Kolkata Doctor Rape Murder: दिल्ली से केरल तक आज भी हड़ताल पर डॉक्टर
Kolkata Doctor Rape Murder Case
नई दिल्ली। Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता में डाक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, उत्तराखंड व महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में रेजीडेंट डाक्टर हड़ताल पर हैं। इससे बड़े अस्पतालों में मरीजों को समस्या का सामना करना पड़ा। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) इंडिया ने जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली।
FAIMA ने कहा जारी रहेगी हड़ताल
वहीं, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने बताया कि वह आज (बुधवार) को भी हड़ताल पर रहेंगे। फाइमा डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रोहन कृष्णन ने कहा कि हमें खबर मिली है कि रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के एक संगठन ने हड़ताल वापस ले ली है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) डॉक्टर्स एसोसिएशन कल हड़ताल पर है। हम कल भी हड़ताल जारी रखेंगे क्योंकि हमारी केवल एक मांग पूरी हुई है, मामला सीबीआई को देने की। यह उच्च न्यायालय द्वारा किया गया था। हमें राज्य सरकार या केंद्र सरकार से ज्यादा सहयोग नहीं मिला है।
आगे कहा कि हम स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम चाहते हैं और हम उस पर कुछ ठोस चाहते हैं। मैं स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध करता हूं कि वे हमें कुछ ठोस दें ताकि भविष्य में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ ऐसा कुछ न हो, यह समय का चरम है।
साथ ही कहा कि हमने पूरे भारत में 60 से अधिक मेडिकल कॉलेजों आरडीए के साथ अपने लगभग सभी संबद्ध आरडीए के साथ बैठक की। हमने फैसला किया है कि हम हड़ताल जारी रखेंगे. हम ओपीडी और वैकल्पिक ओटी नहीं करेंगे। हालाँकि, आपातकालीन कार्य जारी रहेंगे। जब तक हमें राज्य सरकार से और केंद्र सरकार से सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट के बारे में उचित ठोस बात नहीं मिल जाती, हम यह हड़ताल बंद नहीं करेंगे।
दिनभर भटकते रहे मरीज
मंगलवार को एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, लोकनायक, जीबी पंत सहित 18 से अधिक अस्पतालों में रेजिडेंट डाक्टर हड़ताल पर रहे। अस्पतालों में ओपीडी सेवा 50 से 70 प्रतिशत तक प्रभावित रही। नियमित सर्जरी पूरी तरह ठप रही। दिल्ली के एम्स, सफदरजंग, आरएमएल व जीबी पंत अस्पताल में लैब सेवा भी प्रभावित रही। मरीजों को सर्जरी, लैब जैसी सेवाओं के लिए भी दिनभर भटकना पड़ा।
एम्स में रेजीडेंट डॉक्टरों ने जमकर नारेबाजी की
डॉक्टरों ने पैदल मार्च कर विरोध-प्रदर्शन किया। एम्स में रेजीडेंट डाक्टरों ने जमकर नारेबाजी की। सफदरजंग अस्पताल के रेजीडेंट डाक्टरों ने मांग की कि डाक्टरों की सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लाया जाए। डॉक्टरों ने कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती, वह हड़ताल जारी रखेंगे। रांची, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर, देवघर समेत विभिन्न शहरों में भी डाक्टर हड़ताल पर रहे।
प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी विरोध प्रदर्शन हुआ
रांची स्थित रिम्स से करीब 2000 से अधिक मरीजों को बिना इलाज वापस लौटना पड़ा। भोपाल में एम्स व गांधी मेडिकल कालेज के जूनियर डाक्टरों ने हाथ में काली पट्टी बांधकर काम किया। प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी विरोध प्रदर्शन हुआ। पटना में एम्स सहित सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अस्पतालों में पहले से तय सभी सर्जरी स्थगित कर दी गईं। यहां विरोध प्रदर्शन में वरिष्ठ चिकित्सक भी शामिल रहे। उत्तर प्रदेश में भी डाक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।
मरीजों को बिना इलाज ही लौटना पड़ा
लखनऊ के एसजीपीजीआइ, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, केजीएमयू सहित प्रदेश भर में सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बिना इलाज ही लौटना पड़ा। डॉक्टरों के आक्रोश को देखते हुए पंजीकरण काउंटर भी खाली रहे। ऋषिकेश एम्स और दून मेडिकल कालेज के पीजी चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार किया। उन्होंने ओपीडी, आइपीडी एवं ओटी में अपनी सेवाएं नहीं दी।