विश्व कैंसर दिवस पर 700 से अधिक लोगों ने कैंसर के ख़िलाफ़ की वॉक
World Cancer Day
पारस कैंसर सेंटर ने ‘उम्मीद के सितारे वॉकेथॉन’ का आयोजन किया
चंडीगढ़, 2 फरवरी: World Cancer Day: सुखना लेक, चंडीगढ़ में विश्व कैंसर दिवस - यूनाइटेड बाय यूनिक के अवसर पर पारस कैंसर सेंटर और पारस हेल्थ द्वारा आयोजित ‘उम्मीद के सितारे वॉकेथॉन’ में 700 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इस आयोजन का उद्देश्य कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाना, प्रारंभिक जांच को प्रोत्साहित करना और रोग से जूझ रहे लोगों के साथ एकजुटता दिखाना था।
वॉकेथॉन को मुख्य अतिथि डा. मनीष बंसल, डायेरक्टर स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा और अतिथि विशेष अजय चगती, आईएएस, स्वास्थ्य सचिव, चंडीगढ़ ने झंडी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम में कैंसर योद्धा, कैंसर सर्वाइवर, चिकित्सा विशेषज्ञों और समाज के विभिन्न वर्गों ने भाग लिया। मंच पर कई कैंसर विजेताओं को उनके संघर्ष और साहस के लिए सम्मानित किया गया।
कैंसर से जंग जीतने वाले मरीजों ने अपनी संघर्षमयी और प्रेरणादायक कहानियां साझा कीं, और जल्दी जांच और समय पर इलाज की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जागरूकता बढ़ाने और नियमित जांच कराने से कैंसर से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है।
इस अवसर पर बोलते हुए डा. मनीष बंसल ने कहा कि कैंसर के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता बढ़ाना और प्रारंभिक जांच को सुलभ बनाना सबसे महत्वपूर्ण है।
डा. ब्रिगेडियर राजेश्वर सिंह, निदेशक, मेडिकल ऑन्कोलॉजी ने बताया कि भारत में 30 लाख से अधिक लोग कैंसर से पीड़ित हैं और हर साल 5 लाख लोगों की मृत्यु होती है। उन्होंने बताया कि स्तन और गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाता है, जबकि पुरुषों में ओरल, फेफड़ों और लिवर कैंसर के मामले ज्यादा होते हैं। उन्होंने यह भी चिंता व्यक्त की कि अब 25-50 वर्ष की आयु की महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, जिसमें से 70% मरीज एडवांस स्टेज पर पहुंचने के बाद डॉक्टर के पास आते हैं, जिससे मृत्यु दर अधिक हो जाती है।
डा. जगंदीप सिंह, सीनियर कंसल्टेंट, ऑर्थो ऑन्कोलॉजी ने बताया कि पारस अस्पताल, पंचकूला में नए ऑर्थो ऑन्को सर्जरी विभाग की शुरुआत हुई है, जहां हड्डी के ट्यूमर, सारकोमा और अंग-संरक्षण सर्जरी की उन्नत तकनीकें उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों के उपचार में बेहतर परिणाम मिल रहे हैं।
डा. चित्रेश अग्रवाल, वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट, ने प्रारंभिक जांच और रोकथाम पर जोर देते हुए कहा कि कैंसर सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि एक चुनौती है, जिसे जागरूकता, समय पर स्क्रीनिंग और सही इलाज से जीता जा सकता है। आधुनिक उपचार तकनीकों से मरीजों का जीवन बेहतर बनाया जा सकता है।
डा. परिणीत सिंह, सीनियर कंसल्टेंट, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी ने बताया कि अगले दो दशकों में कैंसर के नए मामलों में 70% तक की वृद्धि हो सकती है। उन्होंने कहा कि रेडिएशन थेरेपी कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने और स्वस्थ ऊतकों को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
इस आयोजन ने कैंसर की समय पर पहचान, उन्नत उपचार विकल्पों और सामुदायिक सहयोग के महत्व को पुनः स्थापित किया और कैंसर के खिलाफ लड़ाई में उम्मीद और जागरूकता का संदेश दिया।