ऋषिकेश में हाईकोर्ट बेंच का वकीलों ने किया विरोध, BAR एसोसिएशन ने कहा- यह किसी के हित में नहीं

ऋषिकेश में हाईकोर्ट बेंच का वकीलों ने किया विरोध, BAR एसोसिएशन ने कहा- यह किसी के हित में नहीं

UTTARAKHAND HIGH COURT SHIFTING

UTTARAKHAND HIGH COURT SHIFTING

रुद्रपुर। UTTARAKHAND HIGH COURT SHIFTING: जिला बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट की सर्किट बैंच को ऋषिकेश में शिफ्ट करने का पुरजोर विरोध किया है। इसको लेकर प्रदर्शन करने के साथ ही अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से विरत रहे। उन्होंने सर्किट बैंच को जिला न्यायालय परिसर में स्थापित करने का सुझाव दिया है।

बृहस्पतिवार को जिला न्यायालय परिसर में जिला बार एसोसिएशन की अगुवाई में अधिवक्ताओं ने सांकेतिक प्रदर्शन किया। इसके बाद बार भवन में हुई बैठक में अधिवक्ताओं ने कहा कि पूर्व में हाईकोर्ट के सर्किट बैंच की शिफ्टिंग को लेकर सभी बार एसोसिएशन से अपने सुझाव मांगे गए। जिला बार एसोसिएशन ने कहा था कि जनपद मुख्यालय के अधिवक्ता वादकारी एवं आम जनता के हितों के विरुद्ध हाईकोर्ट की बैंच को कहीं अन्यंत्र स्थान पर शिफ्ट करने से मुश्किलों से जूझना पड़ेगा। हाईकोर्ट के सर्किट बैंच को जिला मुख्यालय में स्थापित करने पर जोर दिया था। यहां मुख्यालय के आसपास काफी भूमि खाली है। मुख्यालय के पास सुविधा की दृष्टि से तमाम औद्योगिक इकाइयां, श्रम न्यायालय, सरकारी अस्पताल, कलक्ट्रेट, जिला न्यायालय, आरटीओ, कोषागार, एसएसपी आफिस व विकास भवन हैं। उन्होंने हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश पर विचार कर सर्किट बैंच को जिला मुख्यालय में स्थापित करने की मांग की। वहां जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिवाकर पांडेय, सचिव सर्वेश कुमार सिंह, अखिलेश कुशवाहा, कार्यवाहक अध्यक्ष एमपी तिवारी, कार्यवाहक सचिव सुशीला मेहता, पावेल कठायत, अमित छावड़ा, अजय नारायण यादव, शाहिद हुसैन आदि थे। संवाद

काशीपुर में वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार, चक्का जाम

काशीपुर। उच्च न्यायालय नैनीताल की सर्किट बैंच ऋषिकेश में स्थापित किए जाने के विरोध में अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से विरत रहे। बृहस्पतिवार को काशीपुर बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने उच्च न्यायालय नैनीताल उत्तराखंड की बैंच ऋषिकेश में स्थापित किए जाने के आदेश पर कार्य बहिष्कार कर रोष व्यक्त किया। अधिवक्ताओं ने कोर्ट के सामने बैठकर चक्काजाम भी किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश चौबे ने कहा कि उच्च न्यायालय की पीठ ऋषिकेश में स्थापित होने से वादकारियों एवं अधिवक्ताओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इस आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। वहीं उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्य हरीश नेगी, वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि उच्च न्यायालय की पीठ ऋषिकेश में स्थापित किए जाने पर पुनर्विचार किया जाए। इस दौरान कई अधिवक्ताओं ने विचार रखे। वहां बार एसोसिएशन के सभी अधिवक्ता समस्त न्यायिक कार्यों से विरत रहे। इस दौरान नृपेंद्र चौधरी, अनूप शर्मा, सूरज कुमार, सौरभ शर्मा, हिमांशु बिश्नोई, सतपाल सिंह बल, कामिनी श्रीवास्तव, भास्कर त्यागी, कमल सक्सेना समेत कई अधिवक्ता मौजूद रहे।

इधर जसपुर में भी बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने विरोध प्रकट किया। बार एसोसिएशन के प्रांगण में अधिवक्ताओं ने सभा कर हाईकोर्ट की बैंच हल्द्वानी से ऋषिकेश आईडीपीएल क्षेत्र में शिफ्ट करने पर विरोध प्रकट कर न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया। निर्णय के विरोध में नारेबाजी भी की। यहां पर अध्यक्ष दिग्विजय सिंह, सलीम अहमद, सुंदर पाल सिंह, भावेश चंद मित्तल, मनदीप चौधरी, संजय शर्मा आदि उपस्थित रहे। वहीं बाजपुर में भी अधिवक्ताओं ने ऋषिकेश में उच्च न्यायालय की बैंच बनाए जाने के फैसले का विरोध किया। बार संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, सचिव नीरज जौहरी के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन में कृष्ण कुमार, विजय गर्ग, सरफराज समेत कई अधिवक्ता शामिल रहे। संवाद

अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन

खटीमा/सितारगंज। हाईकोर्ट की बैंच ऋषिकेश में स्थापित करने के आदेश के विरुद्ध बृहस्पतिवार को अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपकर बैंच को रुद्रपुर में स्थापित करने की मांग की।

खटीमा अधिवक्ता एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट की बैंच को ऋषिकेश में शिफ्ट करने के मौखिक आदेश का विरोध किया। उन्होंने बैंच को रुद्रपुर में स्थापित करने का समर्थन करते हुए कहा कि यहां पंतनगर हवाई अड्डा व रेलवे स्टेशन आदि की सुविधा है। इस दौरान सूरज प्रकाश राणा, हरजित सिंह,मनोहर विश्वकर्मा, विवेक जोशी, विनोद गहतोड़ी, अनिल राणा, सचिन राणा, ममता शर्मा, इलियास सिद्दीकी, लखविंदर सिंह आदि थे। इधर, सितारगंज में अधिवक्ताओं ने एसडीएम के माध्यम से मुख्य न्यायाधीश को भेजे ज्ञापन में कहा कि ऋषिकेश में बैंच स्थापित होने से पत्रावलियों का स्थानांतरण होगा। साथ ही अधिवक्ताओं को पत्रावलियों की पैरवी करने में दिक्कतें आएंगी और वादकारियों को भी इससे समस्याएं पैदा होगी। वादकारियों को नए अधिवक्ताओं की नियुक्ति करनी पड़ेगी। जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान होगा। इस दौरान दयानंद सिंह, हरीश दुबे, रवि कुमार सागर, गोविंद प्रकाश, राम बदन सागर, मनोरमा गुप्ता, फहीम अहमद पटौदी, प्रकाश ढाली, पूजा आदि थे।