मंगल को मनीष तिवारी का 'मंगल'; जनता ने जिता दी चंडीगढ़ की संसदीय सीट, संजय टंडन अपना पहला चुनाव हारे, बीजेपी को झटका
Manish Tewari Won Chandigarh Lok Sabha Election 2024, Sanjay Tandon Lost
Manish Tewari Won: 2024 के चंडीगढ़ लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बहुत बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस-आप इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार मनीष तिवारी ने 2,504 वोटों के मामूली अंतर से बीजेपी के संजय टंडन को हरा दिया है। तिवारी ने 2,16,657 वोट पाकर चंडीगढ़ संसदीय सीट पर जीत हासिल की है, जबकि संजय टंडन को 2,14,153 वोट मिले। वोटों की गिनती कुल 15 राउंड में की गई। इस बीच संजय टंडन और मनीष तिवारी दो के बीच ही सीधा और कड़ा मुक़ाबला रहा।
मंगल को मनीष तिवारी का 'मंगल'
आज जब मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है तो दिन मंगलवार है। यूं कहें कि मंगल को मनीष तिवारी का 'मंगल' हो गया है। शहर की संसदीय सीट जीतने के बाद मनीष तिवारी अब चंडीगढ़ के नए सांसद बन गए हैं। जनता ने बीजेपी को दरकिनार कर उन्हें चंडीगढ़ की सत्ता में बैठा दिया है। इसके लिए मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ की जनता का धन्यवाद किया है।
मनीष तिवारी बोले- चंडीगढ़ की जनता का आभारी रहूंगा
चंडीगढ़ लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मनीष तिवारी ने कहा- मेरी जन्मभूमि के वासियों, आप सभी ने मुझे जिस तरह गले से लगाया, तपती गर्मी और अनेक मुश्किलों के बावजूद मुझे बेहद समर्थन दिया, उसके लिए मैं आपका हमेशा आभारी रहूंगा।
बीजेपी के लिए बहुत बड़ी हार
शहर की संसदीय सीट पर लगातार दो बार काबिज रही बीजेपी के लिए यह हार बहुत बड़ी हार है। इससे भी ज्यादा यह है कि बीजेपी उम्मीदवार संजय टंडन के राजनीतिक जीवन का यह पहला सार्वजनिक चुनाव था। संजय टंडन अपने राजनीतिक करियर का अपना पहला चुनाव हार गए। बीजेपी ने पहली बार संजय टंडन को चंडीगढ़ लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। टंडन काफी सालों से चंडीगढ़ लोकसभा चुनाव के लिए टिकट पाने में जद्दोजहद कर रहे थे।
मनीष तिवारी का जन्म चंडीगढ़ में, बाहरी होने पर सवाल उठते रहे
जब कांग्रेस की तरफ से मनीष तिवारी को चंडीगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया तो इसके बाद से ही उन्हें राजनीतिक गलियारों में बाहरी कहा जाने लगा। पूरे चुनाव मनीष तिवारी के बाहरी होने का शोर होता रहा। हालांकि, मनीष तिवारी चंडीगढ़ में ही जन्में हैं। तिवारी की यहीं से पढ़ाई हुई। उनके माता-पिता यहीं काम किया।
वहीं 2019 में मनीष तिवारी आनंदपुर साहिब पंजाब से सांसद बने। वह पूर्व में लुधियाना से भी सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा केंद्र में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री भी रहे। वहीं मनीष तिवारी सुप्रीम कोर्ट के एक मजे हुए एडवोकेट भी हैं। इसके साथ ही तिवारी लेखक भी हैं। उन्होने 4 पुस्तकें लिखीं हैं।
चंडीगढ़ के चुनावी मैदान में कुल 19 उम्मीदवार थे
बीजेपी उम्मीदवार संजय टंडन और कांग्रेस-आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन से उम्मीदवार मनीष तिवारी समेत इस बार के चंडीगढ़ लोकसभा चुनाव-2024 में कुल 19 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। उम्मीदवारों में कई आजाद उम्मीदवार थे। वहीं अकाली दल से चंडीगढ़ में कोई उम्मीदवार नहीं था। जबकि चंडीगढ़ में बहुजन समाज पार्टी से डॉ रितु सिंह उम्मीदवार थीं। डॉ रितु सिंह तीसरे नंबर पर रहीं। मुक़ाबला केवल मनीष तिवारी और संजय टंडन में ही सीधे तौर पर हुआ।
2014 और 2019 में BJP की किरण खेर चंडीगढ़ से सांसद बनी
2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बॉलीवुड अदाकारा किरण खेर को चंडीगढ़ सीट से टिकट दी थी। जिसके बाद किरण खेर चंडीगढ़ से दोनों ही चुनाव जीतीं। लेकिन इस बार बीजेपी ने यहां से किरण खेर की टिकट काट दी और संजय टंडन पर भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा। इसी तरह 2004 और 2009 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल संसद में चंडीगढ़ का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 2014 और 2019 का चुनाव भी बंसल ने लड़ा लेकिन वह हार गए।
जिसके बाद पार्टी ने इस बार उनकी जगह मनीष तिवारी को यहां से लड़ाने का फैसला किया। बता दें कि, 2019 में किरण खेर को चंडीगढ़ में 231,188 यानि 50.64 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि पवन बंसल 1,84,218 यानि 40.35 प्रतिशत वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं आम आदमी पार्टी के उस समय के उम्मीदवार हरमोहन धवन को 13,781 करीब 4 फीसदी मत प्राप्त हुए थे। इस प्रकार किरण खेर 46 हजार से ज्यादा वोटों से जीती थीं।