बिहार में शराबबन्दी पूरी तरह से है फेल, सरकार इस कानून को ले वापस : पूर्व सांसद लवली आनंद

बिहार में शराबबन्दी पूरी तरह से है फेल, सरकार इस कानून को ले वापस : पूर्व सांसद लवली आनंद

बिहार में शराबबन्दी पूरी तरह से है फेल

बिहार में शराबबन्दी पूरी तरह से है फेल, सरकार इस कानून को ले वापस : पूर्व सांसद लवली आनंद

बीजेपी और जेडीयू आपस मे खेल रहा है फ्रेंडली मैच

मुकेश कुमार सिंह

पटना (बिहार) : पूर्व सांसद लवली आनंद ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है। एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए श्रीमति आनंद ने मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा में जहरीली शराब से हुई 14 लोगों की मौत पर नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि बिहार में शराबबन्दी, नीतीश कुमार का फ्लॉप शो साबित हो रहा है। प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा है कि एक कल्याणकारी और महत्वाकांक्षी योजना आज भ्रष्ट सिस्टम और शराब माफियाओं की संलिप्तता के कारण जानलेवा हो गया है। क्रमवार अब तक राज्य के दर्जन भर शहरों में, सैकड़ों बेगुनाहों की जान जा चुकी है। इसके पहले कि राज्य को और नुकसान झेलना पड़े, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब बस भी करना चाहिए और बिना जिद और रार ठाने, शराबबन्दी कानून को वापस ले लेना चाहिए। एक तरफ इस कानून से राज्य में राजस्व के घाटे की कीमत बेवजह आम जनता को चुकानी पड़ रही है और तो दूसरी तरफ माफियाओं और तस्करों की समानांतर अर्थ व्यवस्था खड़ी हो चुकी है।

इस मामले में अचानक बीजेपी का अपनी ही सरकार पर हमलावर होने को लेकर, पूर्व सांसद ने इसे राजनीति का 'फ्रेंडली मैच' बताया और कहा कि राज्य की जागरूक जनता इस नूरा-कुश्ती को बाखूबी समझती है। बीजेपी कोई विपक्ष में नहीं बैठी है। अगर बीजेपी को सरकार के काम-काज के तरीके से एतराज है तो, उंगली उठाने के पहले उसे इन मुद्दों पर सरकार से अलग होने की हिम्मत दिखानी चाहिए। उन्होंने 'न्याय के साथ विकास' और 'सबका साथ सबका विकास' का जुमला वाली बिहार और केंद्र की सरकार को किसान- मजदूर विरोधी बताया और कहा कि हर सीजन पर खाद की किल्लत और डीजल के दाम में बढ़ोतरी, इसके ताजा उदाहरण हैं। उन्होंने कोरोना और 'लॉक डाउन' को भी केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अपनी-अपनी नाकामियों को छुपाने का महज एक जरिया बताया। लवली आनंद ने आगे कहा कि सीएम नीतीश कुमार की वजह से बिहार पुलिस के अधिकारी और कर्मी, अपने वास्तविक कर्तव्य से भटक चुके हैं। छिटफुट शराब बरामदगी को बड़ी कामयाबी मानने की वजह से, बड़े अपराध धड़ल्ले से हो रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार ने वास्तविक सेवा की राजनीति से अपना नाता तोड़ लिया है। जब भी उनसे जनता से जुड़ा कोई सवाल पूछा जाता है, तो वे दूसरे राज्यों से इसकी तुलना करने में लग जाते हैं। जेल की सलाखों के पीछे कैद अपने पति पूर्व सांसद आनंद मोहन को लेकर लवली आनंद ने कहा कि बिहार सहित देश भर में लाखों आनंद समर्थक हैं, जो अब किसी भी सूरत में उनके कैद को बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं। देश भर में यह नारा गूंज रहा है कि 'जल्द करो आनंद की रिहाई, इसी में है सब की भलाई"। देश के क्षत्रिय समाज से लेकर सर्वसमाज का बड़ा कारवाँ, आगामी 29 जनवरी को पटना पहुँच रहा है। "सिंह गर्जना रैली" के जरिये जनता की अदालत लगेगी। लाखों लोगों के एक साथ हुँकार से ना केवल सत्ता का सिंहासन बल्कि पटना की जमीन हिल जाएगी। श्री मोहन की रिहाई में हो रही देरी को अब ना हमारा परिवार बर्दाश्त करेगा और ना ही देश भर का हमारा पूरा परिवार ही। श्री मोहन, नीतीश कुमार की सत्ता के ताबूत के आखिरी कील साबित होंगे।