मोदी सरकार का अंतरिम बजट यहां LIVE; चुनावी मौसम में आम लोगों के लिए क्या खास? या बाकी ही रह जाएगी आस!
Modi Govt Interim Budget 2024 Live Telecast
Modi Govt Interim Budget 2024: चुनावी मौसम में आज पेश हो रहा मोदी सरकार का अंतरिम बजट आम लोगों को क्या देने वाला है? इस पर सबकी नजर टिकी हुई है. हालांकि एक पूर्ण बजट न होने के चलते और अंतरिम बजट होने के कारण इस बजट में ज्यादा व्यापक और लुभावनी घोषणाएं देखने को नहीं मिलने वाली हैं. मगर फिर भी लोकसभा चुनाव को देखते हुए उम्मीदें लग रहीं हैं कि मोदी सरकार ने अलग-अलग वर्गों और क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अपने बजट में कुछ तो लोक-लुभावन रखा होगा. बजट में मोदी की गारंटी पर भी फोकस किया गया होगा. क्योंकि कहीं न कहीं इस बजट का सीधा असर आगामी चुनाव में देखने को मिलेगा.
इसीलिए यह माना जा रहा है कि सरकार खासकर गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को बजट में पुरजोर साधने की कोशिश कर सकती है. किसानों के लिए, युवाओं के लिए, छोटे-मध्यम व्यापारियों के लिए और महिलाओं को लेकर इस बजट में कुछ तो घोषणाएं देखने को मिल सकती हैं. नौकरी पेशा लोगों के लिए भी बजट में कुछ निकलकर आ सकता है. टैक्स और पेट्र्रोल-दीजल दर घटने की पूरी उम्मीद है. वही मोदी सरकार की तरफ से जो योजनाएं चल रहीं हैं उन्हें लेकर बदलाव देखने को मिल सकता है. खासतौर से पीएम किसान सम्मान योजना को लेकर. वहीं अंतता तो सभी आम लोगों के मन में बजट को लेकर सीधा सा और सामान्य रूप से एक ही ख्याल है कि महंगाई घटे और रोजगार बढ़े तो ही उनके लिए कुछ बात बने.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह पहला अंतरिम बजट
पिछले साल 1 फरवरी 2023 को निर्मला सीतारमण ने बतौर वित्त मंत्री मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया था. आखिरी पूर्ण बजट होने के चलते मोदी सरकार ने अपने इस बजट में भी कई घोषणाएं की थीं. फिलहाल आज जब 1 फरवरी 2024 को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम और 10 साल में दूसरा अंतरिम बजट पेश होने जा रहा है तो यह बजट भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ही पेश करेंगी. खास बात यह है कि, निर्मला सीतारमण इस बार बतौर वित्त मंत्री पहला अंतरिम बजट पेश करने वाली हैं। लेकिन 2019 से अब तक वह लगातार छठी बार बजट पेश करेंगी.
इसके साथ ही निर्मला सीतारमण के नाम एक नया रिकॉर्ड भी दर्ज हो जाएगा. निर्मला सीतारमण लगातार पांच पूर्ण वार्षिक बजट और एक अंतरिम बजट पेश करने वाली देश की पहली पूर्ण कलिक महिला वित्त मंत्री बन जाएंगी. ज्ञात रहे कि इससे पहले निर्मला सीतारमण इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला वित्त मंत्री बनीं थीं। इंदिरा गांधी ने वित्त वर्ष 1970 के दरमियान वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश किया था।
इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के क्लब में भी शामिल हो जाएंगी। इस अंतरिम बजट को पेश करने के साथ, सीतारमण अपने पूर्ववर्तियों जैसे मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी चिदंबरम और यशवंत सिन्हा के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देंगी, जिन्होंने लगातार पांच बजट पेश किए थे. निर्मला सीतारमण इस मामले में मोरारजी देसाई की बराबरी कर लेंगी. भारतीय राजनीति के इतिहास में अब तक यह उपलब्धि केवल पूर्व प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई ने हासिल की है. वित्त मंत्री के रूप में देसाई ने 1959-1964 के बीच एक अंतरिम बजट के अलावा पांच वार्षिक बजट पेश किए थे. वहीं मोरारजी देसाई ने वित्त मंत्री के रूप में सर्वाधिक 10 बार बजट पेश किए थे।
2019 लोकसभा चुनाव के बाद सीतारमण को वित्त मंत्री बनाया गया
मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद बतौर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2014-15 से 2018-19 तक लगातार बजट पेश किए। जेटली के खराब स्वास्थ्य के कारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने एक फरवरी, 2019 को अंतरिम बजट पेश किया था। बता दें कि मोदी सरकार ने 2019 के आम चुनावों के बाद सीतारमण को वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी थी. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्री थीं.
