Khatu Shyam Darshan Closed For Tilak: खाटू श्याम के दर्शन होंगे बंद; भक्त पढ़ लें मंदिर कमेटी से जारी यह सूचना

खाटू श्याम के दर्शन होंगे बंद; भक्त पढ़ लें मंदिर कमेटी से जारी यह सूचना, वरना बाद में हैरान होंगे

Khatu Shyam Darshan Closed For Tilak

Khatu Shyam Darshan Closed For Tilak

Khatu Shyam Darshan Closed For Tilak: राजस्थान के सीकर में स्थित प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर से एक अहम सूचना जारी हुई है। खाटू श्याम बाबा के दर्शन भक्तों के लिए एक बार फिर बंद होंगे। श्री श्याम मंदिर कमेटी ने सूचना जारी करते हुए बताया कि, 20 फरवरी की रात 12 बजे से 21 फरवरी शाम 5 बजे तक खाटू श्याम बाबा के दर्शन सार्वजनिक तौर पर भक्तों के लिए बंद रहेंगे।

खाटू श्याम बाबा के तिलक के चलते बंद रहेंगे दर्शन

श्री श्याम मंदिर कमेटी ने बताया कि, फाल्गुन के शुक्ल पक्ष को परमपरा अनुसार खाटू श्याम बाबा के तिलक की रस्म की जाती है और इस दौरान खाटू श्याम बाबा के दर्शन सार्वजनिक तौर पर बंद रखे जाते हैं। इसलिए जब इस बार तिलक 21 फरवरी को किया जाना है तो बाबा के दर्शन 20 फरवरी की रात 12 बजे से ही बंद कर दिए जाएंगे और तिलक की रस्म पूर्ण होने के बाद 21 फरवरी शाम 5 बजे के बाद दोबारा दर्शन खोले जाएंगे।

Khatu Shyam Darshan Closed For Tilak
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लंबे समय बाद खुले हैं खाटू श्याम के दर्शन

बतादें कि, लंबे समय बाद हाल ही में 6 फरवरी को खाटू श्याम के दर्शन खोले गए हैं। मंदिर परिसर विस्तार और भक्तों के लिए दर्शन की व्यवस्था को सहज बनाने के चलते 13 नवंबर 2022 को लोगों के लिए दर्शन व्यवस्था पूर्ण रूप से बंद कर दी गई थी। खाटू श्याम के भक्त इस घड़ी का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे।

खाटू श्याम के दर पर उमड़ती है भारी भीड़

राजस्थान के सीकर में स्थित प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर की मान्यता शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। खाटू श्याम बाबा की एक झलख पाने के लिए उनके दर पर भक्तों की भीड़ इसप्रकार उमड़ती है कि सभलें नहीं संभलती। कहते हैं कि, खाटू श्याम बाबा अरदास बड़ी जल्दी सुनते हैं और अपने भक्तों को बड़े से बड़े संकट से उभार देते हैं। उनके हर बिगड़े काम बना देते हैं। किसी रंक की गरीबी हर लेते हैं और तो और किसी को बड़ी से बड़ी बीमारी से मुक्त कर देते हैं। मान्यता कि समर्पण और हारकर खाटू श्याम के दर पर आया कोई व्यक्ति निराश नहीं जा सकता।

भगवान श्री कृष्ण के आशीर्वाद से सीकर में विराजे

बतादें कि, पांच पांडव में भीम के पौत्र बर्बरीक ही खाटू श्याम हैं। बर्बरीक ने तपस्या करके काफी शक्तियां हासिल कर रखी थीं। लेकिन महाभारत युद्ध के दौरान उनकी शक्तियों को देखते हुए भगवान श्री कृष्ण ने उनका बलिदान ले लिया। वहीं जब महाभारत युद्ध जब खत्म हुआ तो भगवान श्री कृष्ण ने ही बर्बरीक को अपना श्याम नाम देकर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू में विराजने को कहा। इस दौरान भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक को अपनी शक्तियां प्रदान कीं और कहा कि वह कलयुग में सबकी मुरादें पूरी करेंगे। कलयुग में खाटू श्याम के नाम का डंका बजेगा। इसलिए खाटू श्याम बाबा भगवान श्री कृष्ण की ही एक शक्ति हैं।