मनीष सिसोदिया को राहत नहीं; कोर्ट ने न्यायिक हिरासत बढ़ाई, दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM पर इस मामले में चल रही CBI की कार्रवाई
Manish Sisodia Judicial Custody Extended
Manish Sisodia Judicial Custody Extended: दिल्ली शराब नीति और घोटाला मामले में आरोपी पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को राहत मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। दरसअल, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। इससे पहले सिसोदिया 6 मार्च को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए थे।
आज खत्म हो रही थी न्यायिक हिरासत
बतादें कि, आज 20 मार्च को न्यायिक हिरासत खत्म होने के साथ सिसोदिया को फिर से राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया और यहां से उन्हें दोबारा न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। न्यायिक हिरासत के दौरान मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में रखे गए हैं। यहां आपको यह भी बतादें कि सीबीआई के अलावा ईडी भी मनीष सिसोदिया पर अपनी कार्रवाई कर रही है।
26 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया
बतादें कि, दिल्ली शराब नीति और घोटाला मामले में सिसोदिया 26 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे। सीबीआई ने 26 फरवरी को आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद अगले दिन 27 फरवरी को सिसोदिया को कोर्ट में पेश कर सीबीआई ने 5 दिन की रिमांड हासिल कर ली थी।
सीबीआई ने दो बार रिमांड पर लिया
बतादें कि, दिल्ली शराब नीति और घोटाला मामले में एक्शन लेते हुए सीबीआई ने सिसोदिया को दो बार रिमांड पर लिया। सिसोदिया को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई को उनकी पहली रिमांड 4 मार्च तक के लिए मिली थी। इसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया को 6 मार्च तक सीबीआई रिमांड पर फिर से भेज दिया था।
मुझे टॉर्चर कर रही सीबीआई
इधर दूसरी बार कोर्ट पेशी में मनीष सिसोदिया ने सीबीआई की कोर्ट में शिकायत लगाई थी। सिसोदिया ने कहा था कि, सीबीआई उन्हें टॉर्चर कर रही है। सिसोदिया का कहना है कि सीबीआई पूछताछ के लिए 9-10 घंटे तक बैठाती है और बार-बार वही सवाल पूछती है। सिसोदिया ने कहा कि इस तरह से सीबीआई द्वारा उन्हें मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है। लेकिन इस दौरान सीबीआई का कहना था कि सिसोदिया पूछताक्ष और जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। सिसोदिया लगातार असहयोगी बने हुए हैं।
सिसोदिया पर सीबीआई की एक और FIR
दिल्ली शराब नीति और घोटाले मामले के अलावा सीबीआई ने पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर एक और मामले में FIR दर्ज की है। सिसोदिया पर यह एफआईआर 'फीडबैक यूनिट' के गठन और संचालन में हुए भ्रष्टाचार को लेकर दर्ज हुई है। एफआईआर में सिसोदिया के साथ-साथ और भी कई बड़े नाम शामिल हैं.
आरोप है कि, केजरीवाल सरकार द्वारा साल 2015 के आसपास गठित की गई 'फीडबैक यूनिट' में जहां एलजी की मंजूरी के बिना गलत तरीके से भर्तियां की गईं तो वहीं इस यूनिट के जरिए लोगों की जासूसी करवाई गई। यूनिट पर अन्य पार्टियों के राजनीतिक नेताओं की जासूसी का आरोप है।