हनी ट्रैप से हत्या तक! लोन में अड़चन डाली तो पुराने साथी को मारने का बना डाला खौफनाक प्लान
Moradabad Retired Bank Manager Murder Case
मुरादाबादः Moradabad Retired Bank Manager Murder Case: मैनाठेर थाना क्षेत्र में 16 अगस्त को रिटायर्ड बैंक मैनेजर की हत्या का खुलासा कर दिया है. पुलिस ने अमरोहा में तैनात बैंक कर्मचारी, सरकारी महिला टीचर सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसके साथ ही वारदात इस्तेमाल कार, रस्सी समेत अन्य सामान बरामद कर लिया है. पुलिस और आरोपियों ने जो हत्या करने का कारण और तरीका बताया है, वह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है.
16 अगस्त को रिटायर बैंक मैनेजर की मिली थी लाश
SP देहात सन्दीप मीणा ने बताया कि 16 अगस्त 2024 को मैनाठेर थाने की पुलिस को सूचना मिली कि एक व्यक्ति की संदिग्ध हालत में शव पड़ा हुआ है. पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद शव की पहचान थाना मझौला इलाके की मानसरोवर कॉलोनी निवासी रिटायर्ड बैंक मैनेजर वीर सिंह के रूप में हुई थी. शरीर पर चोट के निशान देखते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या करने की बात स्पष्ट हुई. इसके बाद परिजनों से तहरीर लेकर केस दर्ज कर घटना के खुलासे के लिए 5 टीमों का गठन किया गया. सीसीटीवी और मोबाइल सर्विलांस की मदद से प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक मैनैजर मनोज, बेसिक महिला शिक्षिक वीरबाला और कार मैकेनिक अनिल को गिरफ्तार किया गया है.
अपमान का बदला लेने के लिए रचि साजिश
SP देहात ने वीर सिंह पांच साल पहले प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक से मैनेजर के पद से रिटायर्ड हुए थे. इसी बैंक में काम करने वाले मनोज से करीब 20 से 25 साल से जान पहचान थी. रिटायर्ड होने के वीर सिंह के मिलने वाले लोग अक्सर लोन के लिए जब भी बैंक जाते थे तो मनोज उनकी मदत नही करता था. इस बात की शिकायत वीर सिंह ने उच्च अधिकारियों से की थी, जिसकी वजह से मनोज का प्रमोशन नहीं हो रहा था. इस बात का बदला लेने के लिए मनोज ने वीर सिंह को रास्ते से हटने का मन बना लिया. बैंक में मनोज के पास बेसिक में पढ़ाने वाली एक महिला शिक्षिक वीरबाला लोन के लिए आती थी. वीरबाला को रुपये की सख्त जरूरत थी. मनोज ने लोन पास करने के बदले मृतक वीर सिंह को अपने जाल में फंसाने और उसको रास्ते से हटाने के लिए राजी कर लिया.
आरोपी मनोज ने ही महिला टीचर से करवाई थी दोस्ती
SP ने बताया कि मनोज ने ही वीरबाला को वीर सिंह से मिलवाया एक दूसरे का फोन नम्बर लिया व दिया गया. वीर सिंह और वीरबाला की फोन पर बात होने लगी और एक दूसरे से मिलने भी लगे. इस दौरान 5 से 6 बार वीर सिंह को रास्ते से हटाने की योजना बनाई, लेकिन वीर सिंह मौके पर नहीं आ सका. 16 अगस्त को वीरबाला ने एमडीए ऑफिस के पास वीर सिंह को किसी तरह बुला लिया और उनकी मोटरसाइकिल पर बैठकर पाकबड़ा अंडर पास से पहले संकरी रोड़ पर ले गई. जहां मनोज और अनिल उसका इंतजार कर रहे थे. मनोज ने अनिल और वीरबाला की मदद से वीर सिंह को कार में बैठा लिया और गला घोंटने की कोशिश की. जब सफल नहीं हुए तो कार में रखी रस्से गला घोंट मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद रात के अंधेरे में वीर सिंह का शव व मोटरसाइकिल हाइवे किनारे फेंक कर फरार हो गए, जिससे कोई भी व्यक्ति अगर देखे तो लगे कि एक्सीडेंट है. एसपी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि यह एक्सीडेंट नहीं है.
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