Lakhbir Singh Rode Dead| पाकिस्तान में भारत का एक और दुश्मन खत्म; खालिस्तानी आतंकी लखबीर रोडे की मौत, KLF का प्रमुख था
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पाकिस्तान में भारत का एक और दुश्मन खत्म; इस खालिस्तानी आतंकी की मौत, जरनैल सिंह भिंडरांवाले का था भतीजा, ISI के साथ साजिशें कीं

Khalistani Terrorist Lakhbir Singh Rode Dead In Pakistan Update

Khalistani Terrorist Lakhbir Singh Rode Dead In Pakistan Update

Lakhbir Singh Rode Dead: भारत के एक और दुश्मन का खात्मा हो गया है। दरअसल, भारत के मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह रोडे की पाकिस्तान में मौत होने की खबर है। लखबीर की उम्र 72 साल थी। बताया जा रहा है कि, दिल का दौरा पड़ने से लखबीर सिंह रोडे की मौत हुई है। लखबीर सिंह रोडे काफी लंबे समय से पाकिस्तान में ही रह रहा था और वहां से भारत को दहलाने की कोशिशें करता रहता था। खासकर पाकिस्तान से सटे पंजाब में लखबीर सिंह रोडे ने हिंसा फैलाने की तमाम साजिशें कीं। इसीलिए भारत ने लखबीर सिंह रोडे को UAPA के तहत वॉन्टेड आतंकी घोषित कर रखा था।

जरनैल सिंह भिंडरवाले का भतीजा था

जानकारी के अनुसार, प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन से संबन्धित खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) का लखबीर सिंह रोडे प्रमुख था। इसके साथ ही वह इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का भी संचालन करता था। लखबीर सिंह रोडे पंजाब के गांव रोडे का रहने वाला था और खालिस्तान की मांग को लेकर हिंसा फैलाने वाले जरनैल सिंह भिंडरवाले का भतीजा था। जरनैल सिंह भिंडरावाले का भी गांव रोडे ही था. बताया जाता है कि, लखबीर सिंह ने गांव का नाम अपने नाम के पीछे लगा लिया था।

जरनैल सिंह भिंडरवाले के नक्शे कदम पर चलते हुए लखबीर सिंह रोडे पंजाब को खालिस्तान बनाना चाहता था। वह पाकिस्तान में अपना ठिकाना बनाकर वहां की आईएसआई जैसी एजेंसियों की मदद से भारत विरोधी एजेंडा चलाता था। लखबीर सिंह साल 1996-97 के आसपास पाकिस्तान भाग गया था। लखबीर सिंह रोडे को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से इस कदर समर्थन प्राप्त था कि भारत और खासकर पंजाब को दहलाने के लिए उसने आईएसआई कई स्लीपर सैल तैयार कर रखे थे। आईएसआई की मदद लेकर रोडे पाकिस्तान से हथियारों, विस्फोटकों और नशीले पदार्थों की तस्करी पंजाब में करवाता था।

फिलहाल, इस साल पाकिस्तान में अब तक दो खालिस्तानी मौत का शिकार हो चुके हैं। इससे पहले 6 मई 2023 को खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजावर की अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। परमजीत खालिस्तानी कमांडो फोर्स नाम के संगठन को चलाता था। इसके अलावा पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के आतंकी भी मारे जा रहे हैं। अभी हाल ही में पाकिस्तान में भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी शाहिद लतीफ को मार गिराया गया था। सियालकोट में कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने आतंकी शाहिद लतीफ को गोलियां मारीं और उसकी हत्या कर दी थी। शाहिद तलीफ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला का रहने वाला था। वह आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था।

वह भारत में आतंकवादियों को लॉन्च करने और उनकी निगरानी का काम करता रहता था। शाहिद लतीफ भारत में आतंकवादी हमलों की योजनाएं बनाने में शामिल रहा। पठानकोट आतंकी हमले की साजिश भी इसी शाहिद लतीफ ने रची थी। शाहिद लतीफ पठानकोट आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जाता था। इसके अलावा 1999 कंधार विमान हाईजैकिंग में भी यह आरोपी माना जाता रहा है।

भारत में बंद रहा, 2010 में छूटा

शाहिद लतीफ को यूएपीए के तहत केस दर्ज कर साल 1994 में भारत द्वारा गिरफ्तार किया गया था। वह भारत की जेल में 2010 तक रहा और उसने करीब 16 साल की सजा काटी। लेकिन इसके बाद उसे पाकिसतान को सौंप दिया गया। बता दें कि, राशिद लतीफ से पहले भी पाकिस्तान में कई आतंकियों की हत्या की जा चुकी है। जो भारत के खिलाफ साजिश रचते रहे हैं।

पाकिस्तान से बाहर देशों में भी मारे जा रहे खालिस्तानी आतंकी

पिछले दिनों खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर का मर्डर हो गया था। कनाडा में निज्जर को गोलियों से भून मौत के घाट उतार दिया गया था। हरदीप निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स की चीफ था और वह भारत में हिंसक साजिशें रचने और आपराधिएक गतिविधियों में शामिल रहा। जिसके चलते वह भारत सरकार की वांटेड लिस्ट में था। National Investigation Agency (NIA) ने हरदीप निज्जर को आतंकी घोषित कर उसपर 10 लाख रूपए का इनाम रखा हुआ था। इसके अलावा कनाडा में ही खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के बाद पंजाब के नामी गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनिके की ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी।

गैंगस्टर सुखदूल सिंह पंजाब के मोगा जिले का रहने वाला था। उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे। सुरक्षा एजेंसियों की दबिश को देखते हुए सुखदूल साल 2017 में जाली दस्तावेजों की मदद से भारत छोड़कर कनाडा भाग गया था और तबसे कनाडा में रहकर ही आपराधिक गतिविधियां कर रहा था। सुखदूल सिंह खालिस्तान का समर्थक भी रहा और उसके कनाडा बेस्ड खालिस्तानी आतंकियों के साथ संबंध रहे। सुखदूल सिंह की तलाश भारत की NIA टीम को भी थी