब्जे नहीं होने दिये जाएंगे लेकिन धनास (Dhanas) सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों के मामले में शहर में सबसे ऊपर है लेकिन यहां कोई कार्रवाई दिखाई नहीं दे रही। वैंडरों ने रेहड़ी-फड़ी लेकर पार्क तक घेर रखे हैं लेकिन इन्हें हटाने का किसी में दम नहीं। इन वैंडरों के पनपने की भी अपनी कहानी है। प्रशासन अभी तक यहां लोगों को मूलभूत सुविधाएं (Basic Facilities) देने में भी नाकाम रहा है। धनास निवासी अखिल बंसल (Akhil Bansal) का कहना है कि सरकारी भूमि पर अगर कब्जे देखने हैं तो धनास में आकर देखें। कार्यालय में अधिकारी सही तस्वीर पेश नहीं करते। प्रशासक के सलाहकार खुद आकर यहां जायजा लें कि कहां कहां कब्जे हो रखे हैं।