Johnson Baby Powder: महाराष्ट्र खाद्य-औषधि प्रशासन का बड़ा फैसला, जॉनसन बेबी पाउडर का विनिर्माण लाइसेंस रद्द
Johnson Baby Powder: महाराष्ट्र खाद्य-औषधि प्रशासन का बड़ा फैसला, जॉनसन बेबी पाउडर का विनिर्माण लाइस
नई दिल्ली। जॉनसन बेबी पाउडर (Johnson Baby Power), महाराष्ट्र सरकार की ओर से बैन लगाने के बाद एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। बैन के बाद महाराष्ट्र में जॉनसन बेबी पाउडर को बनाने वाली कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड इसकी मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री नहीं कर पाएगी।
इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार के खाद्य और औषधि प्रशासन (FDA) ने कंपनी के मुंबई और मुलुंड में जॉनसन बेबी पाउडर के मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के लाइसेंस को भी कैंसिल कर दिया है। दरअसल कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र एफडीए ने जॉनसन बेबी पाउडर के कुछ सैंपल मुलुंड, मुंबई, पुणे और नासिक से लिए थे, जिसमें यह पाउडर बच्चों की सेहत के लिए सही नहीं पाया। जिस कारण सरकार ने तत्काल प्रभाव से इस पर रोक लगा दी है।
1947 से बेचा जा रहा है जॉनसन बेबी पाउडर
कंपनी की बेवसाइट के अनुसार, आजादी के बाद 1947 में अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत में कदम रख दिया था। उसके बाद से ही कंपनी पूरे भारत में जॉनसन बेबी पाउडर बेच रही है। कंपनी का बेबी पाउडर बड़े पैमाने पर भारतीय घरों में उपयोग किया जाता है। कंपनी के पास इसके साथ बेबी प्रोडक्ट्स में शैंपू से लेकर साबुन तक की बड़ी रेंज है।
बच्चों की त्वचा के लिए खराब
महाराष्ट्र एफडीए ने सैंपल की रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि कंपनी का प्रोडक्ट जॉनसन बेबी पाउडर बच्चों की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। सरकार की ओर से लिए गए सैंपल में पाउडर मापदंडों पर खरा नहीं उतरा है।
जॉनसन बेबी पाउडर पर विवाद
जॉनसन बेबी पाउडर को पहली बार 1894 में लॉन्च किया गया था। लॉन्च के बाद पहली बार इस पाउडर के हानिकारक होने का मामला 1930 में सामने आया था। जहां पर बताया गया कि यह पाउडर त्वचा के लिए हानिकारक है। इस बीच पाउडर को लेकर कई शोध प्रकाशित किए गए जिसमें यह दावा किया गया कि इस पाउडर से कैंसर होने का खतरा हो सकता है।
इसमें बड़ा मोड़ तब आया जब समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने रिचर्स जारी की जिसमें बताया गया कि जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी वर्षों से इस बात को जानती थी कि उसके पाउडर में एस्बेस्टस मौजूद है। एस्बेस्टस को कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ के रूप में जाना जाता है। रिपोर्ट में कंपनी के अंदरूनी रिकॉर्ड और गवाहों के हवाले से बताया गया कि कंपनी के द्वारा उत्पादित 1971 से 2000 के बीच बेबी पाउडर में एस्बेस्टस की थोड़ी - थोड़ी मात्रा पाई गई थी।
कंपनी कर रही है मुकदमों का सामना
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी विदेशों में करीब 38,000 मुकदमों का सामना कर रही है, इसमें लोगों की ओर से कंपनी के ऊपर आरोप लगाया गया है कि बेबी पाउडर में एस्बेस्टस होने के उन्हें ओवरी कैंसर हो गया है। इस पर कंपनी ने कहा है कि दुनिया भर के चिकित्सा विशेषज्ञों ने दशकों से अपने स्वतंत्र विश्लेषण में इस बात को कहा है कि बेबी पाउडर बच्चों के लिए सुरक्षित है इसमें कोई भी हानिकारक पदार्थ नहीं है और ना ही इससे कैंसर होने का कोई भी खतरा है।
बेबी पाउडर का उत्पादन बंद करेगी कंपनी
पिछले महीने कंपनी ने ऐलान किया था कि लगातार चल रहे विवादों के कारण 2023 में वैश्विक स्तर पर टैल्क आधारित उत्पादों की बिक्री बंद कर देगी।