संसद से 140 से ज्यादा सांसद सस्पेंड; आज लोकसभा में 49 और सस्पेंड किए गए, शीतकालीन सत्र में नया इतिहास रच गया!
Lok Sabha 49 More MPs Suspends Today Parliament Winter Session 2023
Lok Sabha 49 MPs Suspends: संसद के शीतकालीन सत्र में सांसदों के सस्पेंड होने का एक नया इतिहास रच गया है। आज फिर लोकसभा के 49 और विपक्षी सांसद सस्पेंड कर दिए गए। सस्पेंड होने वाले सांसदों में सुप्रिया सुले, मनीष तिवारी, शशि थरूर, मोहम्मद फैसल, कार्ति चिदंबरम, सुदीप बंधोपाध्याय, डिंपल यादव और दानिश अली सहित अन्य विपक्षी सांसद शामिल हैं। ये संसद की सुरक्षा चूक और इस मसले को लेकर पहले सस्पेंड हुए विपक्षी सांसदों के लिए नारेबाजी के साथ हंगामा कर रहे थे। जिसके बाद आसन ने इनपर एक्शन ले लिया और सदन की कार्यवाही बाधित करने के चलते इन्हें बचे हुए पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। इन सांसदों के सस्पेंशन का प्रस्ताव केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने रखा। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
संसद से अब तक 140 से ज्यादा सांसद सस्पेंड
मंगलवार को 49 और सांसदों के सस्पेंड होने के बाद संसद से अब तक 140 से ज्यादा सांसद सस्पेंड हो चुके हैं। लोकसभा और राज्यसभा के सस्पेंड हुए विपक्षी सांसदों को मिलाकर कुल संख्या 141 हो जाती है। मालूम रहे कि, इससे पहले बीते सोमवार को लोकसभा के 33 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड किया गया था। जबकि राज्यसभा में 45 सांसद सस्पेंड किए गए। वहीं इससे पहले पिछले सप्ताह में लोकसभा के 13 विपक्षी सांसद सस्पेंड किए गए थे। जबकि राज्यसभा में एक सांसद का सस्पेंशन हुआ था। इस हिसाब से लोकसभा से अब तक कुल 95 और राज्यसभा से कुल 46 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है।
विपक्ष बोला- संसद में अब सिर्फ अराजकता
लोकसभा से सस्पेंड हो चुके कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने 49 और सांसदों के सस्पेंशन पर कहा कि यह संसद के अंदर अराजकता के अलावा और कुछ नहीं है...उन्हें हमारे देश की संसदीय प्रणाली पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है। इसलिए संसद में अराजकता, अराजकता और अराजकता के अलावा कुछ नहीं है। वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि वे विपक्ष-मुक्त लोकसभा चाहते हैं और वे राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही करेंगे... आज, अपने सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, मैं भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ लेकिन जो भी उपस्थित थे उन्हें शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है, जिसका अर्थ है कि वे बिना किसी चर्चा के अपने विधेयकों को पारित करना चाहते हैं। मुझे लगता है कि यह संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है।
वहीं सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि आज लगभग 40 से ज्यादा सांसद निलंबित हुए हैं। कल भी लोकसभा और राज्यसभा में मिलाकर 80 से ज्यादा सांसद निलंबित हुए। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। जो वातावरण हम देख रहे हैं, जहां हम संसद में अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं वह सरकार की पूरी विफलता को दर्शाता है। वहीं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार सही बात सुनना नहीं चाहती है। भाजपा से यह पूछना चाहिए कि वे लोकतंत्र का मंदिर बोलते हैं। हम सब अपने भाषणों में लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं। ये किस मूंह से इसे लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं, जब ये विपक्ष को बाहर कर रहे हैं. अगर ये दूसरी बार सरकार में आ गए तो यहां बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान नहीं बचेगा।