प्रेमानंद जी महाराज से जाने युवाओं में नशे की लत को दूर करने के उपाय
Premanand Maharaj: आजकल युवाओं में नशे की लत का मामला बड़ी तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। 12 13 साल के छोटे-छोटे बच्चे सिगरेट और कई हानिकारक पदार्थों का सेवन करते हैं। जैसा कि सभी को पता है कि एक बार यदि इन हानिकारक नशीले पदार्थों का सेवन कोई करता है तो फिर उसे उसकी आदत लगना बड़ी ही आम बात है। छोटे बच्चे यदि इन नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं तो उनका जीवन काफी अशांत और नकारात्मकता में जा सकता है। वृंदावन में रहने वाले प्रेमानंद जी महाराज ने इसी नशे की आदत को दूर करने के लिए एक बड़ी ही महत्वपूर्ण और गहरी बात कही। प्रेमानंद महाराज ने कुछ प्रभावित तरीके बताएं जिन्हें अपना आकर माता-पिता अपने बच्चों की नशे की लत को छुड़ा सकते हैं।
कैसे छुड़ाएं नशे की लत
प्रेमानंद महाराज नाम छोटे-छोटे बच्चों के द्वारा नशीले पदार्थों का सेवन करने पर रोक लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि नशे के शिकार बच्चों को प्यार दुलार से समझना चाहिए, उसे इतना प्यार करें कि आपका बच्चा नशे की लत आपके प्यार के कारण ही छोड़ दे। विरोध समाधान नहीं होता है प्यार से ही आप बच्चे की नशे की आदत छुड़ा सकते हैं। इसका यही एक मात्र साधन है इसके अलावा आप नशे की लत छुड़ाने के लिए डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं। इसके साथ ही प्रेमानंद महाराज ने कहा कि आपको शुरू से ही बच्चे को समय देना चाहिए ताकि वह बुरी संगत में ना पड़े। अगर माता-पिता बच्चों से खुलकर बात करेंगे तो पता चलेगा कि उनके जीवन में क्या चल रहा है इससे बच्चे गलत रास्ते पर नहीं जाएंगे।
नशे की लत से शारीरिक और मानसिक स्थिति पर पड़ता है बुरा असर
प्रेमानंद जी महाराज अक्सर अपनी बातों के लिए और अपने मनमोहन अवतार के लिए जाने जाते हैं। उनकी बातें सुनकर बुरे से बुरे लोग भी अच्छा रास्ता अपना लेते हैं। प्रेमानंद जी महाराज ने नशे की लत को लेकर कहा की मां-बाप को अपने बच्चों से या कहना चाहिए कि यदि तुमसे कोई गलती हो जाती है तो वह उनसे शेयर करें। बच्चों को डांटना फटकारना की बजाय कुछ अच्छे तरीकों को अपनाकर बच्चों के नशे की लत को हटाया जा सकता है। बच्चों को यह बताना जरूरी है कि नशे का प्रभाव उनके शरीर और मानसिक स्थिति पर किस तरह का असर डालता है प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि यदि बच्चे नशे के दुष्परिणामों को समझेंगे तो वैसे छोड़ने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।