'बवंडर बाबा' ने जो कहा, हिंदुओं को वो सुनना चाहिए; महाकुंभ में पहुंचे, बाइक से बवंडर बनकर घूमते, भगवान के खास मिशन पर निकले हैं
MahaKumbh Mein Bawandar Baba Bike Tour Who Awaring To Hindus For Gods
MahaKumbh Mein Bawandar Baba: तीर्थराज प्रयाग में 144 सालों बाद आयोजित 'पूर्ण महाकुंभ 2025' में साधु-संतों का तांता लगा हुआ है। जहां नजर डाली जाए। वहीं साधु-संतों के शिविर नजर आ रहे हैं। इसके अलावा एक विशेष बात यह भी है कि, इस महाकुंभ में आए कई साधु-संत ऐसे भी हैं। जिनका अलग और अनोखा अंदाज चर्चा में बना हुआ है। लोग इन्हें देखकर चकित के चकित रह जा रहे हैं।
महाकुंभ में आए ऐसे ही एक बाबा हैं 'बवंडर बाबा'। ये 'बवंडर बाबा' बाइक से धार्मिक यात्रा करने के लिए मशहूर हैं। एक तरह से ये बाबा बाइक पर बवंडर बनकर घूमते हैं और हिंदुओं को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। दरअसल, 'बवंडर बाबा' भगवान के खास मिशन पर निकले हैं। वह भगवान का अपमान बचाने के लिए अपना पूरा जीवन बाइक से धार्मिक यात्रा करने पर खपा रहे हैं।
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बताया जाता है कि, बाबा बाइक से अब तक 1 लाख 15 हजार किलोमीटर सफर तय कर चुके हैं। बाबा बाइक से देश के 12 ज्योतिर्लिंग और 29 शक्तिपीठ की यात्रा के साथ 25 राज्यों का सफर बाइक पर कर चुके हैं। बाबा ने कहा कि, मेरा इस यात्रा को जो संकल्प है वो ये है कि हमारे भगवान और देवी-देवाताओं का अपमान हिंदुओं द्वारा क्यों किया जा रहा है? इसके लिए हिंदुओं को जागरूक कर इसे रोकना है।
बवंडर बाबा ने हिंदुओं को चेताया
बवंडर बाबा ने कहा, आज के ये जो हिन्दू जनमानस हैं, इनका जन्म भले ही भारत में हुआ है, हिन्दू धर्म में हुआ है लेकिन इनकी खाली चमड़ी हिन्दू है, ये हिन्दू नहीं हैं। इनका रहन-सहन पश्चिमी सभ्यता का हो चुका है। बाबा ने कहा कि, एक मुसलमान आधुनिकता के साथ अपनी कुरान से भी जुड़कर रहता है, एक सिख आधुनिकता के साथ वाहे गुरु से जुड़कर रहता है लेकिन हिन्दू 90% अंग्रेज़ हो गए हैं। ये खुद अपने ही भगवान का अपमान कर रहे हैं।
बाबा ने कहा कि, ये साल में भगवान के कैलेंडर बदल लेते हैं। भगवान की मूर्तियां इधर-उधर डाल आते हैं। मतलब जिस भगवान को पूजा, उसको बाद में कहीं रद्दी में फेंकते हैं तो कहीं मंदिर के बाहर, पीपल पेड़ के नीचे, तालाब किनारे, सड़क किनारे डाल आते हैं। जहां उनकी क्या दुर्दशा होती है सभी जानते हैं। इसी तरह हिन्दू शादी में पत्रिका में भगवान और देवी-देवाताओं की तस्वीरें छपवाता है। फिर उसके बाद उन कार्ड और पत्रिका का क्या होता है। यह भी सभी जानते हैं।
वो पत्रिका-कार्ड इधर-उधर सड़कों में, रद्दी में डले हुए घूमते हैं। इससे भगवान और देवी-देवातों का अपमान होता है। मतलब जिनकी पूजा कर रहा है, उनका ही अपमान हिन्दू कर रहा है। हिन्दू कपूर, अगर बत्ती पर भगवान के फोटो लगे पैकेट कूड़े में फेंक देता है। बाबा ने कहा कि, भगवान की मूर्ती या तस्वीर फट जाने या खंडित हो जाने पर कुछ विधान है। या तो उसे भूमिगत कर दो या फिर किसी नदी में प्रवाह करो।
'बवंडर बाबा' ने कहा कि, आज यह जो भी देश में हो रहा है, इसको बवंडर में लपेट कर भस्म करने का काम करने मैं निकला हूं। मैं पिछले साढ़े 3 साल से यह काम कर रहा हूं। इसलिए बवंडर बाबा हूं। बवंडर बाबा ने कहा कि, सभी हिंदुओं से मेरी यही अपील है कि, अपनी आस्था का अपमान न करें और न ही होने दें। वह नहीं जानते कि, ऐसा करके वह कितना बड़ा अपराध कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं 'बवंडर बाबा'
'बवंडर बाबा' का असली नाम विनोद सनातनी है। वो मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले बताए जाते हैं। 'बवंडर बाबा' ने 14 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था। बाबा का खाना पीना भी बाइक पर ही होता है। बाबा ने बताया कि, वह महाकुंभ में आए जरूर हैं लेकिन वह किसी साधु-संत के शिविर में नहीं रह रहे हैं। उनकी सारी व्यवस्था बाइक पर ही है। वह बाइक से ही महाकुंभ घूमेंगे और इसके बाद फिर आगे की यात्रा पर निकल जाएंगे।
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