CM योगी का मातृभूमि प्रेम: लखनऊ में किया उत्तराखंड महोत्सव का आगाज, जानें देवभूमि को लेकर क्या कहा
CM योगी का मातृभूमि प्रेम: लखनऊ में किया उत्तराखंड महोत्सव का आगाज, जानें देवभूमि को लेकर क्या कहा
लखनऊ। उत्तराखंड की नदियों से आने वाला पावन जल हम सबको जीवन देने का काम करता है। उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत के लोगों की प्यास यहां की नदियां बुझाती हैं। वहीं यह जल दुनिया भर का पेट भरने के लिए भी मुख्य स्रोत है। उत्तराखंड का पर्यावरण बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। यदि उत्तराखंड का पर्यावरण स्वच्छ रहेगा तो देश खुशहाल रहेगा। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोमती तट पर उत्तराखंड महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहीं। बोले-उत्तराखंड की पावन भूमि ने देश को बहुत कुछ दिया है। देश की रक्षा सेनाओं में उत्तराखंड के युवाओं का बहुत योगदान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी के पहले सीएम पंडित गोविंद बल्लभ पंत, हेमवती नंदन बहुगुणा, पंडित नारायण दत्त तिवारी, सीडीएस जनरल बिपिन रावत और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जैसी शख्सियत उत्तराखंड की देन है। उत्तराखंड का पर्यावरण ही नहीं, वहां की बोली-भाषा को बचाए रखने का प्रयास सबको करना होगा। पर्वतीय लोक परंपरा के पीछे एक इतिहास है। उसको संरक्षित किए जाने की आवश्यकता है। व्यापक पैमाने पर जलसंरक्षण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों से हम कटान को रोक सकते हैं। नवंबर के अंत से लेकर दिसंबर तक जब दिल्ली का माहौल दमघोंटू हो जाता है तब हर कोई उत्तराखंड की तरफ भागता है।
उत्तराखंड के साथ यूपी की सरकार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सहयोग करेगी। यूपी में ही वर्ष 2017 से अब तक 100 करोड़ पौधे रोपित किए गए हैं। इसमें यूकेलिप्टस नहीं, उनकी जगह पीपल, पाकड़ व बरगद, नीम इमरती और फलदार पौधे लगाए गए हैं। महापरिषद इस दिशा में बेहतर प्रयास कर रहा है। आज पूरी दुनिया कोरोना से पस्त है। अमेरिका, यूके, यूरोप, रूस व चीन पस्त हैं, लेकिन यूपी में पूरी भव्यता के साथ उत्तराखंड महोत्सव मनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने पर्यावरणविद पद्मश्री अनिल प्रकाश जोशी और आरएसएस के ब्रज क्षेत्र के प्रांत प्रचारक हरीश रौतेला को उत्तराखंड गौरव सम्मान प्रदान किया। अस्वस्थ होने के कारण हरीश रौतेला सम्मान प्राप्त करने नहीं आ सके। उनकी जगह उनके भाई प्रमोद रौतेला ने सम्मान प्राप्त किया। पद्मश्री अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने जब कुछ समय के लिए कोटद्वार में शिक्षा प्राप्त की तो वह उनके शिक्षक थे। आज उनके हाथ से सम्मान नहीं, गुरुदक्षिणा मिली है। इस मौके पर मंत्री आशुतोष टंडन, महेंद्र सिंह, ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे।
11 समूहों की 250 महिलाओं ने दी झोड़ा नृत्य प्रस्तुति : पारंपरिक वेशभूषा में सजी महिला झोड़ों के दल की प्रस्तुति खूब पसंद की गई। 11 समूहों की करीब 250 महिलाओं ने एक साथ झोड़ा नृत्य की प्रस्तुति दी। पहले दिन उत्तराखंड महापरिषद की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष पुष्पा वैष्णव, सदस्य हेमा बिष्ट, पूनम कनवाल, सुनीता रावत, सुनीता कनवाल, शोभा रावत, कमला मेहरा, शशि जोशी, सीता नेगी, ललिता बिष्ट, भारती बिष्ट आदि ने रंगोली एवं पहाड़ की लोकविधा ऐपण बनाए। सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत वंदना से हुई। निषि तिवारी ने भक्ति गीत सुनाए। लक्ष्मी श्रीवास्तव के निर्देशन में ऊषा परिणय नृत्य नाटिका का दर्शकों ने आनंद उठाया। उत्तराखंड रंगमंडल के कलाकार विजय बिष्ट, धर्मेन्द्र रावत, आशु रतूड़ी, ईशा वर्षिलिया, सोनम रावत, आरती बिष्ट ने सांस्कृतिक सचिव महेन्द्र गैलाकोटी के निर्देशन में थडिय़ा नृत्य एवं समूह नृत्य की प्रस्तुति दी।
बुधवार के कार्यक्रम
दोपहर दो बजे से
- एकल नृत्य : समस्त इच्छुक प्रतिभागी (चार वर्ष से अधिक)
- छोलिया नृत्य
- पंचवटी नृत्य नाटिका
- पंतनगर सांस्कृतिक समिति द्वारा उत्तराखंडी प्रस्तुतियां
शाम पांच बजे से
- वंदना
- मध्य प्रदेश के टीम की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
- लोक गायक मनोज अधिकारी की प्रस्तुति
- द्रौपदी नृत्य नाटिका एवं सूफी व कथक
- कुमाऊंनी प्रस्तुतियां