छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल स्व. बलरामजी दास टंडन की पत्नी बृजपाल टंडन का निधन
Brijpal Tandon Passes Away
भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य संजय टंडन की माता के निधन पर भाजपा नेताओं ने जताया शोक
वीरांगना बृजपाल टंडन ने आपातकाल की चुनौती का किया सामना, पति के 19 महीने जेल जाने पर बच्चों की खुद की परवरिश
बेटे संजय टंडन बोले, मां रहीं हमेशा प्रेरणादायक, अब केवल यादों का सहारा
चंडीगढ़, 24 अक्टूबर। Brijpal Tandon Passes Away: छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल स्व. बलरामजी दास टंडन की पत्नी बृजपाल टंडन का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बृजपाल टंडन के निधन से टंडन परिवार से मार्गदर्शक और प्रेरणास्त्रोत के तौर पर गहरा सदमा लगा है। गुरुवार दोपहर बाद उनका सेक्टर-25 स्थित स्वर्गधाम में अंतिम संस्कार किया गया, जहां पर संजय टंडन ने उन्हें मुखाग्नि दी।
भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं हिमाचल के सह प्रभारी संजय टंडन की माता बृजपाल टंडन ने गुरुवार को अंतिम सांस ली। बृजपाल टंडन लंबे समय से अस्वस्थ चल रही थी। गुरुवार को अस्पताल में अपने परिवारजनों के बीच बृजपाल टंडन ने संसारिक यात्रा को अलिवदा कहा। टंडन परिवार के लिए बृजपाल टंडन मार्गदर्शक थी, उन्होंने हमेशा अपने परिवार को हमेशा गरीबों की मदद और दूसरों की भलाई की सीख रही, जिसे आज उनके बेटे संजय टंडन बाखूबी निभा रहे हैं।
अमृतसर में 1932 को जन्मी बृजपाल टंडन स्व. बलरामजी दास टंडन के साथ 1958 में वैवाहिक बंधन में बंधी। बृजपाल टंडन साहसिक और वीरांगना थी , उन्होंने आपातकाल के बुरे काल का सामना किया। छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल एवं उनके पति बलरामजी दास टंडन आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल में रहे, उन्होंने अपने तीनों बच्चों, अलका, संजय और पूनम की न केवल खुद परवरिश की, बल्कि उन्हें चुनौतियों व संघर्ष से लड़ना भी सिखाया। सरकार के दबाव के बावजूद वे झुकी नहीं और अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहीं।
बृजपाल के बेटे संजय टंडन ने अपनी माता के निधन को अपूर्णीय क्षति बताते हुए कहा कि मां उनके लिए हमेशा प्रेरणादायक रहीं। उन्होंने उन्हें कठिनाइयों से लड़ना सिखाया और वे हमेशा मार्गदर्शक के तौर पर साय की तरह साथ रहीं। अब केवल उनकी यादें बाकी रह गई हैं। उन्होंने हमेशा सिखाया किया सत्य के पथ से अभी भी डगमगाना नहीं, उनके पिता स्व. बलरामजी दास टंडन आपातकाल की यातनाएं सहने के बाद भी अपने पथ पर अडिग रहे। वे भी हमेशा राष्ट्र सेवा और आमजन की भलाई के लिए तत्तर हैं। संजय टंडन की पत्नी और टंडन परिवार की बहू प्रिया टंडन ने अपनी सास के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि उनके सिर से मां का साय उठ गया है। उन्होंने हमेशा अपने परिवार को नैतिक मूल्यों के बंधन में बांधे रखा। 2018 में बलरामजी दास टंडन के निधन के बाद, उन्होंने परिवार का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी संभाली। दादी के रूप में उनकी भूमिका को संयोये रखा। "जय बंसीवाले" घर में एक परंपरा बन गई, जो प्रत्येक दिन की शुरुआत को चिह्नित करती है। उनके आदर्श - जैसे कि बड़ों के पैर छूने का महत्व - अगली पीढ़ियों को दिए जाने वाले पारिवारिक मूल्य हैं। भगवान कृष्ण की एक समर्पित अनुयायी, बृजपाल टंडन हर शुक्रवार को अपने सत्संग के लिए जानी जाती थीं, जिसे वह बड़े जुनून के साथ अपने घर पर आयोजित करती थीं।
सत्संग के दौरान उपस्थित जनसमूह को कहानी सुनाने के साथ अपने सुरीले भजनों से मंत्रमुग्ध कर देती थी। बृजपाल टंडन अपने पीछे प्रेम, आध्यात्मिकता और अटूट शक्ति की विरासत छोड़ गई हैं। उनका जीवन परिवार, आस्था और मूल्यों के प्रति समर्पण का प्रतिबिंब था और वे अपने आस-पास के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहीं। सेक्टर-25 स्वर्गधाम में पहुंचकर यूटी प्रशासक के सलाहकार राजीव वर्मा, गृह सचिव यूटी चंडीगढ़ मनदीप बराड़, भाजपा चंडीगढ़ अध्यक्ष जतिंदर मल्होत्रा, उपाध्यक्ष रामवीर भट्टी, भाजपा हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल, सिद्धार्थन महासचिव संगठन हिमाचल प्रदेश, हरियाणा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, चंडीगढ़ कांग्रेस पूर्व सांसद पवन बंसल, चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की ने बृजपाल टंडन को भावभीनी श्रद्धांजलि व्यक्त की। इसके साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, चंडीगढ़ सांसद मनीष तिवारी, आयुष्मान खुराना, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शोक व्यक्त किया।