घर में मां और गौ माता का वास हो तो जीवन का कल्याण होता है : उत्तम स्वामीजी महाराज

घर में मां और गौ माता का वास हो तो जीवन का कल्याण होता है : उत्तम स्वामीजी महाराज

Uttam Swamiji Maharaj

Uttam Swamiji Maharaj

श्री गोपाल कृष्ण गौशाला  कल्पवृक्ष धाम मे श्रीराम कथा व सहस्त्रचंडी महायज्ञ ज्ञान गंगा प्रवाहित

कनेरा। Uttam Swamiji Maharaj: "घर में मां और गौ माता का आशीर्वाद रहता है उस घर का सदैव कल्याण होता(always good) है। माता -पिता के प्रेम के बिना लाखों की संपत्ति भी व्यर्थ होती(property worth lakhs would have been wasted) है माता-पिता का प्रेम जिसके पास होता है वह ब्रह्मांड का आदर्श नायक(hero of the universe) होता है। श्री राम ने माता पिता के वचन के पालन पर कहा कि माता पिता के वचन पर एक तरफ अयोध्या का राज एवं एक तरफ वनवास परंतु ऐसे अयोध्या के हजारों राज माता पिता के वचन के लिए त्याग कर सकते हैं।इसीलिए इस देश के युवाओं को माता-पिता की आज्ञा सदैव माननी चाहिए तभी उनके जीवन का कल्याण हो सकता है। उक्त विचार श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर अनंत विभूषित ध्यान योगी, विद्वान महर्षि उत्तम स्वामीजी महाराज ने कही। वे श्री गोपाल कृष्ण गौशाला एव कल्पवृक्ष धाम(Shri Gopal Krishna Gaushala and Kalpavriksha Dham) अनोपपुरा के प्रांगण में आयोजित श्री राम कथा के सप्तम दिवस में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग यदि श्रीराम के आदर्शों पर चलकर भक्ति कर रहे है तो परमात्मा उसकी सदैव रक्षा करते हैं। राम को वनवास के बाद अयोध्या की प्रजा उनके वियोग में दुखी हो गई थी राजा दशरथ ने कहा था कि राम के बिना वे जीवित नहीं रह पाएंगे। उत्तम स्वामीजी ने केवट और श्रीराम के प्रसंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि केवट ने श्री राम से नाव में बैठने के लिए पहले श्री राम के पैर धुलाने की आज्ञा मांगी थी जो आज भी आदर्श एवं प्रेरणादायी है। ईश्वर भावना प्रधान होता है वस्तु प्रदान नहीं। श्री कृष्ण ने सुदामा को चार मुट्ठी चावल के बदले सोने की नगरी का वरदान प्रदान कर दिया था। केवट के हाथ में राम के चरण आए थे, केवट ने राम से उतराई नहीं ली और कहा कि एक ही कार्य करने वाले किसी से पारिश्रमिक नहीं लेते हैं। श्री राम संसार के लोगों को भवसागर पार कराते हैं। केवट ने भवसागर पार करने वाले श्री राम को नदी पार करवाई थी। श्रीराम का लक्ष्य जीवन भर निष्कलंक रहना था इसीलिए उन्होंने वनवास को स्वीकार किया था। माता-पिता का प्रेम प्राप्त करना भाग्य की बात होती है। उत्तम स्वामीजी ने श्री राम कथा से जुड़े विभिन्न धार्मिक प्रसंगों के वर्तमान परिपेक्ष में महत्व प्रतिपादित किया। श्रीराम कथा में मध्य प्रदेश के सौर ऊर्जा एवं पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग, मध्य प्रदेश पर्यटन निगम के पूर्व अध्यक्ष तपन भौमिक भोपाल, चित्तौड़गढ़ के सांसद चंद्रप्रकाश जोशी, पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष हेमंत हरित नीमच, आसन दरियानाथ मंहत योगी लालनाथ, राज्यसभा सांसद संभाजी गवाई, विधायक दिलीप सिंह परिहार, जावद नगर पंचायत पार्षद श्रीमती माया शर्मा, पूर्व पार्षद एडवोकेट सत्यनारायण शर्मा, उद्योगपति समाजसेवी सत्यनारायण चौधरी, अरविंद अग्रवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्यप्रदेश के प्रचार प्रमुख विश्वजीत सिंह, श्रीगोपाल कृष्ण गौशाला एवं कल्पधाम के संरक्षक ठाकुर भंवरसिंह अनोपपुरा, अध्यक्ष पुष्कर शर्मा, उपाध्यक्ष सतीशचंद्र राठी, सह सचिव गीतालाल पचोरिया, राजेश बीर, कोषाध्यक्ष प्रेम प्रकाश सुथार, सह कोषाध्यक्ष कैलाश चन्द्र शर्मा, गोवर्धन लाल धंधोलिया, रामनारायण बीर, भेरुलाल गाजी, शांतिलाल चौहान, चंद्रशेखर मेहता, वैद्य लक्ष्मीनारायण जोशी, लसड़ावन सरपंच रमेश बोरीवाल, राधेश्याम टेलर केली, अंबालाल मीणा जलिया, अभिराज पांडे
सहित सैकड़ों महिला-पुरुष उपस्थित थे।