पूर्ण बजट क्यों नहीं, अंतरिम बजट क्यों?
लोकसभा चुनाव 2024 को अब ज्यादा समय नहीं है. मार्च में चुनाव की घोषणा हो सकती है. मतलब चुनाव बहुत नजदीक है और नजदीक होने पर मौजूदा सरकार पूर्ण बजट पेश नहीं करती है बल्कि चुनाव जल्द ही होने की वजह से सरकार अंतरिम बजट यानि अस्थायी बजट पेश करती है. क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार अपना बजट पेश करेगी. इसीलिए मौजूदा मोदी सरकार के कार्यकाल का यह अंतिम बजट होगा. यह अंतरिम बजट है. मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल का यह दूसरा अंतरिम बजट है.
कब तक खर्च करने की इजाजत
इस बजट के जरिए सरकार को तब तक खर्च करने की इजाजत मिलती है जब तक कि नई सरकार पूर्ण बजट पारित नहीं कर देती। इस बजट के जरिये सरकार के पास निश्चित धनराशि खर्च करने का अधिकार होता है. इसके साथ ही अंतरिम बजट के जरिए नई सरकार को पूर्ण बजट पर निर्णय लेने की भी अनुमति मिलती है। वहीं अगर चुनाव के बाद किसी वजह से नई सरकार समय पर पूर्ण बजट पेश नहीं कर पाती है, तो उसे खर्च के लिए सदन की मंजूरी लेनी होती है.
घोषणाओं की इजाजत
अंतरिम बजट में सरकार नई घोषणाएं करने के लिए स्वतंत्र है। उदाहरण के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पहले अंतरिम बजट यानी 2019 में पीएम-किसान सम्मान निधि स्कीम का ऐलान किया था। इसके अलावा टैक्स छूट और स्टैंडर्ड डिडक्शन पर भी अहम फैसले लिए गए। कहने का मतलब है कि मोदी सरकार का पहला अंतरिम बजट लोकलुभावन था और इसके जरिए एक नए लाभार्थी वर्ग को साधने की कोशिश की गई थी। इसी तरह, अब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी लोकलुभावन बजट की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि, नई सरकार पूर्ण बजट पेश करते समय अंतरिम बजट के फैसलों को बदलने के लिए स्वतंत्र है. लोकसभा चुनाव होने के बाद नई सरकार संभवतः जुलाई महीने में पूर्ण बजट पेश करेगी.
बजट पेश करने से पहले क्या प्रक्रिया होगी?
जानकारी के अनुसार, गुरुवार की सुबह 8 बजे के आसपास वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सबसे पहले बजट 2024 तैयार करने वाली अपनी टीम के साथ फोटो सेशन में हिस्सा लेंगी। इसके बाद निर्धारित समय पर वित्त मंत्री महामहिम राष्ट्रपति से मुलाकात कर बजट की मंजूरी लेंगी। यहां से मंजूरी मिलने के बाद सीतारमण संसद भवन पहुंचेंगी। जहाँ सुबह 10 बजे कैबिनेट की बैठक होगी जिसमें बजट को पेश करने की मंजूरी दी जाएगी। वहीं सुबह 11 बजे वित्त मंत्री संसद में वर्ष 2024 का अंतरिम बजट पेश करेंगी।