Mamta Kulkarni Kinnar Akhada: 'यह महादेव का आदेश था, और मैं संन्यासी बन गई'; पट्टाभिषेक में खूब रोईं ममता कुलकर्णी

'यह महादेव का आदेश था, और मैं संन्यासी बन गई'; पट्टाभिषेक में खूब रोईं ममता कुलकर्णी, बोलीं- परीक्षा पास करके महामंडलेश्वर बनी हूं

Mamta Kulkarni Becomes Mahamandleshwar of the Kinnar Akhara as Mamta Nand Giri

Mamta Kulkarni Becomes Mahamandleshwar of the Kinnar Akhara as Mamta Nand Giri

Mamta Kulkarni Kinnar Akhada: बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस रहीं ममता कुलकर्णी अब संन्यासिन हो गईं हैं। ममता ने महाकुंभ में संन्यास की दीक्षा ले ली है। वह किन्नर अखाड़े में शामिल हुईं हैं और उन्हें यहां महामंडलेश्वर बनाया गया है। बीते शुक्रवार की देर शाम ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने के लिए उनका पट्टाभिषेक हुआ। यानि सारी विधिवत क्रिया की गई। इससे पहले ममता कुलकर्णी ने संगम में स्नान के साथ अपना पिंडदान किया। ममता कुलकर्णी का नाम भी बदला गया है। वह अब यमाई ममता नंद गिरी के नाम से जानी जाएंगी।

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पट्टाभिषेक में खूब रोईं ममता कुलकर्णी

महामंडलेश्वर बनाए जाने के लिए जब ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक हो रहा था तो इस दौरान वह इतनी भावुक हुईं कि इस अनुष्ठान के दौरान वह रोती रहीं। उनके आंखों से आंसू बहते देखे गए। वहीं दूसरी तरफ वैदिक मंत्रों की उच्चारण से ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक हो रहा था। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और अन्य आचार्य एवं संत ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक करा रहे थे। पट्टाभिषेक की इस क्रिया में ममता कुलकर्णी की शुद्धि की गई। उन्हें मंत्रोचारण के साथ शंख से गिरते दूध से नहलाया गया।

ममता कुलकर्णी के पट्टाभिषेक का वीडियो (पीटीआई के हवाले से)


'यह महादेव का आदेश था, और मैं संन्यासी बन गई'

फिल्मी दुनिया के स्टारडम और लाइमलाइट से परे हटकर अध्यात्म की दुनिया में प्रवेश करना। ममता कुलकर्णी का यह बडा फैसला माना जा रहा है। ममता के इस कदम ने सभी को चौंका दिया। वहीं जब ममता कुलकर्णी से पूछा गया कि, उन्होंने संन्यास दीक्षा ले ली है। यह कदम उन्होंने क्यों उठाया। इस पर ममता कुलकर्णी ने कहा कि, 'यह महादेव और महाकाली महाशक्ति का आदेश था, मैंने कुछ नहीं किया'। उन्होंने ही ये मेरे लिए ये चुना। आज का दिन भी उन्हीं का चुना हुआ है।

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परीक्षा पास करके महामंडलेश्वर बनी हूं

किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने की क्या प्रक्रिया रही? इस पर ममता कुलकर्णी ने कहा कि, मैं पिछले 23 वर्षों से ध्यान, ताप और साधना कर रहीं हूं। अब मैंने अपना पट्टागुरु आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को चुना है. मुझे किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनने के लिए पूछा गया था। जिसके बाद महाशक्ति ने भी मुझे ऐसा करने का निर्देश दिया। मुझे महामंडलेश्वर की उपाधि देने से पहले मेरी काफी परीक्षा ली गई। कई महामंडलेश्वरों ने मुझसे कुछ प्रश्न पूछे। उन्होंने मेरे अभ्यास की परीक्षा ली। मैं परीक्षा में पास हो गई।

ममता कुलकर्णी ने बताया कि, इसके बाद कहीं जाकर मुझे महामंडलेश्वर बनाया गया है। मैंने संगम पर 'पिंडदान' की रस्म पूरी की है। ये मेरे 23 साल की आध्यात्मिक पढ़ाई का सर्टिफिकेट है। "देखिए, अगर आपने 23 साल तक यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है, तो क्या आपको सर्टिफिकेट नहीं मिलना चाहिए? जरूर मिलना चाहिए। ममता कुलकर्णी ने कहा कि, मेरे संन्यास लेने से कई लोग नाराज हैं, उन्हें लग रहा था कि मैं फिर से बॉलीवुड में काम करूंगी। लेकिन महादेव महाकाल को कुछ और ही मंजूर था। उनकी इच्छा के आगे किसी का भी ज़ोर नहीं चलता। मैं भारत में ही रहूंगी.

