आजाद भारत के पहले कुंभ का दुर्लभ VIDEO; वो 1954 का दौर, 38 करोड़ जनसंख्या, तब 1 करोड़ लोग प्रयाग पहुंचे, पंडित नेहरू भी आए

 MahaKumbh Mela 1954 After India Independence Watch Video Story

MahaKumbh Mela 1954 After India Independence Watch Video Story

MahaKumbh Mela 1954: प्रयागराज (इलाहाबाद) में त्रिवेणी संगम पर 144 सालों के बाद 'पूर्ण महाकुंभ' 2025 का दिव्य और भव्य आयोजन हो रहा है। 12 महाकुंभ पूरे होने के बाद 'पूर्ण महाकुंभ' आता है। इससे पहले आखिरी बार महाकुंभ प्रयागराज में ही साल 2013 में 14 जनवरी से 10 मार्च तक आयोजित किया गया था। जहां अब 12 सालों बाद महाकुंभ फिर से प्रयागराज में ही आयोजित है। जहां कुंभ का मनोहर नजारा देखने को मिल रहा है।

इस बार महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 तक, यानि लगभग 45 दिनों तक चलेगा। लेकिन क्या आपने आजाद भारत के पहले कुंभ को देखा है। 1947 में भारत के आजाद होने के कुछ ही सालों बाद ये कुंभ प्रयागराज (इलाहाबाद) में ही पड़ा। आजाद भारत के इस पहले कुंभ का नजारा कैसा था? उस समय कुंभ में किस तरह की तैयारियां की गईं थीं। उस दौर में कितने लोग संगम की पवित्र धरा पर इस कुंभ में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. आज कुंभ की इस खास स्टोरी में हम सब कुछ जानेंगे।

जानिए 1954 का कुंभ कैसा था?

दरअसल, 1947 में भारत के आजाद होने के बाद साल 1954 में आजाद भारत के पहले कुंभ का आयोजन प्रयागराज (इलाहाबाद) में हुआ। लगभग 70 साल पहले उस दौर में प्रयाग कुंभ का दृश्य कैसा दिखा। इसका एक दुर्लभ वीडियो भी हम सबके बीच में मौजूद है। हाल कुछ ऐसा है कि, उस वीडियो में दिख रहा एक-एक दृश्य, एक-एक वाक्य, आंखों और कानों को बाध्य कर दे रहा है पूरा वीडियो देखने के लिए।

वीडियो में दिखाया जा रहा 1954 कुंभ का एक-एक क्षण ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे आप अपनी आंखों से प्रत्यक्षदर्शी होकर उस कुंभ को देख रहे हैं। वीडियो को देखकर एहसास ही कुछ ऐसा है। ऐसा लगता है कि, जैसे हम उस दौर से खुद का जुड़ाव महसूस कर रहे हों। नीचे आप पूरी वीडियो देख पाएंगे।

38 करोड़ जनसंख्या, तब 1 करोड़ लोग प्रयाग पहुंचे

1954 कुंभ में उस समय 1 करोड़ लोग प्रयाग त्रिवेणी संगम पर पहुंचे थे। उस दौर में भारत की जनसंख्या 38 करोड़ के आसपास हुआ करती थी। मसलन, 38 करोड़ की आबादी वाले भारत में 1 करोड़ लोगों का 1954 कुंभ में शामिल होना यह दर्शाता है कि, देश की कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा कुंभ में पहुंचा। इससे यह पता चला कि, इस दौर में लोग सनातन और संस्कृति की मज़बूत नींव रखने के लिए एक उज्ज्वल और नया भविष्य की कल्पना लिए आगे बढ़ रहे थे।

1954 कुंभ में पंडित नेहरू प्रयागराज आए

70 वर्ष पूर्व 1954 के प्रयागराज कुंभ में जहां देशभर के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था तो वहीं उस दौर की कई वीआईपी हस्तियां भी इस कुंभ में पहुंचीं थीं। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, उस समय के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और उत्तर प्रदेश के उस समय के मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने कुंभ में शिरकत की।

 MahaKumbh Mela 1954 After India Independence Watch Video Story

 

पंडित नेहरू ने संगम पर 1954 कुंभ का दौरा किया

एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के उस समय के मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत कुंभ का दौरा कर बंदोबस्त का जायजा ले रहे थे तो वहीं दूसरी ओर उस समय के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी 1954 कुंभ का दौरा किया। पंडित नेहरू कुंभ मेले की सड़कों पर घूमे, पुलों का दौरा किया। इसके अलावा पंडित नेहरू ने 1954 कुंभ में शाही स्नान में गंगा में पवित्र डुबकी भी लगाई। 

1954 कुंभ वीडियो

 

1954 कुंभ में भगदड़ की दर्दनाक यादें भी

1954 प्रयाग कुंभ मेला भारत के लिए एक यादगार तो बना। मगर कुंभ मेलें की कुछ यादें हमेशा के लिए दर्दनाक भी बन गईं। क्योंकि 1954 कुंभ में भगदड़ भी मची थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 3 फरवरी 1954 जब मौनी अमावस्या को शाही स्नान का दिन था तो उस दिन अचानक भगदड़ में कई लोगों की जानें चली गईं। लोग कुचले गए। बाद में उनके चप्पल-जूते और बिखरे सामानों की तस्वीर देखने को मिली।

रिपोर्ट्स के अनुसार, इस भगदड़ के लिए कहीं न कहीं पंडित जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार माना गया। बताया जाता है कि, नेहरू ने कुंभ में शाही स्नान करने की घोषणा की थी और वह उस दिन शाही स्नान करने और संगम के दौरे के लिए पहुंचे तो इस दौरान अचानक भगदड़ मची। पंडित नेहरू उस दिन मेला स्थल पर ही थे। कहा जाता है कि, मेले की सारी सुरक्षा व्यवस्था पंडित नेहरू की सुरक्षा में लग गई थी। आरोप है कि, बाद में सरकार की तरफ से यह दावा किया गया कि, भगदड़ में बस कुछ भिखारी मरे हैं।

हालांकि, दूसरी तरफ यह दावा किया जाता रहा कि, 500 से ज्यादा लोग भगदड़ में मारे गए हैं। बताया जाता है कि, उस दौरान एक मात्र फ़ोटो पत्रकार ने लाशों की फ़ोटो छाप दी थी। वहीं बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि, पंडित जवाहरलाल नेहरू कुंभ आए और संभवता इसी कारण भगदड़ मची। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके बाद पंडित नेहरू ने अपील की थी कि कोई भी नेता शाही स्नान के दिन कुंभ न जाये। नीचे तस्वीर देखिए

 MahaKumbh Mela 1954 After India Independence Watch Video Story

 

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