भारत का चावल खाएगा मॉरीशस, भेजा जाएगा 14,000 टन गैर-बासमती, जुलाई 2023 से है निर्यात पर प्रतिबंध
India Rice Export
India Rice Export: भारत सरकार ने मॉरीशस को 14,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की मंजूरी दे दी है और ये अनुमति सोमवार को दी गई है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड- नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) के जरिए मॉरीशस को 14,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल निर्यात किए जाने की अनुमति दी गई है.
गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर है प्रतिबंध
सरकार ने घरेलू सप्लाई बढ़ाने के लिए 20 जुलाई, 2023 से ही गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. लेकिन कुछ देशों को अनुरोध पर उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतें पूरा करने के लिए सरकार निर्यात की अनुमति देती है. इससे पहले भारत ने तंजानिया, जिबूती और गिनी-बिसाऊ सहित कुछ अफ्रीकी देशों को इस चावल के निर्यात की अनुमति दी है. इसके अलावा नेपाल, कैमरून, कोटे डि-आइवरी, गिनी, मलेशिया, फिलिपीन और सेशेल्स जैसे देशों को भी गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी गई थी.
एनसीईएल के जरिए भेजा जाएगा चावल
एनसीईएल या नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड कई राज्यों में सक्रिय एक सहकारी समिति है. इसे देश की कुछ प्रमुख सहकारी समितियों अमूल, इफको, कृभको और नैफेड के जरिये संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जाता है.
चावल के एक्सपोर्ट पर जारी है बैन
केंद्र सरकार ने फरवरी में चावल के एक्सपोर्ट पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी 31 मार्च 2024 के बाद भी जारी रखने का ऐलान कर दिया था. इसके अलावा उसना चावल के निर्यात पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी 31 मार्च के बाद भी जारी रहने का एलान किया था. भारत ने मई, 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद जुलाई, 2023 में गैर बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया था.
25 अगस्त को सरकार ने उच्च गुणवत्ता वाले बासमती चावल के रूप में नियमित सफेद गैर-बासमती चावल के अवैध शिपमेंट के संभावित मामलों को रोकने के लिए 1,200 डॉलर प्रति टन की कीमत से नीचे बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.