कैसे काम करती है बिजली पर चलने वाली ट्रेनें? जानें इनमे क्यों नहीं जाती है बिजली
- By Sheena --
- Friday, 10 Mar, 2023
Know how do electric trains work on tracks?
Electric Train Voltage: भारत में रेलवे का विशाल नेटवर्क है और हर रोज़ हज़ारो ट्रेनें चलती है और लाखों लोगो को उनकी मंज़िल पर पहुंचाती है। कुछ ट्रेनें कोयले से तो कुछ डीजल से और कुछ बिजली पर भी चलती है। अब आप भी सोचते होंगे कि इन बिजली की ट्रेनों को चलने के लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा की जरूरत होती है। यही कारण है कि स्पीड बढ़ाने के साथ रेलवे ने डीजल जैसे पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता भी घटाई है और देश में तेजी से रेल का विद्युतीकरण किया जा रहा है। आज कई रूट पर ट्रेनें बिजली से दौड़ती हैं और 3375 रूट किलोमीटर का इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा हो चुका है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इन भारी-भरकम ट्रेन और उसमें सवार हजारों यात्रियों को तेज गति से दौड़ाने के लिए रेल इंजन को कितने वोल्ट बिजली (Electric Train Voltage) की जरूरी पड़ती होगी। ये सवाल जरूर सोचने वाला है। आज हम आपको इसके बारे में पूरी डिटेल में बताएंगे।
ट्रेन को चलाने के लिए कहां से आती है बिजली?
रेलवे की वेबसाइट के मुताबिक, बिजली से चलने वाली ट्रेनों को 25 हजार वोल्टेज (25KV) की जरूरत होती है। यह करंट इंजन के ऊपर लगे एक यंत्र पेंटोग्राफ के जरिये इंजन तक आता है। ट्रेनों के ऊपर दौड़ने वाले बिजली के तारों को ओवर हेड इक्यूपमेंट (OHE) कहते हैं। रेलवे को बिजली सीधे पॉवर ग्रिड से मिलती है, यही कारण है कि इसमें कभी बिजली नहीं जाती है। ग्रिड को पॉवर प्लांट से सप्लाई होती है, जहां से सबस्टेशंस पर भेजा जाता है। सब स्टेशन से डायरेक्ट 132 KV की सप्लाई रेलवे को जाती है और यहां से 25KV OHE को दिया जाता है। यही कारण है कि आपको अक्सर रेलवे स्टेशंस के किनारे बिजली के सब स्टेशन देखने को मिलते हैं।
ट्रेन में कौन सा करंट इस्तेमाल?
शुरुआत में रेलवे ने डाइरेक्ट करंट यानी DC इंजन का इस्तेमाल किया। इसमें टॉर्क काफी ज्यादा था और भारी-भरकम ट्रेन को चलाने के लिए जरूरी पॉवर देने में सक्षम था। इस इंजन में लगे ट्रांसफॉर्मर में 25KV पॉवर डाला जाता था। फिर AC करंट को रेक्टिफायर की मदद से DC में बदला जाता था। हालांकि, अब नए तरह के इंजन में सीधे AC इन्डक्शन मोटर का इस्तेमाल होता है। यह काफी हल्के और मजबूत होते हैं और ट्रेन को शुरुआती टॉर्क देने में भी सक्षम हैं।
बिजली जाने पर भी नहीं रुकती ट्रेन
वैसे तो रेलवे को बिजली की डाइरेक्ट सप्लाई होती है तो कटने का डर नहीं होता. बावजूद इसके अगर कभी 2-4 मिनट के लिए बिजली चली भी जाए तो चलती ट्रेन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और वह अपनी स्पीड में चलती रहेगी। लेकिन, अगर ट्रेन खड़ी है तो बिना बिजली आए और पूरा पॉवर मिले इसे हिलाया भी नहीं जा सकता है। इसलिए इन ट्रेनों के चलने की आवाज़ से भी पता लग जाता है कि यह बिजली से चलने वाली ट्रेनें है। ऐसे ट्रेनें लंबे सफर के लिए ज्यादा इस्तेमाल जाती है लेकिन इसके लिए एक इलाके से दूसरे इलाके तक का बिजली की सप्लाई का पूरा मुआयना किया जाता और अच्छा इलेक्ट्रिक नेटवर्क तैयार किया जाता है।