अगर खरीदने जा रहे है प्रॉपर्टी, तो लोन लेने से पहले जानें क्या है Pre-EMI और Full EMI
अगर खरीदने जा रहे है प्रॉपर्टी, तो लोन लेने से पहले जानें क्या है Pre-EMI और Full EMI
नई दिल्ली। अगर आपने कभी अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में इंवेस्ट करने को लेकर किसी बिल्डर या बैंक से बात की होगी तो आपने Full-EMI और Pre-EMI शब्द कई बार सुने होंगे। यह दोनों लोन से जुड़ी टर्म हैं. आम तौर पर बैंक होम लोन के लिए Pre-EMI और Full-EMI के दो ऑप्शन देते हैं। लेकिन, अगर आप Pre-EMI और Full-EMI के कॉन्सेप्ट को लेकर कन्फ्यूज हैं, तो आज इस कंन्फ्यूजन को दूर करने का दिन है।
EMI यानी इक्वेटेड मंथली इंस्टोलमेंट। यह प्रिंसिपल अमाउंट और इंटरेस्ट, दोनों से मिलकर बनती है। जब बैंक आपके लोन का पूरा पैसा बिल्डर को डिस्बर्स कर देता है, तब ईएमआई शुरू होती है। मान लीजिए कि किसी मकान के लिए आपने 50 लाख रुपये का होम लोन लिया और उसके कंस्ट्रक्शन का काम पूरा होने पर आपको पजेशन मिल गया है। अब पजेशन मिलने के बाद जो इएमआई शुरू होगी, वह फुल इएमआई कहलाएगी।
वहीं, जब अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में लिए गए आपके घर का आपको पजेशन नहीं मिलता है, तब तक चुकाई जाने वाली ईएमआई को प्री-इएमआई कहते हैं। मान लीजिए आपने किसी फ्लैट के लिए 50 लाख रुपये का होम लोन लिया लेकिन शुरू के कुछ साल आपको कंस्ट्रक्शन काम चलने के कारण पजेशन नहीं मिला, तो बैंक बिल्डर को पूरा पेमेंट नहीं करेगा। जैसे-जैसे कंस्ट्रक्शन होता जाएगा बैंक बिल्डर को पैसा देता रहेगा। इस दौरान आप जो ईएमआई देते हैं, उसे प्री-ईएमआई कहते हैं।
Pre-EMI में आपको सिर्फ डिस्बर्समेंट अमाउंट पर सिंपल इंटरेस्ट चुकाना होता है जबकि Full-EMI में आपको प्रिंसिपल अमाउंट और इंटरेस्ट, दोनों चुकाने होते हैं। Pre-EMI तभी से शुरू हो जाती है, जब बिल्डर को पहला पेमेंट डिस्बर्समेंट होता है जबकि Full-EMI पजेशन मिलने के बाद शुरू होती है। Pre-EMI भरने पर प्रिंसिपल अमाउंट नहीं घटता है जबकि Full-EMI में प्रिंसिपल अमाउंट भी घटता है।