जानिए कौन हैं योगी मंत्रिमंडल का मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद अंसारी, कैसे बन गए योगी के खास

जानिए कौन हैं योगी मंत्रिमंडल का मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद अंसारी, कैसे बन गए योगी के खास

जानिए कौन हैं योगी मंत्रिमंडल का मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद अंसारी

जानिए कौन हैं योगी मंत्रिमंडल का मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद अंसारी, कैसे बन गए योगी के खास

लखनऊ। लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ के साथ उनके कौन कौन से मंत्री शपथ लेंगे, इससे पर्दा उठ गया है। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ दो डिप्टी सीएम समेत 52 मंत्री भी शपथ लेंगे। अब दिनेश शर्मा की जगह लखनऊ कैंट से विधायक ब्रजेश पाठक उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे। केशव प्रसाद मौर्य चुनाव हारने के बाद भी उपमुख्यमंत्री बनेंगे।

योगी आदित्यनाथ ने शपथ से पहले शुक्रवार सुबह अपने सभी भावी मंत्रियों को चाय पर बुलाया। इसके बाद विधायकों की आमद के साथ ही मंत्रियों के नाम से भी धीरे-धीरे पर्दा उठने लगा। कुछ विधायकों ने बाहर आकर इसका खुलासा भी किया कि फोन के बाद उन्हें शाम को मंत्री पद की शपथ की सूचना दी गई है।

योगी आदित्यनाथ की सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री मोहसिन रजा के स्थान पर अब दानिश आजाद अंसारी होंगे। उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है। दानिश छह साल तक भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता रहे हैं।

योगी सरकार में मोहसिन रजा की जगह मंत्री बने दानिश आजाद अंसारी केवल मुस्लिम चेहरा नहीं हैं बल्कि वह उस पसमांदा यानी पिछड़े मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि हैं, जो एक अर्से से अपनी अनदेखी की आवाज उठा रहा है।

दानिश उन चेहरों में हैं, जो पार्टी के लिए मेहनत करते रहे हैं। 2017 में इसका पहला इनाम भी उन्हें मिला। तब दानिश को उर्दू भाषा समिति का सदस्य बनाया गया। 2022 के चुनाव से ठीक पहले उन्हें भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का महामंत्री बनाया गया।

दानिश आजाद अंसारी मूल रूप से बलिया के बसंतपुर के रहने वाले हैं। उम्र 32 साल है। 2006 में लखनऊ विश्वविद्यालय से बीकाम की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद यहीं से मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट फिर मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है।

जनवरी 2011 में भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए। यहीं से दानिश के आजाद ख्यालात लखनऊ विश्वविद्यालय में गूंजने लगे। दानिश ने खुलकर एबीवीपी के साथ-साथ भाजपा और आरएसएस के लिए युवाओं के बीच माहौल बनाया। खासतौर पर मुस्लिम युवाओं के बीच।

दानिश 2018 में फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के सदस्य रहे। बाद में उन्हें उर्दू भाषा समिति का सदस्य बना दिया गया। ये एक तरह से दर्जा प्राप्त मंत्री का पद होता है। इस बार चुनाव से पहले अक्टूबर 2021 में दानिश को बड़ी जिम्मेदारी मिल गई। भाजपा ने अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री पद की जिम्मेदारी दे दी।