अत्यधिक मोटापा बन सकता है 16 आम बीमारियों की वजह : अध्ययन
- By Vinod --
- Monday, 07 Apr, 2025

Excessive obesity can cause 16 common diseases
Excessive obesity can cause 16 common diseases- नई दिल्ली। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग मोटापे का शिकार हैं, खासकर अत्यधिक मोटापे वाले लोग, उन्हें 16 आम स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है। इनमें नींद के दौरान सांस लेने में दिक्कत (स्लीप एप्निया), टाइप 2 डायबिटीज, फैटी लिवर आदि जैसी बीमारी शामिल हैं।
जब किसी व्यक्ति का बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) 40 या उससे अधिक होता है, या फिर 35 से ऊपर होते हुए भी मोटापे से जुड़ी बीमारियां हो जाती हैं, तो इसे 'गंभीर मोटापा' या 'क्लास 3 स्तर का मोटापा' कहा जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है।
मोटापा शरीर के कई अंगों पर बुरा असर डालता है और कई बीमारियों का कारण बन सकता है। हालांकि, पहले के अध्ययनों में हर बीमारी को अलग-अलग देखा गया था, जिससे मोटापे के कुल असर को समझना मुश्किल हो जाता था।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (अमेरिका) के वैज्ञानिकों ने अमेरिका के 2.7 लाख से ज्यादा लोगों के डेटा का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि जैसे-जैसे लोगों का मोटापा बढ़ता गया, वैसे-वैसे सभी 16 बीमारियों के होने के मामले भी बढ़ते गए।
पहले मोटापे की श्रेणी में 21.2 प्रतिशत लोग थे, दूसरी श्रेणी में 11.3 प्रतिशत और तीसरी श्रेणी में 9.8 प्रतिशत लोग थे। मोटापा सभी बीमारियों से बहुत ज्यादा जुड़ा हुआ था, और मोटापे की श्रेणी बढ़ने के साथ-साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ता गया।
इन 16 स्थितियों में उच्च रक्तचाप, टाइप 2 डायबिटीज, हाइपरलिपिडिमिया/डिस्लिपिडेमिया, हार्ट फेलियर, अनियमित दिल की धड़कन, एथेरोस्क्लेरोटिक हृदय रोग, क्रोनिक किडनी रोग, पल्मोनरी एंबोलिज्म, शरीर की नसों में खून का थक्का, गाउट, फैटी लिवर (मेटाबॉलिज्म से जुड़ा हुआ), पित्त की पथरी, स्लीप एप्निया (नींद में सांस रुकना), दमा, अम्लता व पेट की जलन (गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स) और हड्डियों व जोड़ों की बीमारी (ऑस्टियोआर्थराइटिस) शामिल हैं।
इनमें सबसे ज़्यादा संबंध स्लीप एप्निया, टाइप 2 डायबिटीज और फैटी लिवर से पाया गया।
वैज्ञानिकों ने कहा कि बढ़ते हुए गंभीर मोटापे के मामलों को देखकर यह जरूरी हो गया है कि समय रहते इलाज और जागरूकता बढ़ाई जाए। यह अध्ययन यह भी बताता है कि मोटापा कितनी बीमारियों को जन्म दे सकता है और इससे भविष्य में स्वास्थ्य नीतियों और इलाज की योजनाएं बनाई जा सकती हैं।