last monday of shravan month: श्रावण मास का अंतिम सोमवार: मंदिरों में लगा भक्तों का तांता
last monday of shravan month: श्रावण मास का अंतिम सोमवार: मंदिरों में लगा भक्तों का तांता
अपने आराध्य देव को जल पुष्प अर्पित कर मांगी मंगलकामना
सनातन मंदिर धर्म सभा सेक्टर 46 ने लगाया खीर मालपुड़े का लंगर
last monday of shravan month: सावन माह के अंतिम सोमवार के अवसर पर श्री सनातन धर्म मंदिर सेक्टर 46 मंदिर कमेटी की ओर से मंदिर प्रांगण में खीर माल पुड़े का लंगर लगाया गया। जिसे भक्तों ने श्रध्दापूर्वक ग्रहण किया । मंदिर के पुजारी पंडित राहुल ने बताया कि सावन माह की शुरुआत 14 जुलाई 2022 से हो गयी थी। आज सावन मास का अंतिम सोमवार है और आज इसी के चलते सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। भक्तों ने अपने आराध्य देव की मूर्ति और शिवलिंग पर दूध, जल और पुष्प अर्पित कर सर्वजन की मंगल कामना मांगी। पंडित राहुल ने आगे बताया कि आज सुबह से ही रुद्राभिषेक के साथ शिव पुराण कथा के साथ पूरा दिन मंदिर में पूजा पाठ का सिलसिला जारी हो गया था। वही भक्तों ने खीरपुड़े के लंगर का प्रसाद ग्रहण किया।मंदिर कमेटी की ओर से सावन मास शुरू होने के साथ ही प्रत्येक सोमवार को सवेरे 6 बजे से लेकर रात्रि 8 बजे तक खीर मालपुड़े का लंगर लगाया गया था। एकादशी के अवसर पर आज मंदिर में आज व्रत वाले चावल की खीर भक्तों में बांटी गई थी।
last monday of shravan month: भगवान शिव के प्रिय मास सावन माह
श्री सनातन धर्म मंदिर कमेटी के प्रधान जतिंदर भाटिया ने बताया कि भगवान शिव के प्रिय मास सावन माह की शुरुआत 14 जुलाई, गुरुवार से हो गई थी। वहीं 18 जुलाई को पहला सोमवार पड़ा था और आज सावन मास का अंतिम सोमवार है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, सावन के महीने में भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से हर एक मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होत है। बाबा भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए भक्त सावन में सोमवार का व्रत रखते हैं। मंदिर कमेटी की ओर से मंदिर परिसर में श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को सुबह 6 बजे से रत 8 बजे खीरपूड़े का लंगर लगाया गया I उन्होंने बताया कि सावन मास के आज आखिरी सोमवार को भी सभा की ओर से खीर मालपुड़े का लँगर लगाया गया है, जिसे भगवान शिव के भक्तों और आम जन ने श्रद्धा से ग्रहण किया।
आज लगाए गए लंगर के मौके पर कमेटी के अध्यक्ष अध्यक्ष जितेंद्र भाटिया सहित डीडी शर्मा, ओपी सचदेवा, आर के आनंद, आर के जोशी, राजेश जोशी, राकेश सेठी, बी के मिगलानी, एम एल जिंदल, शाहिद, पंडित राहुल घड़ियाल, पंडित हरि किशन जी, पंडित शैलेंद्र जी, पंडित गोपाल जी इत्यादि मौजूद थे।