बेनामी संपत्ति मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को मिला क्लीन चिट

बेनामी संपत्ति मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को मिला क्लीन चिट, जाने क्या था पूरा मामला

आयकर अपील न्यायाधिकरण ने पवार और अन्य के खिलाफ आईटी के आरोपों को खारिज कर दिया

 

Maharastra Deputy CM Ajit Pawar: आयकर अपील न्यायाधिकरण ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों को बड़ी रहत दी है। उप मुख्यमंत्री पर बेनामी लेनदेन के जरिए संपत्ति खरीदने का आरोप था। 3 साल पहले आयकर विभाग ने बेनामी स्वामित्व का आरोप लगाते हुए 1000 करोड रुपए की संपत्ति सीज की थी। लेकिन अब इस मामले में अजीत पवार और उनके परिवार को काफी राहत मिल गई है। तो आईए जानते हैं कि यह मामला क्या था।

 

क्या है बेनामी संपत्ति का मामला

 

तो इस मामले की शुरुआत 7 अक्टूबर 2021 को हुई थी जब आयकर विभाग ने कई संपत्तियों पर छापे मारे। जिसमें कुछ ऐसे दस्तावेज बरामद हुए जो कथित तौर पर बेनामी स्वामित्व वाली कुछ संपत्तियों को अजित पवार और उनके परिवार से जोड़ने थे। हालांकि न्यायाधिकरण ने इस दावों को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि, आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है। अजीत पवार उनकी पत्नी सुमित्रा और बेटे पार्थ, अजीत पवार का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता प्रशांत पटेल ने ट्रिब्यूनल के समक्ष तर्क दिया कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है।

अधिवक्ता पटेल ने बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम की योजना का हवाला देते हुए ट्रिब्यूनल को यह समझाया कि पवार परिवार निर्दोष है और उन्हें बिना किसी सबूत के कार्रवाई में नहीं घसीटा जा सकता। बता दे की 2021 में अधिकारियों ने बेनामी संपत्ति रोकथाम अधिनियम के तहत 1000 करोड रुपए से अधिक मूल्य की संपत्ति सीज की थी। इस कार्रवाई में महाराष्ट्र और मुंबई में अजीत पवार से जुड़े लोगों के आवासों और कार्यालय की तलाशी शामिल थी। जिसमें उनके रिश्तेदार, बहने,, करीबी सहयोगी शामिल थे। हालांकि सूत्रों ने कहा कि इनमें से कोई भी संपत्ति सीधे एनसीपी नेता के नाम पर पंजीकृत नहीं थी।

 

कौन सी संपत्तियां हुई थी सीज?

 

आपको बता दे की सीज की हुई संपत्तियों में महाराष्ट्र के सतारा में जरअंदेश्वर सूगर फैक्ट्री, मुंबई में एक आधिकारिक परिसर, दिल्ली में एक फ्लैट, गोवा में एक रिसॉर्ट, और महाराष्ट्र में 27 अलग-अलग जगह पर जमीन के टुकड़े शामिल थे। इस साल आयकर विभाग ने मुंबई में दो रियल स्टेट कारोबारी समूह और अजीत पवार के रिश्तेदारों के कथित तौर पर जुड़ी हुई संस्थानों पर छापेमारी के बाद 184 करोड रुपए की बेहिसाबी का पता लगाया था।

 

आयकर अपीली न्यायाधिकरण ने क्या कहा?

आयकर अपील न्यायाधिकरण ने पवार और अन्य के खिलाफ आईटी के आरोपों को खारिज कर दिया और फैसला सुनाया की महाराष्ट्र राज्य सरकारी बैंक या किसी अन्य कंपनी में अजीत पवार की स्थिति के आधार पर यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। जब तक की यह साबित हो जाए की बेनामी संपत्ति हासिल करने के लिए उनके द्वारा धन हस्तांतरित किया गया था या नहीं। अतः अजीत पवार और उनके परिवार को इस मामले में काफी राहत मिल चुकी है और कुछ लोगों का ऐसा कहना है की चुकी अजीत पवार भाजपा के संरक्षण में है इसलिए उन्हें इस मामले में राहत मिली है।