मोहाली के उद्योगपतियों ने पंजाब इन्फोटेक पर भेदभाव का आरोप लगाया
Mohali Industries Association
विजिलेंस जांच की मांग उठाई
विवादास्पद अनर्जित 50% क्लॉज को समाप्त करवाना चाहते हैं
चंडीगढ़, Mohali Industries Association: पंजाब सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी निगम लिमिटेड (PUNJAB INFORMATION AND COMMUNICATION TECHNOLOGY CORPORATION LIMITED), जिसे पंजाब इन्फोटेक(Punjab Infotech) भी कहा जाता है, द्वारा 50% अनर्जित क्लॉज के नाम पर भ्रम पैदा किया गया है, जिससे मोहाली औद्योगिक क्षेत्र(Mohali Industrial Area) फेज 8 में छोटे आवंटियों को भारी परेशानी हो रही है। मोहाली इंडस्ट्रीज एसोसिएशन(Mohali Industries Association) (एमआईए) के वरिष्ठ सदस्यों और मुश्किल भरे 'पॉलिसी क्लॉज'(policy clause) से परेशान आवंटियों ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 50% वाले क्लॉज को खत्म करने और भेदभाव की गहन जांच की मांग की।
मोहाली इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एमआईए) के प्रेसीडेंट, अनुराग अग्रवाल ने कहा, “पीएसआईईसी ने 1992 की नीति के अनुसार 50% क्लॉज को समाप्त कर दिया है, लेकिन पंजाब इन्फोटेक इसे जारी रखे हुए है। उद्योग एवं वाणिज्य के एक ही विभाग में दो अलग-अलग नीतियों का पालन किया जाना आश्चर्यजनक है। एमआईए इस 50% क्लॉज को खत्म करने की मांग में पीड़ित सदस्यों के साथ है।"
वरिष्ठ अधिवक्ता मुनीषा गांधी की 11 दिसंबर 2018 की कानूनी राय के अनुसार, 1992 की नीति ने स्वयं ही 50% अनर्जित वृद्धि के क्लॉज को समाप्त कर दिया है -- "इनमें से प्रत्येक मामला उनके संबंधित लीज डीड द्वारा शासित होगा। हालांकि, यदि किसी न्यायालय में चुनौती दी जाती है, तो प्रश्नकर्ता के लिए मांग को सही ठहराना कठिन होगा, क्योंकि इसे मनमाने ढंग से लागू नहीं किया जा सकता, अर्थात कुछ मामलों में लागू हो और दूसरों में लागू न हो। भेदभावपूर्ण होने के अलावा, 1992 की नीति के तहत यह क्लॉज पहले ही समाप्त किया जा चुका है।"
तत्कालीन एजी पंजाब ने भी 2019 में कहा था कि "स्थानांतरितियों से अनर्जित वृद्धि की वसूली की मांग को मनमाना माना जा सकता है, क्योंकि तब पीआईसीटीसीएल का व्यवहार असमान होगा।"
एमआईए के सदस्य रणदीप सिंह ने कहा, 'लीज डीड के मुताबिक, 50 फीसदी अनार्जित क्लॉज मूल आवंटी से वसूला जाना है, लेकिन कई मामलों में बिना किसी पॉलिसी और बिना किसी बीओडी (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के निर्णय के इसे दूसरे खरीदार तक पहुंचा दिया गया।"
महासचिव दिलप्रीत सिंह ने कहा कि उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, 144 भूखंडों में से, 114 भूखंडों में 50% अनर्जित वृद्धि क्लॉज शामिल है, जिसमें से 57 भूखंडों को क्लॉज का उपयोग किए बिना ट्रांसफर किया गया है और उक्त क्लॉज को सिर्फ दो मामलों में लागू किया गया है। यह बहुत ही भेदभावपूर्ण प्रतीत होता है।
एमआईए के सदस्य सरदार हरबंस सैनी ने कहा, "हम विजिलेंस इनक्वायरी की मांग करते हैं कि अनअर्न्ड क्लॉज को सिर्फ दो मामलों में क्यों लागू किया गया, जबकि 57 में इसे रद्द कर दिया गया"। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तथ्यों को छिपाने के लिए पंजाब इन्फोटेक आरटीआई के तहत भी यह कहकर प्रासंगिक जानकारी प्रदान नहीं करता है कि रिकॉर्ड नहीं रखा गया।
पंजाब के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने प्लॉट आवंटन और एनओसी आदि के लिए सभी बोर्डों और निगमों में पीएसआईईसी के समान नियमों और नीतियों का पालन करने के लिए एक ज्ञापन (संख्या 9/217/2015-एएस4/1615-1619 दिनांक 15 दिसंबर 2015) जारी किया था। इस मैमो में, यह बहुत स्पष्ट है कि मैमो को अक्षरशः लागू किया जाना है। लेकिन फिर भी पंजाब इन्फोटेक नीति का पालन किया जा रहा है, जो भेदभावपूर्ण है, क्योंकि एक समान नीति को अभी नोटिफाइ किया जाना बाकी है।
वरिष्ठ नागरिक और एमआईए के एक 81-वर्षीय सदस्य, सरदार जरनैल सिंह पन्नू इस क्लॉज का शिकार हो गए, क्योंकि उन्हें अपने प्लॉट को बेचने के दौरान इस बारे में पता चला। वह तनाव में हैं, क्योंकि पंजाब इन्फोटेक द्वारा कैलकुलेट किया गया अनर्जित लाभ वर्तमान कलेक्टर दर से तीन गुना अधिक है। पन्नू ने कहा कि पंजाब इन्फोटेक द्वारा प्लाट के ट्रांसफर पर इतनी बड़ी रकम की मांग करना अनुचित है।
एमआईए के सदस्य सरदार सुरिंदर सिंह ने कहा, “एक निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है, क्योंकि उद्योगपतियों को लगता है कि इस भेदभाव को कवर करने के लिए, पंजाब इन्फोटेक ने 20/8/2019 की एक अधिसूचना जारी की, जिस पर तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव के हस्ताक्षर थे, जिन्होंने एक वरिष्ठ अधिवक्ता और तत्कालीन ए.जी. पंजाब की कानूनी राय को नजरअंदाज करते हुए शेष भूखंडों के लिए क्लॉज जारी रखने का फैसला किया।"
यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि 50% अनर्जित वृद्धि क्लॉज पंजाब इन्फोटेक द्वारा केवल ईएलटीओपी मोहाली में लगाया गया है और पंजाब के किसी अन्य इंडस्ट्रियल एस्टेट या फोकल पॉइंट में यह नहीं है।
"हमने 50% अनर्जित वृद्धि क्लॉज को हटाने के लिए, पंजाब के माननीय मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान को एक ज्ञापन ईमेल किया है और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ "प्रेस" से भी अनुरोध है कि वो ईएलटीओपी, फेज 8, मोहाली के एमएसएमई उद्यमियों की आवाज़ बने, " पूर्व अध्यक्ष के एस महल ने कहा।
राज्य सरकार जब उक्त क्लॉज को रद्द करने का निर्णय लेगी, तो एमएसएमई इकाइयां पुनर्जीवित हो जाएंगी। ऐसा होने पर, औद्योगिक क्षेत्र फेज 8, मोहाली के बीच स्थित, अब तक उपेक्षित क्षेत्र में भी निवेश आएगा। इससे राज्य में व्यापार के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
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