Krishnagiri Shaktipeeth Smelling: हजारों किलो मेवे एवं औषधियों के यज्ञ से महक रहा कृष्णगिरी शक्तिपीठ
Krishnagiri Shaktipeeth Smelling
मां पद्मावती के उजाले में आशीर्वाद रूपी छाया का साया सदैव रहेगा साथ : डॉ वसंतविजयजी म.सा.
लक्ष्यप्राप्ति नवरात्रि में देवी स्तुतियों के श्रवण मात्र से श्रद्धालुओं के हो रहे चमत्कारिक सिद्ध काम
कृष्णगिरी। Krishnagiri Shaktipeeth Smelling: शक्तिमय पतित पावन श्रीपार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम कृष्णगिरी में 10 दिवसीय लक्ष्य प्राप्ति नवरात्रि महामहोत्सव के तहत विश्व स्तरीय व ऐतिहासिक मां की भक्ति आराधना श्रद्धालुओं के लिए चमत्कारिक प्रसंग अनुभवों के साथ सुचारू रूप से जारी है। शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत परम पूज्य गुरुदेव श्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब की दिव्य पावन निश्रा में मां पद्मावती का प्रतिदिन हजारों लीटर दूध से अभिषेक, श्रीमद् देवी भागवत कथा वाचन के साथ साथ शाम को मां पद्मावतीजी की प्रसन्नता हेतु हवन यज्ञ में आहुतियां दी जा रही है। पाताल लोक की नागरानी देवी साम्राज्यलक्ष्मी स्वरूपा मां पद्मावतीजी की प्रसन्नता के लिए नित्य विभिन्न प्रकार के हजारों किलो मेवे, विविध औषधियों इत्यादि की हवन यज्ञ में आहुतियां दी जा रही है। बीज मंत्रों के उच्चारण व देवी प्रिय नादेश्वर संगीत राग ध्वनि के साथ हवन यज्ञ की अतिदिव्य महक से श्रद्धालु भक्तों का रोम-रोम झंकृत हो रहा है। यह महक अनेक लोगों के दुख, रोग, संकट व कष्टों का निवारण करते हुए उन्हें समृद्धि प्रदान करने वाली साबित हो रही है। ऐसे अनुभव प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्तों द्वारा बताए जा रहे हैं। पूज्य गुरुदेवश्रीजी द्वारा इसी क्रम में गुरुवार को नवरात्रि के चौथे दिन मां पद्मावतीजी के 108 नामों की स्तुति का संगीतमय वाचन किया गया। साथ ही ब्रह्मांड के 12 सूर्यों के चैतन्ययुक्त जड़ रूपी शक्ति की भक्ति प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देवी मां के ललाट के एकाग्र युक्त दर्शन करने से मन के विकार मिटते हैं। भक्तों को चांद स्वरुप ललाट यह दर्शन चिंता मुक्त एवं मन को प्रसन्न करने वाला होकर वह मनोविजेता कहलाता है। डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने कहा कि जिस प्रकार व्यक्ति धूप में चलता है तब छाया साथ चलती है, अंधेरे में नहीं चलती। इसी प्रकार यदि श्रद्धा और विश्वास के साथ कृष्णगिरी वाली मां पद्मावतीजी के दरबार में आए हो तो निश्चिंत रहें उसके उजाले में जो आशीर्वाद रूपी छाया का साया साथ चलेगा तो व्यक्ति को दुख संकटों से निकालकर समृद्धि के शिखर तक पहुंचा देगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि दैवीय भक्ति के साथ–साथ व्यवहारिक जीवन में विवेक से जीवन जीना भी सीखना होगा। वे बोले, भगवान को मानने वाला विवेकी भी होना चाहिए। उन्होंने बताया कि नवरात्रि की पंचमी नाग पंचमी के रूप में मनाते हुए देवी मां पद्मावतीजी को शुक्रवार को एक हजार आठ प्रकार के व्यंजन भोग प्रसाद अर्पण किए जाएंगे। रात्रि में हजारों दीपों से मां की अतिभव्य सामूहिक महाआरती भी सुचारू रूप से जारी है। तीर्थ धाम ट्रस्ट द्वारा उपस्थित सभी भक्तो को प्रसाद प्रभावना स्वरुप उपहार भी प्रतिदिन दिए जा रहे हैं। गुरुवार को गुरुभक्त हेमंत भाई पांडे परिवार ने देवी मां की आरती व हवन यज्ञ का लाभ लिया। मुंबई के संतश्री वज्रतिलकजी महाराज आदि ठाणा–दो सहित दुनियाभर के 9 देशों व करीब 27 राज्यों से बड़ी संख्या में कृष्णगिरी पहुंचे श्रद्धालु भक्त मां की अभिनव भक्ति, जप, साधना से सरोबार हो रहे हैं। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूज्य गुरुदेवश्रीजी के अधिकृत वेरीफाइड यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव प्रसारित किया जा रहा है।