जाखड़ को नहीं बल्कि मान को लोकसभा चुनाव नतीजों के कारण इस्तीफा देना चाहिए
Lok Sabha Election Results
-- 13- 0 का दावा करते हुए मान अपने कामों पर वोट मांगे, लेकिन चुनावों में सिर्फ 26% वोट मिले, जो कि पंजाब के 2022 विधानसभा चुनावों में 42% वोट शेयर से भारी गिरावट है: विनीत जोशी
-- पंजाब भाजपा मीडिया प्रमुख बोले, इस्तीफा केजरीवाल और मान को देना चाहिए
चंडीगढ़, 16 जून: Lok Sabha Election Results: पंजाब भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ को स्वार्थी कहने और लोकसभा चुनाव में राज्य में एक भी सीट ना जीतने पर उनसे इस्तीफा मांगने वाली आम आदमी पार्टी पर भाजपा ने पलटवार किया है। प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी विनीत जोशी ने कहा कि सुनील जाखड़ की निष्ठा पर सवाल उठाने वाले पहले अपने गिरेबान में झांक कर देख लें। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी से कहीं बेहतर रहा है। आम आदमी पार्टी वाले कह रहे हैं कि भाजपा का ग्राफ नीचे गिर रहा है। पार्टी राज्य में खत्म हो गई है। लेकिन आंकड़े कुछ और ही कहानी बता रहे हैं। आंकड़े कहते हैं कि भाजपा का वोट शेयर पंजाब के 12 लोकसभा हलकों में बढ़ा है और सिर्फ एक में गिरा है। जबकि आप का वोट शेयर सभी की सभी 13 लोकसभा सीटों पर गिरा है। यह मुख्यमंत्री भगवंत मान की नैतिक हार है। इसके बाद उन्हें अपने पद पर रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। इस्तीफा तो उन्हें देना चाहिए।
जोशी बोले कि असल में चंडीगढ़ में आप की प्रेस कॉन्फ्रेंस असल में दिल्ली के इशारे पर होती है। उन्होंने यहां पर मोटे वेतन पर तीन से चार लोग लगा रखे हैं। ये वेतन भी सरकारी खाते से दिया जा रहा है। उनका काम सिर्फ बेबुनियाद बातें कर अपने मालिकों को खुश करना है। असल में ये लोग खुद अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं। असल में आम आदमी पार्टी ही नींव ही स्वार्थ से रखी गई है। आना हजारे के आंदोलन से कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए जुड़े। फिर उन्होंने हजारे के आंदोलन को ओवरटेक कर आम आदमी पार्टी बना ली। और इसके बाद वो अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति में लग गए।
जोशी बोले, आप वाले कहते हैं कि जाखड़ ने चार जून के नतीजों से कुछ नहीं सीखा। जबकि सीखना तो भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल को चाहिए। दिल्ली शराब घोटाले में जेल में बंद केजरीवाल जब प्रचार के लिए जेल से बाहर आए तो उन्होंने राज्य में सब जगह जनता से एक ही बात कही कि वो उन्हें राज्य की सारी 13 सीटें देकर उनकी बेगुनाही का सुबूत दें। लेकिन हुआ इसका उल्टा। दिल्ली में उन्हें एक भी सीट नहीं आई और पंजाब में सिर्फ तीन सीटों पर सिमट गई। जनता ने उन्हें दे दिया है। जनता मान चुकी है कि केजरीवाल भ्रष्ट हैं बेकसूर नहीं। वहीं सीएम मान ने इसे भी एक कदम आगे जाकर कहा था कि वो जनता से अपने विकास कार्यों पर वोट मांगने आए हैं। लेकिन जनता ने वोट न देकर बता दिया की आप सरकार ने राज्य में दो साल में कोई विकास नहीं करवाया। उन्होंने कहा की 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 42% वोट पड़ा था जबकि इस बार लोकसभा चुनाव में सिर्फ 26%। इसका मतलब भाजपा का नहीं आम आदमी पार्टी का ग्राफ गिरा है।
जोशी बोले कि आम आदमी पार्टी ने एक और रिवायत बदल दी है। वो उस पार्टी के अध्यक्ष से इस्तीफा मांग रहे हैं जिसे राज्य में अभी विपक्ष का स्टेटस भी नहीं है। जबकि इस्तीफा तो सत्ता में काबिज लोगों से मांगा जाता है। इस्तीफा देना है तो मान, केजरीवाल या आप के ऐक्टिंग सूबा प्रधान बुधराम दें। लेकिन ये लोग इस्तीफा नहीं देंगे।
जोशी ने कहा, कि आम आदमी पार्टी को सोच छोटी है। वो कहते हैं कि जाखड़ ने पंजाब के मुद्दों पर अपने स्वार्थी एजेंडे को प्राथमिकता दी है। लेकिन हकीकत यह है कि आम आदमी पार्टी अपने हिसाब से हर चीज का मतलब निकलती है। जाखड़ ने कहा था कि उन्हें पंजाबी होने पर मान है। उन्होंने कहा था सारी उम्र कांग्रेस में लगाने के बाद उन्हें पता चला कि कांग्रेस पंजाबियों में भी हिंदू-सिख करती है। जाखड़ ने कांग्रेस की उसी हिंदू-सिखों को बांटने वाली सोच के खिलाफ अपनी बात कही थी। जाखड़ सिर्फ पंजाबियों का हित चाहते हैं। वो उन्हें हिंदू-सिख में नहीं बांटते। पंजाब से अगर अब रवनीत बिट्टू को मंत्री बनाया गया है तो वो पंजाबी ही हैं। आम आदमी पार्टी को अपनी सोच ठीक करने की जरूरत है।