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आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण ने कहा- टच में थीं ममता

किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण ने ममता कुलकर्णी के अखाड़े में शामिल होने को लेकर कहा कि, ममता कुलकर्णी पिछले डेढ़-दो साल से किन्नर अखाड़े और मेरे संपर्क में थीं। अब वह किन्नर अखाड़े में शामिल हुईं हैं। उन्हें महामंडलेश्वर बनाए जाने से पहले विधिवत सारी क्रिया की गई है। उनका पिंडदान हुआ है। उनका नाम बदलकर  श्री यमाई ममता नंदगिरी रखा गया है। आचार्य महामंडलेश्वर ने यह तक कह दिया है कि, अगर ममता कुलकर्णी चाहें तो किसी भी धार्मिक पात्र का किरदार निभा सकती हैं, क्योंकि हम किसी को भी अपनी कला दिखाने से नहीं रोकते।

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किन्नर अखाड़ा कैसे काम करता है?

जानकारी के अनुसार, किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े का हिस्सा है। हालांकि, इस अखाड़े को अलग मान्यता देने की मांग हो रही है। किन्नर अखाड़ा 2015 में स्थापित हुआ था। जिसका मुख्य उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय को आध्यात्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में समानता और मान्यता देना है। अब, ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्त करके अखाड़ा अपने संदेश और प्रभाव को और अधिक फैलाने कोशिश कर रहा है। ममता कुलकर्णी सनातन के साथ-साथ किन्नर अखाड़े के प्रचार-प्रसार को भी बढ़ावा देंगी।

Mamta Kulkarni Becomes Mahamandleshwar

 

ममता कुलकर्णी पर विवाद!

वहीं जानकारी यह भी मिल रही है कि, ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़ा जॉइन कराने और उन्हें साध्वी बनाने को लेकर महाकुंभ में कई साधु-संतों के बीच मतभेद की स्थिति भी पैदा हो गई है और नाराजगी फैल गई है, जिससे धार्मिक समुदाय में विवाद की स्थिति उत्पन्न होती देखी जा रही है। दरअसल, आचार्यों के एक गुट का यह कहना है कि, अखाड़े की अपनी गरिमा और अपने कुछ नियम होते हैं।

आचार्यों के मुताबिक, हर हाल में उन नियमों का पालन किया जाना चाहिए। जिससे गलत संदेश न जाए। बता दें कि, ममता कुलकर्णी की आरोपित छवि को देखते हुए भी कई सवाल खड़े हुए हैं। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि, किन्नर अखाड़े को किसी किन्नर को ही महामंडलेश्वर बनाना चाहिए था। फिलहाल, ममता कुलकर्णी अब साध्वी बन चुकी हैं और साथ में किन्नर अखाड़े की महामंडेलेश्वर भी।

Mamta Kulkarni Becomes Mahamandleshwar

 

अंडरवर्ल्ड से डायरेक्ट कनेक्शन को लेकर चर्चित रहीं ममता कुलकर्णी

एक समय में ममता कुलकर्णी बॉलीवुड सनसनी के साथ अंडरवर्ल्ड से डायरेक्ट कनेक्शन को लेकर भी चर्चित रहीं। इसके साथ ही ममता कुलकर्णी का नाम ड्रग की दुनिया से भी जुड़ा। ममता कुलकर्णी ने साल 2013 में विक्की गोस्वामी (नामित ड्रग माफिया) से शादी की थी। लेकिन अब ममता कुलकर्णी ने फिल्मी दुनिया के स्टारडम और लाइमलाइट के साथ अंडरवर्ल्ड और ड्रग तस्कर के अपने विवादास्पद जीवन को छोड़कर संन्यास ले लिया है।

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