Manish Bansal from Congress is a strong contender, Gyan Chand Gupta from BJP is again a contender

पंचकूला विधानसभा सीट: कांग्रेस से मनीष बंसल प्रबल दावेदार, भाजपा से ज्ञानचंद गुप्ता पुन: दावेदार

Manish Bansal from Congress is a strong contender, Gyan Chand Gupta from BJP is again a contender

Manish Bansal from Congress is a strong contender, Gyan Chand Gupta from BJP is again a contender

Manish Bansal from Congress is a strong contender, Gyan Chand Gupta from BJP is again a contender- पंचकूला (साजन शर्मा)I हरियाणा विधानसभा के चुनाव अक्टूबर माह में प्रस्तावित हैं। चुनाव से करीब एक माह पहले कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो जाएगा। उसी समय या इससे कुछ टाइम पहले पार्टियों की टिकट बांटने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। अक्टूबर में नई सरकार का गठन हो जाएगा। राजनीतिक पार्टियों ने चुनावों को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

टिकटार्थियों  ने भी अपना प्रचार शुरू कर दिया है। हरियाणा-पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ से सटे पंचकूला जिले में जहां कांग्रेस की पूर्व महापौर उपिंदर आहलुवालिया काफी देर से प्रचार करने में जुटी हुई हैं वहीं पर उनके अलावा पूर्व उप मुखयमंत्री व पूर्व सीएम भजनलाल के पुत्र चंद्रमोहन भी पंचकूला सीट से प्रबल दावेदार हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल के सुपुत्र मनीष बंसल जिन्होंने बीते ढ़ाई साल पहले पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर बरनाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन जीत नहीं पाये थे, ने जिस प्रकार पंचकूला में बीते कुछ दिनों से अपनी सक्रियता बढ़ा दी है उससे साफ जाहिर है कि पंचकूला विधानसभा सीट से वह कांग्रेस की टिकट झटकने में कामयाब हो सकते हैं।

इस बार चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर पवन बंसल को दरकिनार करते हुए कांग्रेस हाईकमान ने मनीष तिवारी पर दॉव खेला और वो जीतने में भी कामयाब हो गये। चंडीगढ़ व देश की राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी रहे पूर्व सांसद व केंद्रीय मंत्री रहे पवन बंसल ने अब अपनी राजनीति की गाड़ी पंचकूला की दिशा में मोड़ी  है। वह खुद की दावेदारी तो नहीं जता रहे लेकिन उन्हें अपने पुत्र मनीष बंसल के लिये पंचकूला की पिच माफिक नजर आ रही है। हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा से उनकी निकटता व दोस्ती किसी से छिपी भी नहीं है। यही वजह है कि मनीष बंसल को वह हरियाणा की राजनीति में एडजस्ट करना चाहते हैं क्योंकि चंडीगढ़ की राजनीतिक जमीन पर तो पूर्व केंद्रीय मंत्री और दो जगह से सांसद रहे मनीष तिवारी ने कब्जा कर लिया है।

टिकट आवंटन को लेकर सभी पार्टियों के नेताओं ने अपने आकाओं के पास हाजिरी लगवानी शुरू कर दी है। अपनी टिकट दावेदारी को पक्का करने में ये कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। हालांकि आश्वासन के नाम पर तो इन्हें अभी कुछ नहीं मिला लेकिन इनकी कोशिशें जारी हैं। चंडीगढ़ के साथ सटता पंचकूला विधानसभा क्षेत्र विभिन्न पार्टियों के नेताओं के लिये टिकट हासिल करने की हॉट सीट बना हुआ है। खासतौर से दो महत्वपूर्ण पार्टियों भाजपा व कांग्रेस के दावेदारों में इस सीट को लेकर जबरदस्त रस्साकशी है। यहां से कई दावेदारों की लाइन लगती दिख रही है। राजनीति के धुआंधार खिलाडिय़ों से लेकर नये नवेले नेता भी टिकट के लिये किस्मत आजमाने में पीछे नहीं दिख रहे। या तो वह खुद या अपने परिजन को इस सीट से उतारने के ख्वाब देख रहे हैं। 

