Liquor is fake or real, it will be identified by QR code

शराब नकली है या असली, अब इसकी पहचान होगी क्यूआर कोड से

Liquor is fake or real, it will be identified by QR code

शिमला:हिमाचल प्रदेश में जल्द ही रंग या स्वाद नहीं, क्यूआर कोड और होलोग्राम से असली और नकली शराब का पता लगेगा। अगस्त से हिमाचल में बिकने वाली शराब की हर बोतल पर क्यूआर कोड से लिंक होलोग्राम लगाना अनिवार्य कर दिया जाएगा। आबकारी विभाग ने नए होलोग्राम बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रदेश में बेची जाने वाली एक-एक बोतल का हिसाब रखने के लिए सरकार ने ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम शुरू किया है। इसी कड़ी में अब होलोग्राम को क्यूआर कोड से लिंक करने की कवायद शुरू की गई है।

होलोग्राम और क्यूआर कोड को मोबाइल फोन से स्कैन कर शराब की गुणवत्ता का लगेगा पता

होलोग्राम और क्यूआर कोड को मोबाइल फोन से स्कैन कर शराब की गुणवत्ता का पता लगाया जा सकेगा। हिमाचल प्रदेश में शराब की शुद्धता बनाए रखने के लिए सरकार ने अगस्त से नई व्यवस्था शुरू करने का निर्णय किया है। शराब की बोतलों पर क्यूआर कोड विद होलोग्राम ट्रेक लगाकर उसे बेचने का फैसला किया है। इसके लिए होलोग्राम बनाने वाली कंपनियों का चयन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन के माध्यम से आबकारी विभाग ने इस बाबत टेंडर आमंत्रित किए हैं।

​​​​जुलाई से सौंपा जाएगा काम

एक जुलाई को कंपनी का चयन करते ही होलोग्राम बनाने का काम सौंपा जाएगा। इसके तहत शराब के बॉटलिंग प्लांट से निकलने वाली हर बोतल पर सिक्योरिटी होलोग्राम, क्यूओर कोड और शराब के बॉक्स पर बार कोड होगा। प्लांट से बार कोड को रीड करने के बाद शराब की पेटियों को बाहर भेजा जाएगा। गोदाम में पहुंचने के बाद शराब की पेटियों के बार कोड को दोबारा स्कैन किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि शराब को सही डिपो पर पहुंचाया गया है।

इन्हीं पेटियों को जब रिटेल शॉप पर भिजवाया जाएगा तब भी बिल्डिंग के दौरान इनके बैच नंबर को अंकित किया जाएगा ताकि यह पता चल सके कि कौन सी शराब की पेटी या बोतल किस रिटेल स्टोर या दुकान पर गई है। शराब खरीदने वाले लोग भी ठेकों पर बोतल के क्यूआर कोड और होलोग्राम को अलग-अलग स्कैन कर शराब की गुणवत्ता की जांच कर सकेंगे।​​​​​

तारिक और जगह का लगेगा पता

स्कैन करने पर पता चलेगा कि शराब कहां और किस तारीख को बनी है। विभाग की इस नई व्यवस्था से नकली शराब की धरपकड़ हो सकेगी। आबकारी आयुक्त युनूस ने बताया कि वैध शराब बिकने से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। बाहरी क्षेत्रों से प्रदेश में लाई जाने वाली अवैध शराब की सप्लाई को रोकने के लिए इस व्यवस्था को शुरू करने का फैसला लिया है।