Mother-daughter burnt to death in Kanpur

Kanpur Fire accident: आखिर SDM को कब्जा हटाने की इतनी जल्दी क्यों थी? जानिए कानपुर हादसे से जुड़े अहम् तथ्य !

Mother-daughter burnt to death in Kanpur

Mother-daughter burnt to death in Kanpur

कानपुर देहात के मड़ौली गांव में सरकारी जमीन से कब्ज़ा हटाने के लिए पुलिस और प्रसाशन ने एक झोंपड़ी को गिरवाया,जिसमे मां -बेटी की जिन्दा जलने से मौत हो गई। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर कृष्ण गोपाल की झोपड़ी गिराने का आदेश बुलडोजर चालक को देने वाला कौन था ?झोपड़ी गिराने का आदेश देने वाला यह शख्स एक प्रशासनिक अफसर का खास सरकारी कर्मचारी बताया जा रहा है। 

जांच के बाद होगा बड़ा खुलासा 

यह भले ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच अब तक पहेली बना है, लेकिन मौके पर मौजूद गांव वाले उसके बारे में जानते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जांच होगी तो पूरी घटना का जिम्मेदार खुद ब खुद सामने आ जाएगा। मड़ौली गांव में कृष्ण गोपाल की सरकारी जमीन पर बनी झोपड़ी और अन्य कब्जे हटाने के लिए सोमवार को निलंबित एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में राजस्व व पुलिस की टीम गई थी। टीम के टारगेट में सरकारी जमीन पर बनी कृष्ण गोपाल की झोपड़ी को गिराना था। 

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सरकारी कर्मचारी के आदेश पर चला बुलडोजर ?

अपना घर उजड़ता देख मां -बेटी झोंपड़ी में अंदर घुस गई ,और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। इस बीच पुलिसकर्मी उन्हें बाहर निकालने की कोशिश कर  रहे थे.उसी दौरान टीम में शामिल एक प्रशासनिक अफसर के खास सरकारी कर्मचारी ने बुलडोजर चालक को झोपड़ी गिराने का आदेश दे दिया। इसके बाद कुछ और लोग चिल्लाए गिरा दो झोपड़ी। इसके बाद चालक दीपक ने बुलडोजर से झोपड़ी गिराई, तभी भीतर आग लग गई। 

घटना से लोगों में आक्रोश 

मां-बेटी की मौत को लेकर परिजनों और ग्रामीणों में डीएम के प्रति नाराजगी दिखी। परिजनों का आरोप है कि वह लोग अपनी फरियाद लेकर डीएम और एसपी के पास गए, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। एसपी ने तो डांट कर भगा दिया था। राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला के डीएम से बात करने के बाद फिर वह लोग अपनी अर्जी लेकर डीएम के पास गए थे। तब भी सुनवाई नहीं हुई। बिना किसी नोटिस के अफसर कब्जा गिराने पहुंच गए।