39वें हुनर हाट के शुभारंभ: ग्रामीण हस्तशिल्प को विश्व के पटल तक पहुंचाने की पहल शुरू: पुरोहित
- By Vinod --
- Saturday, 26 Mar, 2022
Launch of 39th Hunar Haat: Initiative started to take rural handicrafts to the world's surface: Puro
गांव के लघु उद्योग विकसित होंगे तो देश फिर से सोने की चिडिय़ा बनेगा
हाट में आए सभी हस्त शिल्पों व दस्तकारों की प्रतियोगिता करवाई जाए
चंडीगढ़़ (साजन शर्मा)। देश के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 720 से अधिक दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों के 39वें हुनर हाट का शनिवार को पंजाब के राज्यपाल एवं नगर प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने परेड ग्राउंड में किया।
इस अवसर पर पुरोहित ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी ने ग्रामोद्योग और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने का आह्वाहन किया था। हमारे देश में कुशल कारीगरों, दस्तकारों की कोई कमीं नहीं है। हुनर हाट से इन कारीगरों, दस्तकारों को अपार आर्थिक अवसर प्राप्त हुए हैं।
पुरोहित ने कहा कि हुनर हाट के माध्यम से इन कारीगरों को एक बहुत बड़ा मंच मिला है। भारतीय कारीगरों की प्रतिभा को स्थानीय से वैश्विक स्तर पर ले जाने का व्यापक प्रयास है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी के संकल्पों मजबूत कर रहा है।
उन्होंने कहा कि हुनर हाट से देश की विलुप्त हो रही कला-संस्कृति को नई पहचान मिली है। स्वदेशी उत्पादनों के निर्यात की अपार सम्भावनाएं हैं और इस दिशा में हुनर हाट महत्वपूर्ण एवं सराहनीय प्रयास है। उन्होंने इस मौके पर केंद्रीय मंत्री के साथ दिल्ली चाट का स्वाद लिया। वहीं उन्होंने कहा कि इस हुनर हाट में अलग अलग राज्यों से आए कलाकारों की विभिन्न प्रतियोगिताएं करवाएं और इसमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहने कलाकारों को गवर्नर फंड से 51, 21 व 11 हजार का नकद ईनाम देने की बात कही। इससे हर राज्य के कलाकार में कुछ नया करने की ललक पैदा होगी और देश के पौराणिक हस्तशिल्प को नई पहचान विश्व में मिलेगी।
उन्होंने कहा कि भारत को सौने की चिडिय़ा बनाने के लिए हमें ग्रामीण हस्तशिल्प को विश्व के पटल तक पहुंचा कर ग्रामीण स्तर से रोजगार के साधन बढ़ाने होंगे। देश में इस उद्योग को पूर्व सरकारों की ओर से वह प्रोत्सान नहीं मिलने के कारण पिछड़ गया। आज की आधुनिकता की दौड़ में इंसान अपने पुराने कल्चर व कला को भूलता जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने गांव के कारीगरों को काम के साथ स्वरोजगार के साधन उपलब्ध ही नहीं करवा रही बल्कि उनके उत्पादों को देश के अलग अलग राज्यों में हुनर हाट के माध्यम से उनकी मार्किटिंग कर रही है।
विभिन्न स्टाल का भ्रमण भी किया और देश भर से आये दस्तकारों, शिल्पकारों की हौसलाअफजाई की। इस अवसर पर चंडीगढ़ की महापौर सरबजीत कौर; एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आफ इंडिया सत्यपाल जैन; अरुण सूद व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री एवं उपनेता, राज्यसभा, मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हुनर हाट अनेकता में एकता एवं सर्वधर्म समभाव का बेहतरीन उदाहरण है। दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों का हुनर ही धर्म है।
नकवी ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में हुनर हाट के माध्यम से 8 लाख 50 हजार से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों को रोजगार और रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं। इनमें 50 प्रतिशत से अधिक महिला कारीगर शामिल हैं।
नकवी ने कहा कि बावर्चीखाना सेक्शन में यहाँ आने वाले लोग, देश के विभिन्न क्षेत्रों के परंपरागत व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगें। इसके अलावा, मेरा गांव, मेरा देश, विश्वकर्मा वाटिका, प्रतिदिन होने वाले सर्कस, महाभारत का मंचन, प्रसिद्द कलाकारों के गीत-संगीत के कार्यक्रम, सेल्फी पॉइंट्स आदि हुनर हाट का प्रमुख आकर्षण हैं।