स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता मिले मोदी व शाह से

भाजपा की ओर से ज्ञानचंद गुप्ता जो वर्तमान में विधानसभा के स्पीकर हैं टिकट के लिये पूरा दमखम लगाये हैं। उन्होंने बीते दिनों गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी नई दिल्ली में जाकर एक औपचारिक मुलाकात की। इस मुलाकात को उनकी पंचकूला से टिकट दावेदारी के तौर पर भी देखा जा रहा है। समर्थकों की अगर मानें तो भाजपा में सबसे मजबूत दावेदारी पंचकूला विधानसभा सीट से ज्ञानचंद गुप्ता की है। कहा जा रहा है कि गुप्ता के बीते दस साल में यहां से विधायक रहते 5 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा के काम हुए जो उनकी दावेदारी को और प्रबल बना रहे हैं। पंचकूला की सूरत बदलने में उन्होंने दस साल में हर संभव कोशिश की। कई ऐसे प्रोजेक्टों को पूरा कराने का काम किया जिनसे लोगों को जबरदस्त लाभ मिला। अब इन्हीं के सहारे ज्ञानचंद गुप्ता अपनी नैया खेने की कोशिश में लगे हैं, हालांकि कहीं न कहीं उनके जहन में ये आशंका भी है कि बढ़ती उम्र कहीं उनके टिकट की राह में आड़े न आ जाए लेकिन अब भाजपा में इस आशंका को निर्मूल साबित करते हुए कई वरिष्ठ नेताओं को भी लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट से नवाजा जो उम्र का एक पड़ाव पार कर चुके थे। इसीलिये ज्ञानचंद गुप्ता  पूरी तरह आश्वास्त भी लग रहे हैं कि टिकट उन्हीं को मिलेगी। इधर पंचकूला की तेजतर्रार नेता और पहले कांग्रेस में रही रंजीता मेहता भी टिकट चाहवानों की दौड़ में शामिल है। उन्होंने भी भाजपा के उच्च पदासीन नेताओं से संपर्क साध रखा है। बीते कुछ समय से वह पंचकूला में खूब सक्रिय भी रही हैं। तरुण भंडारी एक अन्य नाम है जिन्होंने बीते दिनों हिमाचल प्रदेश के कांग्रेसी विधायकों को भाजपा की ओर करने में अहम भूमिका निभाई। इसी को लेकर हिमाचल में उनके खिलाफ मामला भी  दर्ज हुआ है। कहीं न कहीं उनके मन में भी चुनाव लडऩे की इच्छा बनी हुई है और वो पंचकूला सीट को अपनी सेफ सीट मानकर चल रहे हैं।

बंसल की जमीन पर तिवारी का कब्जा

पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल अपने सुपुत्र मनीष बंसल को हरियाणा की राजनीति में एडजस्ट करना चाहते हैं क्योंकि चंडीगढ़ की राजनीतिक जमीन पर तो पूर्व केंद्रीय मंत्री और दो जगह से सांसद रहे मनीष तिवारी ने कब्जा कर लिया है। मनीष तिवारी ने यहां भाजपा के प्रत्याशी रहे संजय टंडन को शिकस्त देकर आगे के लिये भी पवन बंसल की राह में रोड़े अटका दिये हैं। मनीष बंसल पंचकूला में अपना कारोबार भी चला रहे हैं। उन्होंने पंचकूला के मुद्दे भी उठाने शुरू कर दिये हैं। बंसल के समर्थकों का कहना है कि बदले माहौल व परिस्थितियों में पंचकूला से उनकी दावेदारी मजबूत रहेगी। पंचकूला से पूर्व मेयर रही उपिंदर आहलुवालिया भी इस विधानसभा सीट से टिकट की दावेदार हैं। ग्राउंड पर रहकर उन्होंने भी यहां खूब काम किया है। इसके अलावा सुधा भारद्वाज का नाम भी पंचकूला विधानसभा सीट से कांग्रेस टिकट के दावेदारों में बताया जा रहा है। कांग्रेस अपने स्तर पर भी हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों का सर्वे करा रही है। इस सर्वे में जिसका नाम आगे रहेगा, वही टिकट में भी बाजी मारेगा। हालांकि ऊपर बैठे ताकतवार नेताओं की तूती भी टिकट वितरण में बोलेगी, इसकी पूरी संभावना है। कांग्रेस टिकट के लिये बड़ी तादाद में दावेदार सामने आ रहे हैं।