Mass Marriage Organized: संत निरंकारी मिशन द्वारा सामूहिक विवाह का आयोजन
Mass Marriage Organized
54 युगल परिणय सूत्र में बंधे
चण्डीगढ, 25 नवम्बर, 2022ः Mass Marriage Organized: सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन सान्निध्य में 75वें वार्षिक निरंकारी समागम के समापन के उपरांत संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा समाज कल्याण विभाग द्वारा सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा (हरियाणा) में हुआ जिसमें कुल 54 युगल परिणय सूत्र के पवित्र बंधन में बंधे। निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने नव-विवाहित युगल को अपना पावन आशीर्वाद प्रदान किया तथा उनके सुखद जीवन के लिए मंगल कामना करी। इस शुभ अवसर पर मिशन के हजारों श्रद्धालु भक्त, वर-वधु, उनके माता पिता एंव परिजन उपस्थित रहे। यह जानकारी चण्डीगढ ब्रांच के संयोजक ने दी ।
साधारण रीति में पारम्परिक जयमाला
इस साधारण रीति में पारम्परिक जयमाला के साथ निरंकारी विवाह का विशेष चिन्ह सांझा-हार भी प्रत्येक जोडे. को मिशन के प्रतिनिधियों द्वारा पहनाया गया। लावों के दौरान सत्गुरु माता जी ने वर-वधू को पुष्प-वर्षा कर अपना दिव्य आशीर्वाद प्रदान किया। उनके साथ साध संगत, वर-वधू के सम्बधित परिजनों ने भी पुष्प-वर्षा की। निश्चित रूप से यह एक आलौकिक दृश्य था।
मिशन के तीसरे गुरू बाबा गुरबचन सिंह जी ने समाज कल्याण के अंतर्गत सादा शादियों पर विशेष बल दिया और उनका केवल यही उद्देश्य था कि हम सभी व्यर्थ की फिजूलखर्ची एंव दिखावे के भाव से संकोच करें। उनकी लोकल्याण की इसी भावना को अग्रसर करते हुए सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज सभी भक्तों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
आज के इस शुभ अवसर पर समूचे भारतवर्ष के भिन्न-भिन्न राज्यों से विवाह हेतु कुल 54 युगल सम्मिलित हुए जिनमें मुख्यतः चंडीगढ, असम, दिल्ली, हरियाणा, जम्मू एंव कश्मीर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड एंव पश्चिम बंगाल हैं। सामुहिक विवाह के उपरांत सभी के लिए भोजन की समुचित व्यवस्था निरंकारी मिशन द्वारा की गई।
नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि मिशन की सिखलाईयों को अपनाते हुए उन दिव्य गुणों को अपने जीवन में ढालकर प्रेमपूर्वक गृहस्थ जीवन जीना है। घर परिवार में अपने कत्र्तव्यांे को निभाते हुए सभी के साथ आदर सत्कार करना है और मिशन के सिद्धांतों को अपनाकर सभी के साथ अपनत्व एंव मिलवर्तनपूर्वक रहना है।
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