मरणोपरांत शहीद दरोगा महेन्द्र यादव को पुलिस पदक मिला

मरणोपरांत शहीद दरोगा महेन्द्र यादव को पुलिस पदक मिला

Martyr Mahendra Yadav

Martyr Mahendra Yadav

सुलतानपुर। Martyr Mahendra Yadav: पाक फौज से मोर्चा लेने वाले सीमा सुरक्षा बल के उप निरीक्षक महेन्द्र यादव को मरणोपरांत राष्ट्रपति का पुलिस पदक करीब आठ साल बाद प्रदान किया गया। दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित अलंकरण समारोह में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बलिदानी की मां मर्यादी देवी को पदक से अलंकृत किया।

आतंकियों को दिया मुंह-तोड़ जवाब

मलिकपुर नोनरा गांव के महेन्द्र यादव सीमा सुरक्षा बल की 156 वीं बटालियन में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात थे। सात अगस्त 2016 की मध्य रात्रि लगभग आठ से 10 आतंकवादियों का एक समूह खराब मौसम का फायदा उठाते हुए पाकिस्तान से नियंत्रण रेखा पार करके जम्मू-कश्मीर के भूरी वाला के वाटर प्वाइंट तक आ गया। 

आठ अगस्त 2016 को लगभग 5.45 पर आतंकवादियों ने मोर्चे में मौजूद संतरियों पर स्वचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। सीमा सुरक्षा बल और 17 सिख रेजीमेंट के जवानों ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। 

प्लाटून कमांडर महेन्द्र यादव ने अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने पोस्ट के अंदर आतंकवादियों के प्रवेश को विफल करने के लिए एक ग्रेनेड पूर्वी दिशा की ओर फेंका। 

भारी गोलीबारी के बावजूद महेन्द्र मोर्चे की ओर बढ़े और आतंकवादियों पर गोलीबारी के निर्देश देते रहे। इसी दौरान वह आतंकवादियों की गोली से घायल हो गए। वे अपने जीवन की अंतिम सांस तक डटे रहे।

महेन्द्र का बलिदान अनुकरणीय: राष्ट्रपति

प्रशंसा पत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लिखा है कि महेन्द्र अंतिम सांस तक अदम्य साहस , नेतृत्व और कर्तव्य के प्रति समर्पित रहे। उनका बलिदान उदाहरणात्मक और उनके अधीनस्थों के लिए अनुकरणीय है।

खुशी का किया इजहार

बलिदानी को वीरता के लिए पुलिस पदक प्रदान किए जाने पर क्षेत्र के दीपक वर्मा , हरिओम निषाद, शिवम अग्रहरि, सुधाकर दत्त मिश्र , गंगाराम अग्रहरि सहित तमाम लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की है।