Mandate for development in five states

पांच राज्यों में विकास को मिला जनादेश

Mandate for development in five states

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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणामों ने यह साफ कर दिया है कि आखिर देश क्या चाहता है? देश की जनता विकास चाहती है और उन राजनीतिक दलों को सत्ता से दूर ही रखना चाहती है, जिनकी कथनी और करनी में मेल नहीं है। उत्तर प्रदेश में जहां भाजपा ने अपनी सत्ता को बरकरार रखा वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा कर दिखाया। इसकी आहट पहले से ही थी, क्योंकि जिस  प्रकार के रुझान देखने को मिल रहे थे, उसके बाद से यह तय हो गया था कि इस बार जनता जहां जरूरी होगा, वहां बदलाव लेकर आएगी। सबसे शानदार परिणाम पंजाब में रहे हैं, जहां आम आदमी पार्टी ने 117 में से 91 सीटों पर जीत हासिल कर इतिहास रच दिया। इस बार के चुनाव में बड़े-बड़े धुरंधर पराजित हो गए। खुद पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस बनाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह चुनाव हार गए। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब की बागडोर सौंपी थी, लेकिन पार्टी का यह फैसला खुद उस पर भारी पड़ा। पंजाब की जनता ने यह स्वीकार नहीं किया। उसने कांग्रेस के अंदर जारी खींचतान को भी गंभीरता से लिया और बता दिया कि जनता की आंखों में धूल झोंकना कितना भारी पड़ता है।  

    इस बार के चुनाव में पंजाब के मतदाता के समक्ष अनेक पसंद थी, लेकिन उनमें से अगर उसने आप को चुना है तो यह पार्टी के प्रति उस विश्वास की अभिव्यक्ति है, जोकि उसने दिल्ली में अपनी सरकार के दौरान विकास करा कर हासिल किया है। आम आदमी पार्टी ने पंजाब की जनता से एक मौका देने का आग्रह किया था। यह भी कितना अकल्पनीय है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में लिखित में दिया था कि पंजाब में कांग्रेस हार रही है और उन्होंने अपने सीएम पद के उम्मीदवार भगवंत मान को शानदार वोट से जीत का इरादा जाहिर किया था।    इस बार पंजाब में त्रिशुंक विधानसभा के आने का अंदेशा जताया जा रहा था, लेकिन जनता के मन में क्या था, यह वही जानती है। उसने वही किया है, जो उसे उचित लगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम भी बेहद अचंभित करने वाले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद आगे आकर जहां प्रदेश की जनता को यह विश्वास दिलाया कि भाजपा के साथ उसका चलना क्यों वक्त की मांग है, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी ने जनता को विश्वास दिलाया है कि अब यूपी में गुंडों और अपराधियों की नहीं चलेगी। यूपी में पिछले पांच वर्षों के दौरान कोई भी दंगा-फसाद नहीं हुआ है। यह भाजपा के सुशासन का परिचायक है। इन चुनावों में जीत के साथ ही अब भाजपा के लिए वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी आधार तैयार हो गया है।

    इन चुनावों के बाद कांग्रेस के भविष्य पर सवालिया निशान लग गए हैं। पार्टी के जो नेता बड़ी बातें ही करते दिखते हैं, उनका प्रदर्शन इन चुनावों में सबके सामने आ गया है। उत्तर प्रदेश में इस बार कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने काफी मेहनत की है। लडक़ी हूं, लड़ सकती हूं के नारे के साथ प्रियंका गांधी ने यूपी में कांग्रेस की जमीन तलाशने की पूरी कोशिश की है। महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए 40 फीसदी सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारे गए थे। प्रियंका गांधी ने इस बार यूपी में अकेले मोर्चा संभाला। पार्टी ने अपने दम पर चुनाव लडऩे का फैसला किया। हालांकि, इस चुनाव में पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। जाहिर है, कांग्रेस को अब अपने नेतृत्व के संबंध में सोचना चाहिए। प्रियंका गांधी ने खुद को एक कुशल नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित कर दिखाया है।

    पंजाब में पार्टी को नए सिरे से देखना-परखना होगा कि आखिर उससे भूल कहां हुई। पंजाब में रेत खनन बहुत बड़ा अवैध धंधा है, निर्वतमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के रिश्तेदार के यहां छापे में करोड़ों रुपये की नकदी बरामद हुई थी। क्या इसके  बाद भी कांग्रेस को इसकी उम्मीद थी कि पार्टी पंजाब में सत्ता में आएगी। पंजाब की जनता बेहद खुले दिल की है, वह किसी के आग्रह को अस्वीकार नहीं करती, उसकी यह विनम्रता काबिले तारीफ है। कांग्रेस जनता के सामने जिस प्रकार गई है, उसे जनता ने स्वीकार नहीं किया। हालांकि उत्तर प्रदेश में भी भाजपा सत्ताशीन थी, उसे सत्ता विरोधी लहर का खतरा था, लेकिन फिर भी वह कामयाब रही। वहीं उत्तराखंड में भी यही हुआ है। जनता ने इस बात को पसंद किया है कि कोई ईमानदारी से उसके सामने अपने आप को जाहिर कर रहा है। उसने कुछ छिपाया नहीं है, मुख्यमंत्री भी बदले तो जनता के हित के लिए ही बदले। लेकिन कांग्रेस के संबंध में यह बात लागू नहीं हुई।

    पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद अब सत्ता में आने वाले राजनीतिक दलों के सामने उन चुनावी वादों को पूरा करने की जिम्मेदारी है, जो उसने जनता से किए हुए हैं। पंजाब में तो संत सीचेवाल ने चुनावी वादों को कानूनी जामा पहनाने की मांग करते हुए मुहिम भी खड़ी की है। आम आदमी पार्टी ने पंजाब के लिए भर-भर कर वादे किए हैं। उसने महिलाओं की आर्थिक उन्नति के लिए जहां हर महीने एकमुश्त राशि देने का वादा किया है, वहीं भ्रष्टाचार को खत्म करने और राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ाने और राज्य को हर मोर्चे पर आगे ले जाने का वादा भी जनता से किया हुआ है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वे दिल्ली मॉडल को पंजाब में लागू करेंगे, ऐसे में अब देखना होगा, पंजाब किस प्रकार दिल्ली की तर्ज पर विकास की नई बुलंदियों को छूता है।