नवीन श्रीवास्तव बने लावारिस शवों के वारिस:IAS बनने का था सपना !
- By Arun --
- Friday, 07 Apr, 2023

Meet Naveen Shrivastav who burns the bodies of heirless people in Gopalganj Bihar
Gopalganj news:जिले के सदर प्रखंड के मानिकपुर गांव निवासी नवीन श्रीवास्तव नामक व्यक्ति शवों का अंतिम संस्कार 10 सालो से करते आ रहे हैं। वे किसी की जात-पात को देखे बिना लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते हैं। वे अब तक 352 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं।
नवीन श्रीवास्तव मानिकपुर गांव से है और 2002 में सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए यूपी के प्रयागराज गए थे। वहां उनके मौसेरा भाई कुंभ के मेले में स्नान करने गए थे। तभी मौसेरे भाई की डूबने से मौत हो गई थी। इस दौरान 32 दिन तक वे अपने भाई को नदी में ढूंढते रहे पर उन्हें अपने भाई का शव नही मिला।
तह किया जीवन का एक ही लक्ष्य
नवीन श्रीवास्तव ने बताया की एक दिन बह रहे शव को रोका और पलटकर देखा। वह उनके भाई का शव नहीं था तो उसे वापस नदी में वे बहाने लगे तो उनके दिमाग में यह ख्याल आया की वो उनका भाई नही पर किसी का भाई तो था। उस शव को लेकर वे गए और नदी के बीच बने टापू पर उसका अंतिम संस्कार किया। और फिर उसी दिन के बाद से वह नदी में जाते और लावारिस शव को खोजते और उसका अंतिम संस्कार करते।
2013 के बाद से नवीन ने शताक्षी सेवा संस्थान का गठन किया। साथ ही सदर अस्पताल सहित अन्य जगहों पर मिलने वाले लावारिस शव का अंतिम संस्कार करने का कार्य शुरू कर दिए। ऐसे में अब तक करीब 352 शव का अंतिम संस्कार कर चुका है।